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सियासी गर्मी से तपा हिमाचल

 

हाइलाइट्स

  • सोलन में सुक्‍खू और विक्रमादित्‍य एक साथ बरसे बागियों पर
  • क्रास वोटिंग करने वाले विधायक के पिता और निर्दलीय पर केस दर्ज
  • कांग्रेस सरकार और संगठन के बीच तालमेल के लिए कोर्डिनेशन कमेटी बनी
  • भेड़ों पर गरमाई राजनीति, जयराम बोले सुक्खू भी क्या खुद को मानते हैं भेड़

पोस्‍ट हिमाचल न्‍यूज एजेंसी


सोलन/मंडी/शिमला। राज्‍यसभा चुनावों में बहुमत के बावजूद कांग्रेस की हार और अल्‍पमत भाजपा की जीत से गरमाई हिमाचल की सियासत अभी तक तपी है। सीएम सुक्‍खू पर निशाना साधने और इस्‍तीफा देकर बाद में वापिस लेने वाले लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्‍य के सुर भी बदले हैं। रविवार को सोलन में एक साथ सुखविंदर और विक्रामदित्‍य की जोड़ी ने बागी विधायकों और विपक्ष पर तीखा हमला बोला। यहां करोड़ों के शिलान्‍यास और शुभारंभ हुए।
वहीं, सुक्‍खू सरकार के विधायकों ने कांग्रेस के अयोग्य घोषित विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा और निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा एवं अन्य के खिलाफ बालूगंज थाना शिमला में एफआईआर दर्ज करवाई है। इन पर राज्यसभा चुनाव को लेकर खरीद-फरोख्त और विधानसभा सत्र के दौरान प्रदेश सरकार को अस्थिर करने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। राकेश शर्मा उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव रहे हैं। तो दूसरी और आरोपी विधायक क्रास एफआईआर दर्ज करवाने जा रहे हैं। विपक्ष भी कांग्रेस पर हमला साध रहा है।
सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुंदरनगर में सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू पर तंज कसा। पूछा कि वह भी जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं, क्या वह भी खुद को भेड़ मानते हैं। यह तंज उन्होंने सीएम के उस बयान पर प्रतिक्रिया देने हुए कसा है, जिसमें सीएम ने बागी विधायकों की तुलना भेड़ों के साथ और भाजपा की तुलना गडरिये के साथ की थी।

 

सुक्‍खू बोले,सबसे बड़े खनन माफिया हैं बागी विधायक


मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि बागी विधायकों की हालत उन भेड़ों की तरह हो गई है, जिन्हें गडरिया हांक कर कहीं भी ले जा सकता है। सोचने की बात तो यह है कि उनका भारी-भरकम खर्च कौन उठा रहा है। पंचकूला के होटल में 10 दिन रहने का बिल ही 75 लाख रुपये आया है। अब वह उत्तराखंड के ऋषिकेष पहुंच गए हैं। वहां ध्यान योग से शायद उनकी अंतरआत्मा जाग जाए। मुख्यमंत्री कहा कि भाजपा के साथ मिलकर षड्यंत्र रचने वाले विधायक बहुत बड़े खनन माफिया हैं। खनन के लिए उन्होंने विधायक का रास्ता अपनाया था।

विक्रमादित्य बोले मुख्यमंत्री का दिल बड़ा


विक्रमादित्य सिंह ने बागी विधायकों पर जुबानी हमला बोला। उन्होंने कहा कि जो बार-बार अपने पांव पर कुल्हाड़ी मारने की कोशिश करें तो उनका भगवान भी कुछ नहीं कर सकते। लेकिन मुख्यमंत्री का दिल बड़ा है, जो बार-बार कहते हैं कि अगर कोई सुबह का भूला शाम को घर आए तो उसका हम स्वागत करते हैं। मगर बार-बार अगर कोई गलती करे तो उसका कुछ भी नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार और पार्टी की अग्नि परीक्षा चल रही है। लेकिन वह माता सीता की तरह अग्नि परीक्षा से बाहर पाक साफ होकर निकलेंगे। हिमाचल के सियासी घटनाक्रम ने सबको शर्मसार किया है। वहीं उन्होंने खुफिया एजेंसियों और कानून व्यवस्था को भी घेरा। उन्होंने कहा कि हिमाचल के अंदर इंटेलिजेंस फेलियर हुआ है। ऐसे पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। इसमें जो पुलिस अधिकारी दोषी पाए जा रहे हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की चाहिए। उन्होंने कहा कि बीते दिनों हुई राजनीतिक घटनाक्रम से हमें सबक लेने और सीखने की भी आवश्यकता है। हम सही का समर्थन और गलत का विरोध करने से पीछे नहीं हटेंगे।

जयराम का पलटवार- सुक्खू भी क्या खुद को मानते हैं भेड़


भेड़ और गडरिये के बयान पर प्रदेश में सियासत गरमा गई है। पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू पर तंज कसा। पूछा कि वह भी जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं, क्या वह भी खुद को भेड़ मानते हैं। यह तंज उन्होंने सीएम के उस बयान पर प्रतिक्रिया देने हुए कसा है, जिसमें सीएम ने बागी विधायकों की तुलना भेड़ों के साथ और भाजपा की तुलना गडरिये के साथ की थी। जयराम ने सुंदरनगर में पत्रकार वार्ता में कहा कि सीएम जैसे औहदे पर बैठे व्यक्ति को इस तरह की बातें शोभा नहीं देतीं। उन्हें इसके लिए विधायकों और जनता से माफी मांगनी चाहिए। कहा कि बागी विधायकों ने स्पष्ट कहा है कि वह जो कुछ भी कर रहे हैं और जहां भी जा रहे हैं, अपनी मर्जी से जा रहे हैं।

कांग्रेस सरकार और संगठन के बीच तालमेल के लिए कोर्डिनेशन कमेटी बनी


कांग्रेस हाईकमान ने हिमाचल सरकार पर सियासी संकट के बाद छह सदस्यीय को-ऑर्डिनेशन कमेटी का गठन कर दिया है। इसमें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री, स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल, पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर और रामलाल ठाकुर को सदस्य बनाया गया है। इस कमेटी का काम प्रदेश सरकार और संगठन के बीच तालमेल बैठाना होगा। हिमाचल सरकार पर संकट के बाद हाईकमान द्वारा शिमला भेजे गए ऑब्जर्वर एवं डिप्टी सीएम कर्नाटक डीके शिवा कुमार और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हाईकमान से को-ऑर्डिनेशन कमेटी गठित करने की सिफारिश की थी। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की मंजूरी के बाद को-ऑर्डिनेशन कमेटी का गठन कर दिया गया है।

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