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भरमौर के अतिरिक्‍त उपायुक्‍त समेत छह को तीन साल के कठोर कारावास की सजा

 

हाइलाइट्स

  • आईबीपीएस क्लर्क की भर्ती परीक्षा के मामले में सीबीआई कोर्ट ने सुनाया फैसला
  • सजा सुनाए जाने वक्‍त कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ तंवर , गैर जमानती वारंटी जारी 

पोस्‍ट हिमाचल न्‍यूज एजेंसी 


गाजियाबाद। नौ साल पहले आयोजित आईबीपीएस क्लर्क (इंस्‍टीट्यूट आफ बैंकिग पर्सनल सिलेक्‍शन) की भर्ती परीक्षा में दो परीक्षार्थियों के स्थान पर परीक्षा देने के मामले में सीबीआई कोर्ट ने दो अभियुक्तों समेत छह को तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। प्रत्येक दोषी पर 10-10 हजार जुर्माना  भी अदा करना होगा। आरोपियाें में एक नवीन तंवर हिमाचल प्रदेश चंबा के भरमौर में अतिरिक्‍त उपायुक्‍त  पद पर कार्यरत है।  सजा सुनाए जाने के वक्त कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ। कोर्ट ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।

 

यह है मामला


13 दिसंबर 2014 को गोविंदपुरम स्थित आइडियल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी में आईबीपीएस क्लर्क भर्ती परीक्षा थी। सीबीआई को सूचना मिली कि परीक्षार्थी के स्थान पर दूसरे युवक परीक्षार्थी बनकर परीक्षा दे रहे हैं। सूचना पर सीबीआई की टीम ने मौके पर जाकर अमित सिंह और अजय पाल के स्थान पर परीक्षा दे रहे नवीन तंवर और सावन को पकड़ा। सुग्रीव गुर्जर और हनुमत गुर्जर ने दोनों परीक्षार्थियों को साल्वर मुहैया कराने में बिचौलिए की भूमिका निभाई थी। इस मामले की अंतिम सुनवाई बृहस्पतिवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट सीबीआइ शिवम वर्मा की कोर्ट में हुई।

 

सजा के खिलाफ अपील के लिए मिली एक महीने की बेल


कोर्ट ने साक्ष्यों और गवाहों के बयान के आधार पर सभी अभियुक्तों को दोषी मानते हुए तीन-तीन साल साल के कठोर कारावास की सजा सुनाते हुए प्रत्येक पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने गुरुवार को सावन, अमित सिंह, अजय पाल के साथ हनुमत गुर्जर और सुग्रीव गुर्जर को सजा के खिलाफ अपील के लिए एक महीने की बेल दी है।

 

चंबा के उपायुक्त मुकेश रेप्सवाल ने कहा कि उन्‍हें इसकी जानकारी नहीं है। अतिरिक्‍त उपयुक्‍त भरमौर नवीन तंवर से बात करनी चाही तो उनसे संपर्क नहीं हो सका है। 

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