Good News: राजधानी के पुराने बस स्टैंड में जाम से मिलेगी राहत, अब एमसी पार्किंगं टूटीकंडी में चार्ज होंगी ई बसें
हाइलाइट्स
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ईबसों के चार्जिंग में लगे होने के कारण बस स्टैंड में लगता था जाम
पोस्ट हिमाचल न्यूज एजेंसी
शिमला। शिमला शहर के पुराने बस स्टैंड में अब इलैक्ट्रिक बसों की चार्जिंग होने के चलते जाम नहीं लगेगा। अब पुराना बस स्टैंड में चार्ज होने वाली इलैक्ट्रिक बसें एमसी पार्किंग टूटीकंडी में चार्ज होगी। इसके लिए निगम प्रबंधन ने एम.सी पार्किंग में तीन चर्जिंग स्टेशन स्थापित कर वहां बसों की चार्जिंग शुरू कर दी है। ऐसे में अब बसें वहीं से चार्ज होकर रूटों पर रवाना होगी। पुराना बस स्टैंड में निगम सिर्फ इमरजैंसी में ई-बसों को चार्ज करेगा।
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एमसी पार्किंग में ई-बसें चार्ज होने से बचेंगे निगम के पैसे
एमसी पार्किग में ई-बसों की चार्जिंग होने से जहां पुराना बस स्टैंड में जाम की स्थिति कम होगी। वहीं एम.सी पार्किंग में बसों की चार्जिंग होने से निगम का बसों को चार्जिंग के लिए किए जाने वाले पैसों का भुगतान भी कम होगा। आई.एस.बी.टी में जहां ई-बसों को चार्ज करने के लिए निगम को 9.50 पैसे प्रति यूनिट भुगतान करना पड़ता था। वहीं एमसी पार्किंग में सरकार की सब्सिडी के साथ सिर्फ 5 रुपए प्रति यूनिट ही अदा करन होगा। ऐसे में निगम के प्रति यूनिट सीधे 4.50 पैसे की बचत होगी।
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निगम बिछाएगा चार्जिंग स्टेशन का नैटवर्क
निगम प्रबंधन शहर में अपनी इलैक्ट्रिक बसों को चार्ज करने के लिए चार्जिंग स्टेशन का नैटवर्क बिछा रहा है। एमसी पार्किंग में चार्जिंग स्टेशन शुरू होने के बाद अब शिमला शहर में चार स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन की सुविधा मिलेगी। इसमें बसें ढली, पुराना बस स्टैंड, आई.एस.बी.टी सहित अब एम.सी पार्किंग में पार्क हो सकेगी। इसके अतिरिक्त आगामी चरण में ठियोग, तत्तपानी, नारकंडा सहित ऊपरी शिमला के विभिन्न पर्यटक स्थलों में ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित होंगे। जिसके बाद ई-बसें उन क्षेत्रों में भी सेवाएं देगी।
एमसी टूटीकंडी पार्किंग में भी चार्जिंग स्टेशन स्थापित हो गए है और बसें भी चार्ज होना शुरू हो गई है। इससे अब पुराना बस स्टैंड में बसों की चार्जिंग के चलते लगने वाला जाम नहीं लगेगा। इससे यात्रियों को भी राहत मिलेगी। पुराना बस स्टैंड में सिर्फ इमरजैंसी में ही बसें चार्ज होगी। एम.सी पार्किंग में चार्जिंग स्टेशन शुरू होने से निगम चार्जिंग को लेकर किए जाने वाले पैसे भी बचेंगे।
-विनोद शर्मा, आरएम शिमला एचआरटीसी