कांगड़ा और हमीरपुर में किसका टिकट करें फाइनल, उलझन में कांग्रेस
हाइलाइट्स
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चारों सीटों में प्रत्याशी तय करने में कांग्रेस पिछड़ी, भाजपा का प्रचार तेज
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मंडी और शिमला लोकसभा सीट से ही कांग्रेस उम्मीदवार नहीं कर पा रही फाइनल
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छह विधानसभा क्षेत्रों में भी असमंजस, नहीं तय हुए उम्मीदवारेां के नाम
पोस्ट हिमाचल न्यूज एजेंसी
शिमला। कांगड़ा और हमीरपुर में किसका टिकट फाइनल करें, कांग्रेस उलझन में है। कांग्रेस अभी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक की तारीख तय नहीं कर सकी है तो वहीं दूसरी और चारों लोकसभा सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी चुनावी समर में कूदकर मजबूत नींव रखना शुरू हो चुके हैं। कांग्रेस ने अभी तक मंडी और शिमला लोकसभा सीट से ही पार्टी ने उम्मीदवार उतारे हैं। वहीं, छह विधानसभा उपचुनाव के प्रत्याशी तय करने में कांग्रेस लटकती नजर आ रही है।
हमीरपुर संसदीय सीट की बात करें तो यहां से भाजपा प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर हैवीवेट प्रत्याशी हैं। उनके मुकाबले के लिए उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की बेटी आस्था अग्निहोत्री पर कांग्रेस दांव खेलना चाह रही थी, लेकिन आस्था ने सोशल मीडिया में पोस्ट लिखकर चुनाव लड़ने से इन्कार कर दिया है। इससे कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ हैं। हालांकि मुख्यमंत्री अपने करीबी ऊना सदर से पूर्व विधायक सतपाल रायजादा के नाम पर अपनी इच्छा जता चुके हैं। दूसरी ओर कांगड़ा संसदीय सीट से पूर्व मंत्री आशा कुमारी, संजय चौहान, कर्ण सिंह पठानिया के नाम पर मंथन लंबा खिंच रहा है। विधायक रघुवीर सिंह बाली, संजय रतन और केवल सिंह पठानिया के नामों भी सामने आ रहे हैं।
उधर, धर्मशाला, सुजानपुर, लाहौल-स्पीति, गगरेट, कुटलैहड़ और बड़सर में विधानसभा उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी घोषित नहीं हो सके हैं। जबकि भाजपा ने उम्मीदवार चुनावी रण में उतार दिए हैं। घर घर जाकर प्रत्याशी मोरचाबंदी कर रहे हैं। बता दें कि प्रदेश में अंतिम चरण में एक जून को विधानसभा उपचुनाव होने हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी प्रत्याशियों के चयन को लेकर प्फूंक फूंक कर कदम रख रही है।
राजधानी में आज रणनीति बनाएगी कांग्रेस
शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन शिमला में मंडी संसदीय सीट और शनिवार को शिमला संसदीय सीट जीतने के लिए रणनीति बनाई जाएगी। बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह विशेष तौर पर मौजूद रहेंगे। दो दिन चलने वाली बैठकों में सभी मंत्री, सीपीएस, विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व प्रत्याशी और पदाधिकारियों के साथ मंथन किया जाएगा।