मां शिकारी के दरबार में विक्रमादित्य नतमस्तक, यहीं मां के वरदान से पिता वीरभद्र की पुत्र रत्न की हुई थी इच्छापूर्ति
- सोशल मीडिया पर लिखा, 1989 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राजा स्व वीरभद्र सिंह ने माता शिकारी देवी से पुत्र प्राप्ति को लेकर मां से वर मांगा था, मां ने वरदान दिया और मेरा जन्म हुआ
पोस्ट हिमाचल न्यूज एजेंसी
गोहर (मंडी)। कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह मंगलवार को अपने सराज दौरे के दौरान मंडी जिला की सबसे ऊंची चोटी पर विराजमान मां शिकारी देवी के मंदिर पहुंचे। इस दौरान विक्रमादित्य ने माता के मंदिर में शीश नवाया और चुनावों में विजयरथ पर सवार होने का आशीर्वाद लिया। विक्रमादित्य ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मां के दर्शनों के बाद लिखा कि वर्ष 1989 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राजा स्व वीरभद्र सिंह ने माता शिकारी देवी से पुत्र प्राप्ति को लेकर मां से वर मांगा था। उन्होंने लिखा कि जिसके बाद मां ने वरदान दिया और उनका जन्म हुआ। विक्रमादित्य ने कहा कि मां शिकारी देवी से उन्होंने आशीर्वाद लिया और उन्हें पूरा भरोसा है कि माता उनकी जीत का आशीर्वाद देंगी।