सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन कितना असरदार, हर शनिवार समीक्षा बैठक करेंगे डीसी
हाइलाइट्स
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मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने सभी उपायुक्तों को जारी किए निर्देश
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कहा, सभी प्रकार की पैकेजिंग के प्लास्टिक कचरे को हटा दिया जाएगा
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सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रबंधन के संबंध में राज्य स्तरीय विशेष कार्य बल की चौथी समीक्षा बैठक
पोस्ट हिमाचल न्यूज एजेंसी
शिमला। हिमाचल में सिंगल प्लास्टिक यूज का प्रबंधन कितना असरदार है, हर शनिवार को इसका आंकलन उपायुक्त बैठक करके करेंगे। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने सभी उपायुक्तों को प्रत्येक शनिवार को सिंगल यूज प्लास्टिक के समुचित प्रबंधन की प्रगति का आकलन करने के लिए समीक्षा बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। वह सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रबंधन के संबंध में राज्य स्तरीय विशेष कार्य बल की चौथी समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ‘बाय बैक नीति’ के अनुसार नॉन रिसाइकेबल और सिंगल यूज प्लास्टिक अपशिष्ट को प्रदेश में पंजीकृत कूड़ा बीनने वालों और व्यक्तिगत परिवारों के माध्यम से 75 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदा जा रहा है। नीति के तहत ब्रेड, केक, बिस्किट, कुकीज, नमकीन, कुरकुरे, चिप्स या वेफर्स, कैंडीज, पनीर पफ्स, आइसक्रीम, आइसक्रीम कैंडीज, नूडल्स, चीनी कोटिड मिष्ठान वस्तुएं, साफ और सूखी पैकेजिंग, दूध, तेल, शैम्पू, हाथ धोने, तरल साबुन, दही, छाछ, जूस आदि जैसे तरल पदार्थों के पाउच या पैकेट, अनाज या कॉर्नफ्लेक्स या नाश्ता अनाज जैसी सभी प्रकार की पैकेजिंग के प्लास्टिक कचरे को हटा दिया जाएगा।
प्लास्टिक हानिकारक प्रदूषक कारकों में से प्रमुख
मुख्य सचिव ने कहा कि वर्तमान में प्लास्टिक हानिकारक प्रदूषक कारकों में से प्रमुख है। प्लास्टिक धरती, वायु और पानी को प्रदूषित करता है। गैर-जैवनिम्नीकरणीय (गैर-बायोडिग्रेडेबल) होने के कारण इससे उत्पन्न होने वाली प्रदूषण की समस्या विकट है।
गंभीरता से कर रहे कार्य
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प्रदेश में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, विशेषकर प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन पर गंभीरता से कार्य किए जा रहे हैं ताकि प्लास्टिक कचरे के निपटान के लिए अधिक पर्यावरण अनुकूल और वैज्ञानिक विकल्प तैयार किए जा सकें। पॉलिथीन से होने वाले खतरों के दृष्टिगत राज्य में गैर-बायोडिग्रेडेबल सामग्री से बने पॉलिथीन या प्लास्टिक कैरी-बैग के उपयोग, बिक्री और निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है।
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निदेशक पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी डीसी राणा ने जिला स्तर की पहल को शामिल करते हुए पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कार्यान्वित किए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ‘बाय बैक नीति’ के तहत एकत्र लगभग 1300 टन प्लास्टिक को लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों के निर्माण के लिए और राज्य में सीमेंट कारखानों में उपयोग किया गया है। लोक निर्माण विभाग को ऐसे प्लास्टिक का उपयोग करके 200 किलोमीटर सड़क बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सिंगल यूज प्लास्टिक के बारे में पूरे राज्य में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। प्रधान सचिव शहरी विकास, नगर एवं ग्राम नियोजन देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।