पीक सीजन में विद्युत उत्पादन ठप हो जाने से जोगेंद्रनगर की शानन, बस्सी पन विद्युत परियोजना को 24 घंटे में दो करोड़ का नुकसान
- बरोट स्थित रेजर वायर के टै्रस रैक में कचरा फंस जाने से हिमाचल और पंजाब राज्य की दोनों विद्युत परियोजनाओं में अचानक रोकना पड़ा विद्युत उत्पादन
राजेश शर्मा, जोगेंद्रनगर
मंडी जिला के जोगेंद्रनगर में पंजाब राज्य की 110 मैगावाट शानन और हिमाचल राज्य की 66 मैगावाट पन विद्युत बस्सी परियोजना में अचानक विद्युत उत्पादन ठप्प हो जाने से 24 घंटे के अंतराल में अनुमानित दो करोड़ का नुकसान दोनों परियोजनाओं को पहुंचा है बरोट स्थित रेजर वायर के टै्रस रैक में कचरा फंस जाने से जब पैन स्टॉक में पानी की आपूर्ति ठप्प होने लगी तो अचानक पीक सीजन में विद्युत उत्पादन रोकना पड़ा। दोनों ही विद्युत परियोजना में पानी की पर्याप्त मात्रा के चलते 110 और 66 मैगावाट विद्युत उत्पादन मई माह में अभी शुरू ही हुआ था और प्रतिदिन शानन परियोजना को एक करोड़ जबकि बस्सी परियोजना को करीब 70 लाख का राजस्व विद्युत उत्पादन से मिलना शुरू ही हुआ था कि तभी बरोट स्थित पंजाब राज्य की करीब 11 लाख मिलियन क्यूसिक मीटर क्षमता वाली रेजर वायर के टै्रस रैक में कचरा फंस जाने से विद्युत उत्पादन रोकना पड़ा। रेजरवायर को फिर से साफ सुथरा बनाने के लिए शानन परियोजना के कई तकनीकी कर्मचारी मंगलवार देर शाम से बुधवार दोपहर तक डटे रहे। दोपहर करीब साढ़े तीन बजे रेजरवायर में फिर से जल भराव होने के बाद शानन पावर हाउस की दो टरबाईनों में विद्युत उत्पादन शुरू हुआ और देर शाम पांच बजे के बाद पावर हाउस की सभी मशीनों में फिर से विद्युत उत्पादन शुरू हो जाने से पंजाब राज्य परियोजना प्रबंधन को राहत मिली। शानन परियोजना के आरई सतीश कुमार ने बताया कि अगर समय रहते रेजर वायर के टै्रस रैक से कचरा नहीं हटाया होता तो दोनों ही विद्युत परियोजनाओं को इससे अधिक का नुकसान पहुंच सकता था। उन्होंने बताया कि मंगलवार देर शाम करीब पांच बजे शानन पावर हाउस में विद्युत उत्पादन को रोकना पड़ा और बुधवार दोपहर साढ़े तीन बजे के बाद फिर से विद्युत उत्पादन शुरू भी कर दिया गया। इधर बस्सी परियोजना के आर ई जितेंद्र कुमार ने बताया कि शानन विद्युत परियोजना में अचानक विद्युत उत्पादन ठप्प हो जाने से हिमाचल राज्य की 66 मैगावाट बस्सी विद्युत परियोजना को भी लाखों का नुकसान उठाना पड़ा है।
पेयजल के लिए 25 हजार उपभोक्ताओं में मचा रहा हाहाकार
मंडी के जोगेंद्रनगर में हिमाचल व पंजाब राज्य की दो महत्वकांक्षी पन विद्युत परियोजना शानन व बस्सी में पानी की आपूर्ति ठप्प हो जाने से जलशक्ति विभाग की पेयजल योजनाएं भी बुरी तरह प्रभावित हुई। करीब 25 हजार पेयजल उपभोकता मंगलवार देर शाम से बुधवार देर शाम तक पानी के लिए तरसते रहे। जलशक्ति विभाग की कई पेयजल योजनाएं ठप्प हो जाने से मसौली, जलपेहड़, निचला गरोड़ू, दारट बगला, नेर घरवासड़ा पंचायत के अधीन आने वाले 18 गांव के 25 हजार पेयजल उपभोक्ताओं में पानी को लेकर बुधवार को हाहाकार मचा रहा। वहीं द्राहल, कुठेहड़ा, बुहला भडयाड़ा में भी पानी की किल्लत बनी रही। आरठी, शानन व द्राहल पेयजल योजना के भी ठप्प हो जाने से सैंकड़ों पेयजल उपभोक्ता पानी को तरसते रहे। जलशक्ति विभाग जोगेंद्रनगर सब डिविजन के सहायक अभियंता प्रकाश चंद, कनिष्ठ अभियंता अराध्य ने बताया कि पेयजल आपूर्ति के लिए बोरवैल और प्राकृतिक स्त्रोतों को भी उपभोक्ताओं के इस्तेमाल में लाकर कुछ