लडभड़ोल, जोगेंद्रनगर अस्पताल में शुरू नहीं हो पाई अल्ट्रासाउंड सेवाएं
हाइलाइट्स
-
डिजिटल एक्सरे करवाने के लिए बीत रहा है मरीजों का दिन
-
रेडियोलॉजिस्ट और तकनीशियनों की कमी के चलते मरीजों का उपचार प्रभावित
पोस्ट हिमाचल न्यूज एजेंसी
जोगेंद्रनगर(मंडी)। नागरिक अस्पताल जोगेंद्रनगर और लडभड़ोल में अल्ट्रासाउंड सेवाएं नई सरकार के सत्तासीन होने के करीब 18 माह बाद भी शुरू नहीं हो पाई है और अब डिजिटल एक्सरे करवाने के लिए भी मरीजों का दिन बीत रहा है। सौ बिस्तरों वाले उपमंडलीय अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट और अन्य तकनीशियनों की कमी के चलते मरीजों का उपचार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। समय पर रिर्पोट न मिलने पर मरीजों के तीमारदारों को भी मुसीबतें झेलनी पड़ रही है। बावजूद उसके भी स्वास्थ्य विभाग सवा लाख की आबादी के स्वास्थ्य पर निर्भर उपमंडलीय अस्पताल की सुध नहीं ले पा रहा है। लडभड़ोल क्षेत्र की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की बात करें तो चिकित्सकों के कई पद 50 बिस्तरों वाले अस्पताल में खाली पड़े हुए हैं। करीब 18 पंचायतों की 25 हजार से अधिक की आबादी के लडभड़ोल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सेवाओं का लाभ लेने के लिए मरीजों को बैजनाथ, पालमपूर के क्लिनिकों में दौड़ लगानी पड़ रही है। नागरिक अस्पताल जोगेंद्रनगर में हर रोज उपचार के लिए पहुंच रहे पत्थरी के मरीजों को भी अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए बैजनाथ, पपरोला का रूख करना पड़ रहा है। गर्भवती महिलाएं भी अल्ट्रासाउंड सेवाओं से महरूम है। स्थानीय अस्पताल में अल्ट्रासाउंड के संसाधनों की बात करें तो यहां पर मशीनरी और भवन की सुविधा भी मौजूद है लेकिन रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति न होने से अस्पताल में उपलब्ध यह सुविधाएं व संसाधन भी सफेद हाथी बन चुका है।
जोगेंद्रनगर अस्पताल में हर रोज सौ से अधिक डिजिटल एक्सरे
वीरवार को नागरिक अस्पताल जोगेंद्रनगर की डिजिटल एक्सरे सेवाओं के लिए मरीजों की भीड़ सुबह से दोपहर तक लगी रही। यहां पर हर रोज सौ के करीब मरीजों के डिजिटल एक्सरे होते हैं लेकिन यहां पर संसाधनों और तकनीशियनों की कमी के चलते मरीजों का दिन इंतजार में ही बीत जाता है। मरीजों की लगातार बढ़ती भीड़ के चलते कई बार रिर्पोट हासिल करने के लिए भी मरीजों को कतारों में लगना पड़ता है। जोगेंद्रनगर अस्पताल के एसएमओ डॉ रोशन लाल कोंडल का कहना है कि वह उपमंडलीय अस्पताल में मरीजों के उपचार से संबंधित हर सुविधा व संसाधनों के विस्तार को लेकर प्रयत्नशील हैं। वहीं मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ नरेंद्र भारद्वाज का तर्क है कि वह मंडी जिला के विभिन्न नागरिक अस्पतालों की तर्ज पर जोगेंद्रनगर और लडभड़ोल सिविल अस्पताल में भी स्वास्थ्य संसाधनों की र्प्याप्त उपलब्धता के लिए स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों के संपर्क में है।