कांग्रेस में आपरेशन ताड़फाड़: सुधीर को एआईसीसी सचिव के पद से हटाया, राणा ने दिया इस्तीफा, सुक्खू बोले पांच साल कोई नहीं हिला सकता
हाइलाइट्स
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कांग्रेस के बागी छह विधायकों ने मनसा देवी मंदिर में पूजा की
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सुक्खू हमीरपुर में गरजे, बोले पूचकूला में जेल की तरह बंद बागी
पोस्ट हिमाचल न्यूज एजेंसी
शिमला। राज्यसभा चुनावों में क्रास वोटिंग के बाद कांग्रेस की सियासी बिसात पर शह और मात का खेल और गहरा गया है। भाजपा के आपरेशन लोटस के ठस होने के बाद कांग्रेस में आपरेशन ताड़फाड़ शुरू । बागी सीएम सुक्खू और सुक्खू बागियों को आड़े हाथों लेकर सियासी आग को हवा देकर भड़का रहे हैं। बुधवार का कांग्रेस और बागी विधायकों को लेकर खूब हलचल रही। राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बागी विधायक सुधीर शर्मा को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सचिव के पद से हटा दिया। वहीं, राजेंद्र राणा ने कार्यकारी अध्यक्ष छोड़ दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेज दिया है। कांग्रेस से निष्कासित दोनों बागी विधायकों ने सोशल मीडिया पर सीएम सुक्खू और कांग्रेस पर खूब निशाना साधा। वहीं, कांग्रेस के बागी छह विधायकों ने बुधवार को मनसा देवी मंदिर में पूजा की। इधर, हमीरपुर में सीएम सुक्खू ने जनसभा के दौरान बागी छह विधायकों पर जमकर निशाना साधा। खासकर हमीरपुर जिले के दो बागी विधायक राजेंद्र राणा और इंद्र दत्त लखनपाल पर खूब बरसे…………….
सुधीर शर्मा फेसबुक पर लिखते है…..
भार मुक्त तो ऐसे किया है जैसे सारा बोझ मेरे ही कंधों पर था। चिंता मिटी, चाहत गई, मनवा बेपरवाह, जिसको कुछ नहीं चाहिए, वो भी शहंशाह।
क्लिक करें और पढ़ें सुधीर बोले मेरी सुपारी दी गई । भगवद गीता में एक श्लोक है जिसका भावार्थ है- ” अन्याय सहना उतना ही अपराध है, जितना अन्याय करना। अन्याय से लड़ना आपका कर्तव्य है।”…………………
राजेंद्र राणा बोले: सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद राजेंद्र राणा बोले सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर हो गया है और उम्मीद है कि न्याय होगा। जिस तरह असांविधान तरीके से उन्हें अयोग्य करार दिया गया, जनता सब जानती है। सरकार की ओर से धड़ाधड़ की जा रही घोषणाओं पर राणा ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब बजट में प्रावधान नहीं, सरकार के पास पैसा नहीं, कोई लोन देने को तैयार नहीं तो यह सब लोगों को गुमराह करने के लिए किया जा रहा है।
सुक्खू बोले …….
हमीरपुर में सुक्खू बोले कि हमीरपुर के विकास में कांग्रेस के विधायक रहे दोनों नेता सहयोग नहीं कर रहे थे। कभी सोच नहीं सकता था कि हमीरपुर के विधायक ऐसा कार्य करेंगे। पद की इतनी लालसा भी सही नहीं होती है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कार्यालय में उन्हें मंत्री पद ऑफर किया गया लेकिन उन्होंने इस पद को नहीं लिया था। उन्होंने कहा कि सीएम की कुर्सी उनकी नहीं बल्कि जनता की कुर्सी है। इस कुर्सी के लिए पांच साल बाद परीक्षा देनी होती है। जनसभा में उपस्थित लोगों से लोकसभा चुनावों में 14 माह के कार्यकाल का आकलन कर कांग्रेस पार्टी का समर्थन करे। जो लोग पद के लालच में खुद को बेच देते हैं, उन्हें लोकसभा चुनावों में जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार से दगा करने वाले बर्खास्त विधायक पंचकूला में कैदी की तरह बैठे हैं। वह पंचकूला से आगे नहीं आ पा रहे हैं। यदि यह लोग उनसे आग्रह करते तो उन्हें वहां से ले आते हैं। इन लोगों से इतना कहना चाहते हैं कि दवाब में मत रहिए। राजनीति में पद की लालसा न रखें यह तो आते-जाते रहते हैं।