Lok Sabha Election 2024: आज बजेगा बिगुल
हाइलाइट्स
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चुनाव की तारीखों का आज होगा एलान, लगेगी आदर्श आचार संहिता
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देश भर में 97 करोड़ के करीब नागरिक मतदान करेंगे
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21.6 करोड़ के करीब 18-29 साल की आयु के मतदाता
चुनाव डेस्क, पीएचएनएस
नई दिल्ली। देश में 18वीं लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान आज तीन बजे होगा। चुनाव आयोग नई दिल्ली के विज्ञान भवन में दोपहर 3 बजे प्रेस कांफ्रेंस करेगा। इसे चुनाव आयोग के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव स्ट्रीम किया जाएगा। चुनावों की तारीखें तय होते ही आदर्श आचार संहिता भी लागू होगी। इसमें लगे प्रतिबंधों को राजनैतिक दलों, प्रत्याशियों , उनके समर्थकों समेत शासन, प्रशासन को मानना अनिवार्य होगा। इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव में 96.8 करोड़ से अधिक नागरिक मतदान करेंगे। ये लोग ही भारत को दुनिया में वोट डालने वाले सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों में से एक बनाते हैं। यह देश की आबादी का 66.8% है। इस बार 21.6 करोड़ 18-29 वर्ष की आयु के मतदाता है। इनकी संख्या कुल मतदाताओं के 22% से अधिक हैं।
लोकसभा चुनाव 2024
कुल मतदाता 97 करोड़
पुरुष मतदाता 49.7 करोड़
महिला मतदाता 47.1 करोड़
जानें क्या है आदर्श आचार संहिता और क्या होते हैं प्रावधान ?
इसके तहत चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और मतदाताओं के लिए सामान्य आचरण से लेकर सभा, जूलूस, मतदान, पोलिंग बूथ, ऑब्जर्वर और घोषणा पत्र को लेकर नियम कायदे तय किए हैं।
राजनीतिक दलों और नेताओं के लिए
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विभिन्न जातियों एवं समुदायों के बीच मतभेद या घृणा बढ़ाने की गतिविधि में शामिल न हों।
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नीतियों व कार्यों की आलोचना करें, किसी दल, नेता या कार्यकर्ता के निजी जीवन पर टिप्पणी न करें। -किसी जाति या संप्रदाय की भावनाओं का उपयोग करते हुए वोट डालने की अपील न करें।
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मंदिर, मस्जिद या पूजा के किसी अन्य स्थान का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए न हो।
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मतदाताओं को रिश्वत देना, उन्हें डराना धमकाना, मतदान केंद्र से 100 मीटर की दूरी के भीतर प्रचार-प्रसार करना आपराधिक गतिविधि मानी जाएगी।
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मतदान से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार, सार्वजनिक सभाएं सभी पर प्रतिबंध लागू हो जाता है।
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राजनीतिक दल या किसी उम्मीदवार के घर के सामने विरोध प्रदर्शन व धरना न किया जाए।
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नेता अपने समर्थकों को किसी व्यक्ति की अनुमति के बिना उसकी भूमि, भवन, परिसर की दीवारों आदि पर झंडा लगाने, बैनर लटकाने, सूचना चिपकाने और नारा लिखने की अनुमति नहीं दे सकते।
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राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके समर्थक दूसरे दलों की बैठकों अथवा जुलूसों में बाधा न खड़ी करें, न ही उन्हें भंग करने का प्रयास करें।
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किसी दल की ओर से उन स्थानों के आसपास जुलूस न निकाला जाए, जहां दूसरे दलो की बैठक चल रही हो। एक दल के लगाए गए पोस्टर दूसरे दल के कार्यकर्ताओं की ओर से हटाए न जाएं।
…सभा रैली और राजनैतिक बैठकों के लिए
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सभी अथवा रैली के स्थान और जगह की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को दी जाए।
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राजनीतिक पार्टी व नेता पहले ही सुनिश्चित कर लें कि जिस जगह पर वह सभा करने वाले हैं, वहां पहले से कोई पाबंदी तो लागू नहीं हैं।
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सभा में लाउडस्पीकर के उपयोग की इजाजत भी पहले ही ले लें।
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सभा के आयोजक किसी अप्रत्याशित घटना से बचने के लिए पुलिस की सहायता लें।
जुलूस के लिए क्या हैं नियम?
जुलूस से पहले उसके शुरू होने का समय, रूट और समाप्त होने के समय व स्थान की अग्रिम सूचना पुलिस को देनी होगी।
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जिस एरिया से जुलूस निकाल रहे हैं, वहां को पाबंदी तो नहीं है, यह पहले ही पता कर लें।
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जुलूस का प्रबंधन ऐसे करें कि यातायात प्रभावित न हो।
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एक से ज्यादा राजनीतिक दलों का एक ही दिन, एक ही रास्ते पर जुलूस का प्रस्ताव हो तो समय को लेकर पहले ही बात कर लें।
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जुलूस सड़क के दायीं ओर से निकाला जाए।
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जुलूस के दौरान हथियार व अन्य नुक्सान पहुंचाने वाली सामग्री लेकर न चलें।
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ड्यूटी पर तैनात पुलिस के निर्देश और सलाह का कड़ाई से अनुपालन किया जाए।
मतदान के दिन के लिए निर्देश
-राजनीतिक दल व उम्मीदवार अपने अधिकृत कार्यकर्ताओं को बिल्ले या पहचान पत्र दें।
– निर्वाचन ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों के साथ सहयोग किया जाए।
-मतदाताओं को दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर हो, उस पर किसी तरह का चिन्ह, प्रत्याशी या पार्टी का नाम न हो।
-मतदान वाले दिन और उससे 48 घंटे पहले किसी को शराब वितरित न की जाए।
-मतदान केंद्र के पास लगाए जाने वाले कैंपों में अनावश्यक भीड़ न इकट्ठी करें।
-कैंप सामान्य कों, उन पर पोस्टर, झंडा, प्रतीक या अन्य प्रचार सामग्री न प्रदर्शित न हो।
-मतदान के दिन वाहन चलाने पर उसका परमिट ले लें।
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मतदान बूथ: मतदाताओं को छोड़कर, ऐसा कोई व्यक्ति मतदान बूथ के भीतर प्रवेश नहीं करे, जिसके पास निर्वाचन आयोग का कोई मान्य पास नहीं है।
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ऑब्जर्वर: ऑब्जर्वर की नियुक्ति निर्वाचन आयोग करता है। यदि उम्मीदवारों या उनके एजेंट को चुनाव के संचालन के संबंध में कोई शिकायत है तो वह ऑब्जर्वर के संज्ञान में ला सकते हैं।
सत्ताधारी दल के लिए भी हैं नियम
-मंत्रीगण आधिकारिक दौरे के वक्त चुनाव प्रचार न करें।
-सरकारी विमानों और गाड़ियों का उपयोग पार्टी के हित के लिए ना करें।
-सरकारी मशीनरी और कर्मचारियों को इस्तेमाल पार्टी हित में ना करें।
– हेलीपैड पर सत्ताधारी दल का एकाधिकार न जताए।
-सरकारी फंड से पार्टी का प्रचार-प्रसार न करें।
-केंद्र या राज्य सरकार के मंत्री, उम्मीदवार, मतदाता या एजेंट के सिवाय अन्य लोग मतदान केंद्र में न घुसें।
इनपुट: इंटरनेट मीडिया, चुनाव आयोग की आधिकारिक वैबसाइट