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Himachal: होम स्‍टे संचालकों को एक और झटका, अब लगेगा टैक्‍स

Highlights

  • लीज पर चल रहे होमस्टे के लाइसेंस भी होंगे रद्द, आठ को कैबिनेट में हो सकता है फैसल
  • स्वरोजगार के लिए बनाई गई है जिसका कुछ व्यवसायी अनुचित लाभ

Post Himachal, Shimla


महंगी बिजली और पंजीकरण फीस के बाद अब प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे होम स्‍टे संचालकों को टैक्‍स का झटका लगने वाला है। सरकार को लगता है कि होटलों की तर्ज पर कई होमस्टे चल रहे हैं और चांदी कूट रहे हैं। ऐसे में सरकार होटलों पर लगने वाला टैक्स इनपर लगा सकती है। मंत्रिमंडलीय उप-समिति ने लीज पर चल रहे होमस्टे का लाइसेंस रद्द करने का भी निर्णय लिया है। होमस्टे नियम-2024 का प्रारूप तय करने के लिए सरकार की ओर से गठित मंत्रिमंडलीय उप-समिति इसे लेकर सरकार को सुझाव देने वाली है। सरकार अगर यह फैसला लेती है तो इसका सीधा असर प्रदेश में चल रहे 1,000 से अधिक होमस्टे इकाईयों पर पड़ेगा। मंत्रिमंडलीय उप-समिति का मानना है कि होमस्टे के नाम पर प्रदेश में होटलों की तर्ज पर कारोबार चल रहा है। इससे होटल कारोबारियों का काम प्रभावित हो रहा है जो सरकार को सभी टैक्स देते हैं। होम स्टे योजना ग्रामीण क्षेत्रों में अपने घरों में रहकर सैलानियों को ठहराने और परंपरागत व्यंजन परोस कर स्वरोजगार के लिए बनाई गई है जिसका कुछ व्यवसायी अनुचित लाभ उठा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक 9 अगस्त को प्रस्तावित थी, लेकिन अब यह 8 अगस्त को दोपहर 12 बजे निर्धारित हुई है।

  • प्रदेश में 4,146 होमस्टे पंजीकृत हैं, जिनमें से करीब 60 फीसदी लीज पर चल रहे हैं। होमस्टे नियम-2008 के तहत जिस व्यक्ति के नाम लाइसेंस जारी हुआ है, उसे ही होमस्टे का संचालन करना होगा और उसी भवन में रहना होगा, जहां होमस्टे चल रहा है। प्रदेश में चल रहे एक हजार से अधिक गैर पंजीकृत होमस्टे और बीएंडबी बंद करना भी प्रस्तावित है। पंजीकरण के बाद लाइसेंस की अवधि पांच साल से घटाकर दो साल करने, बाहरी राज्यों के लोगों की ओर से चलाए जा रहे होमस्टे बंद करने, पंजीकरण और नवीनीकरण शुल्क में बढ़ोतरी का भी प्रस्ताव है।
  • सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी के लिए होम स्टे पर सुविधाओं के आधार पर सेस लगाने पर भी विचार किया जा रहा है। होम स्टे के साथ बेड एंड ब्रेकफास्ट इकाइयों को भी पर्यटन विभाग की कार्यवाही के दायरे में लाने का भी प्रस्ताव है। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान मंत्रिमंडलीय उप-समिति के अध्यक्ष हैं जबकि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह और नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी उप-समिति के सदस्य हैं। पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग की निदेशक मानसी सहाय ठाकुर उप-समिति की सदस्य सचिव हैं।

    होमस्टे में चल रहे 16,635 कमरे


    प्रदेश में संचालित 4,146 होम स्टे के तहत प्रदेश में 16,635 कमरे संचालित हो रहे हैं, जिनकी बेड क्षमता 25511 है। कुल्लू जिले में सबसे अधिक 1,015 होमस्टे पंजीकृत हैं। होम स्टे में डबल बेडरूम की संख्या 12,171 है।

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