जब भारत में निष्पक्षता आएगी, तब आरक्षण खत्म करने की सोचेंगे: राहुल गांधी
Rahul Gandhi on reservation: अमेरिका के दौरे पर गए भारत के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने छात्रों द्वारा आरक्षण को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि जब भारत में निष्पक्षता आएगी, तब आरक्षण खत्म करने की सोचेंगे। प्रतिष्ठित जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में वह छात्रों से रूबरू हो रहे थे।
यह था सवाल
- विश्वविद्यालय के छात्रों ने राहुल से आरक्षण को लेकर सवाल किया था और पूछा था कि यह कब तक जारी रहेगा। इस पर उन्होंने कहा कि जब भारत में (आरक्षण के लिहाज से) निष्पक्षता होगी, तब हम आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेंगे। अभी भारत इसके लिए एक निष्पक्ष जगह नहीं है।
- राहुल ने कहा कि जब आप वित्तीय आंकड़ों को देखते हैं, तो आदिवासियों को 100 रुपये में से 10 पैसे मिलते हैं। दलितों को 100 रुपये में से पांच रुपये मिलते हैं और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लोगों को भी लगभग इतने ही पैसे मिलते हैं। सच्चाई यह है कि उन्हें उचित भागीदारी नहीं मिल रही है।
- समस्या यह है कि भारत की 90 प्रतिशत आबादी भागीदारी करने में सक्षम नहीं है। भारत के हर एक बिजनेस लीडर की सूची देखें। मैंने ऐसा किया है। मुझे आदिवासी नाम दिखाओ। मुझे दलित नाम दिखाओ। मुझे ओबीसी नाम दिखाओ। मुझे लगता है कि शीर्ष 200 में से एक ओबीसी है। वे भारत की आबादी का 50 प्रतिशत हैं। लेकिन हम बीमारी का इलाज नहीं कर रहे हैं।
समान नागरिक संहिता पर बोल गए नो कमेंट्स
समान नागरिक संहिता के बारे में पूछे जाने पर राहुल ने कहा कि वह इस पर तभी टिप्पणी करेंगे जब उन्हें पता चलेगा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का प्रस्ताव क्या है। उन्होंने कहा, ‘भाजपा समान नागरिक संहिता का प्रस्ताव कर रही है। हमने इसे नहीं देखा है। हमें नहीं पता कि वे किस बारे में बात कर रहे हैं। हमारे लिए इस पर टिप्पणी करने का कोई मतलब नहीं है। जब वे इसे लाएंगे, तब हम इसे देखेंगे और इस पर टिप्पणी करेंगे।’
इंडिया गठबंधन भारत के संविधान की रक्षा के लिए सहमत
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन के सदस्यों में मतभेद हैं, लेकिन वे कई बातों पर सहमत भी हैं। उन्होंने कहा कि हम सहमत हैं कि भारत के संविधान की रक्षा की जानी चाहिए। हममें से अधिकांश जाति जनगणना के विचार पर सहमत हैं। हम सहमत हैं कि दो उद्योगपति, यानी अदाणी और अंबानी को ही भारत में हर एक व्यवसाय नहीं चलाना चाहिए। इसलिए आपका यह कहना कि हम सहमत नहीं हैं, मुझे लगता है, गलत है।’