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प्रदेश में अब एमएसपी से अधिक लाभ पर बेची शराब तो होगी सख्त कार्रवाई

 

  • शराब कारोबारी न्यूनतम विक्रय मूल्य पर 10 से 30 प्रतिशत लाभांश पर ही बेच सकेंगे शराब

पोस्‍ट हिमाचल न्‍यूज एजेंसी 


शिमला।  प्रदेश में अब एमएसपी से अधिक लाभ पर शराब बेचने पर राज्य कर एवं आबकारी सख्त कार्रवाई करेगा। अवैध शराब के कारोबार को रोकने और इसकी निगरानी के लिए विभाग महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है और नियमों का उल्लंघन करने पर विभाग कार्रवाई भी करेगा। राज्य कर एवं आबकारी आयुक्त डा. यूनुस ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में शराब कारोबारी न्यूनतम विक्रय मूल्य (एम.एस.पी.) पर 10 से 30 प्रतिशत लाभांश पर ही शराब बेच सकेंगे। इसकी अवहेलना करने वाले कारोबारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। अगर लाभांश की तय दरों से अधिक दाम बसूलने पर शराब का विक्रय किया गया तो संबंधित ठेकेदार पर हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियमए 2011 व उसके तहत बनाए गए नियमों के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग को अधिक लाभांश पर शराब विक्रय की शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिन पर सख्त कार्रवाई की गई है। अभी तक 70 कारोबारियों के चालान किए जा चुके हैं। विभाग द्वारा शराब की दुकानों पर आबकारी नीति के तहत एमएसपी और लाभांश के बारे में जानकारी प्रदर्शित करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

व्हिस्की, रम, जिन, वोदका, बायो बीयर, बायो वाइन, साइडर पर 10 प्रतिशत लाभांश


राज्य कर एवं आबकारी आयुक्त डा. यूनुस ने बताया कि आबकारी नीति के तहत सिंगल माल्ट, व्हिस्की, रम, जिन, वोदका, बायो बीयर, बायो वाइन, साइडर पर 10 प्रतिशत लाभांश, भारत में निर्मित सभी बीयर ब्रांड पर 30 प्रतिशत लाभांश तय किया गया है। देशी शराब पर 30 प्रतिशत लाभांश तय किया गया है। देश में बनी लो ब्रांड अंग्रेजी शराब पर 15 फ ीसदी और हाई ब्रांड शराब पर 30 फीसदी लाभांश तय किया गया है। न्यूनतम विक्रय मूल्य से 10 से 30 फीसदी लाभांश से अधिक शराब के विक्रय से संबंधित शिकायत के लिए विभाग ने दूरभाष नम्बर भी जारी किए हैं।

जोन स्तर पर शिकायत नंबर


डा. यूनुस ने बताया कि विभाग ने जोन स्तर पर शिकायत नंबर भी जारी किए हैं। इस संबंध में शिकायत के लिए कांगड़ा जोन में दूरभाष नंबर 01894230186, मंडी जोन में 01905223499 और शिमला जोन में दूरभाष नम्बर 01772620775 पर सम्पर्क किया जा सकता है। आबकारी आयुक्त ने प्रदेश के सभी नागरिकों से अपील की है कि वह इस प्रकार के मामले संज्ञान में आते ही टोल-फ्री नंबर 18001808062, दूरभाष नम्बर 0177-2620426 और व्हाट्स ऐप नम्बर 9418331426 र जानकारी साझा करें ताकि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।

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