भाजपा का होने के बाद कांग्रेस के 9 बागी विधायक शिमला पहुंचे, स्वागत में डली नाटी
हाइलाइट्स
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मित्रों की सरकार सुक्खू सरकार, फ्रेंड्स कैफे बना सचिवालय : सुधीर
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राणा बोले मुख्यमंत्री सुक्खू पर करेंगे मानहानि का दावा
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बिंदल बोले यह बहुत महत्वपूर्ण क्षण
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जयराम बोले सभी विधायकों का भाजपा परिवार में स्वागत
पोस्ट हिमाचल न्यूज एजेंसी
शिमला। भाजपा का होने के बाद छह बागी विधायक शनिवार देर शाम शिमला पहुंचे। भाजपाइयों ने जोरदार स्वागत करते हुए नाटी डाली। छह विधायक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र राणा, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सुधीर शर्मा, रवि ठाकुर, इंद्रदत्त लखनपाल, देवेंद्र भुट्टो और चैतन्य शर्मा हैं, जिन्होंने भाजपा ज्वाइन की है। इसके साथ ही तीन निर्दलीय आशीष शर्मा, केएल ठाकुर और होशियार सिंह ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है। शनिवार को नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल की मौजूदगी में सभी बागी भाजपा में शामिल हुए। राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन भी मौजूद रहे। उधर, सभी नौ विधायकों का शिमला पीटरहॉफ पहुंचने पर भव्य स्वागत एवं अभिनंदन किया गया, भाजपा कार्यकर्ताओं ने फूल-मालाओं के साथ सभी का स्वागत किया और परिसर को भगवामय कर दिया। जय श्री राम के नारों के साथ पूरा वातावरण ऊर्जामय हो गया।
बिंदल ने सभी 9 विधायकों का भाजपा में स्वागत करते हुए कहा हिमाचल का यह बहुत महत्वपूर्ण क्षण है, 70 साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब सत्ताधारी दल के 9 विधायक विपक्षी दल की पार्टी में शामिल हुए। इस प्रकार का क्रम कभी भी प्रदेश में नही हुआ।
जयराम ठाकुर ने कहा की हम सभी विधायकों का भाजपा परिवार में स्वागत करते है और इनके पार्टी में आने से पार्टी को बल मिला है। कांग्रेस की सरकार में घुटन का माहौल है और इस कारण सभी विधायक कांग्रेस पार्टी में खुश नहीं है। उन्होंने कहा की कांग्रेस पार्टी प्रतिशोध की राजनीति कर रही है और यह इस कांग्रेस के पत्तन का सबसे बड़ा कारण है।
सुधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का कोई विजन नहीं है। कांग्रेस सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना करती है।जब हम अपने लोगों से किए गए वादे पूरे नहीं कर पा रहे हैं तो विधायक होने का क्या मतलब है। इसीलिए राज्यसभा चुनाव में हमने हर्ष महाजन को वोट दिया जो हमारे राज्य से हैं। आज हम सब अपनी मर्जी से भाजपा में शामिल हुए हैं। जब किसी व्यक्ति के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचे और आपकी बात सुनने वाला कोई ना हो तो ऐसी जगह पर नहीं रहना चाहिए। मित्रों की सरकार सुक्खू सरकार, फ्रेंड्स कैफे बना सचिवालय।
राणा राजेंद्र राणा ने कहा कि जब से राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी, उनकी सुनवाई नहीं हुई। सरकार की ओर से युवाओं को रोजगार देने सहित अन्य मुद्दों पर गौर नहीं किया गया। कांग्रेस सरकार प्रदेश के लोगों से की गई गारंटी पूरी नहीं कर रही है। हम लोगों के प्रति जवाबदेह हैं, लेकिन जब लोगों ने हमसे पूछा तो हमारे पास कोई जवाब नहीं था। सीएम तानाशाह बन गए हैं और लोगों को अपमानित कर रहे। विधायकों की सुनने वाला कोई नहीं है। सरकार विधायकों के मुताबिक नहीं चल रही है, बल्कि सुखविंद्र सुक्खू और उनके सहयोगी चला रहे हैं। हिमाचल सरकार वेंटिलेटर पर है। व्यक्ति स्वाभिमान के साथ समझौता नहीं कर सकता, सरकार वेंटिलेटर पर। हम मुख्यमंत्री सुक्खू पर मानहानिका दावा करेगे।
रवि ठाकुर ने कहा कि उन्होंने लाहौल-स्पीति की 40 सालों तक बिना किसी स्वार्थ के कांग्रेस में रहकर सेवा की। कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में हमेशा निष्ठा से जुड़ा रहा, लेकिन कांग्रेस सरकार में प्रताड़ना झेलनी पड़ी, मुझे असांविधानिक तरीके से विधानसभा से निलंबित भी किया गया। जब-जब जनता के हक के लिए आवाज उठाई,हमेशा दबाने का प्रयास किया गया। लेकिन मैं हार नहीं मानूंगा और जनता के हक की लड़ाई के लिए आवाज़ उठाता रहूंगा। साथ ही बहुत जल्द लाहौल-स्पीति का दौरा भी करूंगा। रवि ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के कुल बजट का 90 फीसदी हिस्सा केंद्र से आता है। यही कारण है कि मैंने अपने निर्वाचन क्षेत्र लाहौल-स्पीति को ध्यान में रखते हुए हर्ष महाजन को वोट दिया। यह दुर्भाग्यपूर्ण था विधानसभा अध्यक्ष ने हमें बिना किसी कारण के निलंबित कर दिया।
चैतन्य शर्मा ने कहा कि वह सत्ता लाभ के लिए नहीं, आम जनता की सेवा के लिए राजनीति में आए हैं। कहा कि वह युवाओं, महिलाओं की मांग को प्रमुखता से उठते रहे हैं और अपने क्षेत्र के विकास के लिए वह तत्पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि राज्यसभा के लिए वोट करना उनका अपना मौलिक अधिकार है और अपने विवेक की आवाज सुनकर ही उन्होंने राज्यसभा के लिए वोट किया।
होशियार सिंह ने कहा कि इस वक्त हिमाचल प्रदेश के हालात बहुत खराब हैं। चाहे आर्थिक स्थिति हो या कानून व्यवस्था हो। हम निर्दलीय विधायक हैं और हमें राज्यसभा चुनाव में वोट देने का पूरा अधिकार था। पिछले 15 महीनों में विकास कार्य पूरी तरह से रुके पड़े हैं और इसलिए हमने खुद ही यह (इस्तीफा देने और भाजपा में शामिल होने का) फैसला किया है।
इंद्रदत्त लखनपाल ने कहा कि कांग्रेस की कार्यक्षमता चरमरा गई है। ना तो हाईकमान का कोई प्रभाव है और ना ही पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए कोई सम्मान बचा है। विधानसभा क्षेत्र के हित में यह फैसला लिया: आशीष शर्मा तीन निर्दलीय विधायकों में से एक आशीष शर्मा ने कहा किहमने राज्य और विधानसभा क्षेत्र के हित में यह फैसला लिया है। जिस तरह से पीएम मोदी के नेतृत्व में यह देश आगे बढ़ रहा है, यह हमारा सौभाग्य है कि हमें भी यह मौका मिला है कि हम इसमें कुछ योगदान दें।