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दिल्‍ली में 45 डिग्री तापमान, रेस्‍ट रूम नहीं, बस में सोना मजबूरी, नींद नहीं पूर, एमडी महोदय यह बताया जाए कि कैसे अब हम पूरी रात गाड़ी चलाएंगे

 

हाइलाइट्स

रैस्ट रूम की सुविधा न होने के कारण बसों में सोना पड़ रहा

पालमपुर-दिल्ली रूट के एक चालक ने सोशल मीडिया पर वीडियो डाल रखी अपनी बात

पोस्‍ट हिमाचल न्‍यूज एजेंसी


शिमला। ………….पालमपुर दिल्‍ली की बस। रात आठ बजे चलकर सुबह आठ बजे दिल्‍ली पहुंचे। रेस्‍ट रूम नहीं। सोने की इतनी दिक्‍कत हो गई है कि गाड़ी के अंदर चिलचिलाती धूप में सोने को मजबूर हुए हैं। सोने के लिए चार या पांच घंटे मुश्किल से मिले है। सवा तीन बजे गाड़ी वापिस जाएगी। एमडी महोदय यह बताया जाए कि कैसे हम पूरी रात गाड़ी चलाएंगे। हमें तो आराम ही नहीं मिला। एक बार राजघाट डीटीसी की पार्किंग में विजिट करें और देखें कि आपके कंडक्‍टर और चालक कैसे जी रहे हैं। दिल्‍ली का तापमान 44 डिग्री है और सोने की व्‍यवस्‍था नहीं है यह आप ही बताएं । पालमपुर दिल्‍ली रूट पर गए परिचालक का यह वीडियो तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। प्रबंधन को जगाने के लिए परिचालक को अपनी बात सोशल मीडिया के जरिए रखनी पड़ी।

बता दें कि दिल्ली में 45 डिग्री तापमान के बीच हिमाचल से दिल्ली रूट पर जा रहे एचआरटीसी के चालक-परिचालक गर्मी से बेहाल हैं। स्थिति यह है कि चालक-परिचालकों को रैस्ट रूम की सुविधा न होने के कारण बसों में सोना पड़ रहा है। रैस्ट रूम की व्यवस्था न होने से परिवहन निगम के चालक-परिचालक परेशान हैं। इसी परेशानी को लेकर पालमपुर-दिल्ली रूट के एक चालक का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें चालक ने दिल्ली की गर्मी के बीच अपनी समस्या को रखा है, वहीं उन्होंने परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर से इस बारे में उचित कदम उठाने की मांग भी की है। वीडियो में चालक ने बताया कि 19 मई को नगरोटा डिपो की बस पालमपुर से शाम को दिल्ली के लिए चली और दिल्ली में सुबह 8 बजे पहुंची। दिल्ली में रैस्ट रूम की कोई व्यवस्था न होने के कारण सोने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ा। दिल्ली की चटक धूप में परिवहन निगम के चालक-परिचालक बस में सोने को मजबूर हुए हैं। सोने के लिए सिर्फ 4 से 5 घंटे ही मिल रहे हैं। साथ ही उन्होंने एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक से आग्रह किया है कि वह एक बार राजघाट की पार्किंग का दौरा करें और चालक-परिचालकों की परिस्थिति देखें।

https://www.facebook.com/watch/?mibextid=xfxF2i&v=1639463870211884&rdid=AUTIT7i47hGJ3syX

 

कोई भी समस्या है तो अपने स्थानीय आरएम को दें जानकारी


निगम प्रबंधन ने कहा कि रूट के दौरान यदि कि किसी भी चालक-परिचालक को किसी भी प्रकार की परेशानी सामने आती है या रात को रहने की सुविधा प्रदान नहीं होती है तो संबंधित जानकारी सभी डिपुओं में तैनात किए गए ट्रैफिक मैनेजर व आरएम को दे सकते हैं। अधिकारी चालक-परिचालक की हर मदद करेंगे। यदि इसके बाद भी समस्या हल नहीं होती है तो वह इसकी सूचना निगम प्रबंध निदेशक को भी दे सकते हैं।

राजघाट में इसलिए भी आ रही चालक-परिचालकों परेशानी


राजघाट में बने डीटीसी के रैस्ट हाऊस में एचआरटीसी के चालक-परिचालकों को भी रहने की सुविधा दी गई है और इसके लिए प्रबंधन की डीटीसी के अधिकारियों से भी बात हुई है। इसमें निगम के नाइट रूट पर आए चालक-परिचालक दिन के समय राजघाट के रैस्ट रूम में सो सकते हैं। लेकिन दिल्ली की गर्मी ने इस प्रक्रिया को बिगाड़ दिया है क्योंकि दिल्ली के लोकल रूट पर चलने वाले चालक-परिचालक गर्मी अधिक होने पर 3 बजे रैस्ट रूम में आ रहे हैं। इससे एचआरटीसी के चालक-परिचालकों को आराम करने में परेशानी हो रही है।

 

जगतपुर में दी गई रैस्ट रूम की सुविधा, 31 जुलाई तक निगम की है पेमैंट : रोहन चंद ठाकुर


वहीं इस मामले को लेकर एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर का कहना है कि दिल्ली में एचआरटीसी के चालक-परिचालकों के लिए 2 जगह रैस्ट रूम की सुविधा दी गई है। एक राजघाट में और दूसरी जगतपुर पार्किंग में रैस्ट रूम की सुविधा है। ऐसे में चालक-परिचालक जगतपुर की पार्किंग में विश्राम करने जा सकते हैं। इन दोनों जगह के बीच ज्यादा दूरी नहीं है। निगम प्रबंधन ने 31 जुलाई तक रैस्ट रूम की पेमैंट डीटीसी को की है। ऐसे में जगतपुर में रहने में कोई परेशानी नहीं होगी। वहीं सोशल मीडिया पर वायरल हुए चालक को यदि परेशानी थी तो वह दिल्ली में निगम के ट्रैफिक मैनेजर, संबंधित आरएम के समक्ष यह मामला उठा सकते थे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। 4 जून के बाद दिल्ली में नए रैस्ट रूम के बनने का कार्य भी शुरू किया जाएगा।

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