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नगर निगम को झटका: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टों से होने वाली आय में देनी होगी 25 फीसदी हिस्सेदारी

हाइलाइट्स

  • स्मार्ट सिटी मिशन ने मांगी हिस्‍सेदारी

  • जून तक एक दर्जन विकास कार्य होने हैं पूरे

पोस्‍ट हिमाचल न्‍यूज एजेंसी


शिमला, गीता भारद्वाज। शिमला शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत तैयार किए गए प्रोजेक्टों से होनी वाली आय पर र स्मार्ट सिटी मिशन ने नगर निगम से 25 फीसदी की हिस्सेदारी मांगी है। एमसी पहले से ही आर्थिक बदहाली से जूझ रहा है, ऐसे में स्मार्ट सिटी से बने प्रोजेक्टों से ही निगम को आय होने की उम्मीद बंधी हुई है, लेकिन अब स्मार्ट सिटी मिशन ने निगम को बड़ा झटका देते हुए आय से 25 प्रतिशत का हिस्सा मांगा है, इससे नगर निगम प्रशासन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

 

700 करोड़ से ज्यादा के प्रोजेक्टों पर हो रहा काम


शिमला शहर में 700 करोड़ से ज्यादा के प्रोजेक्टों पर स्मार्ट सिटी के तहत काम चला हुआ है। इसमें से कुछेक प्रोजेक्ट बनकर तैयार हो चुके हैं, जबकि एक दर्जन से ज्यादा प्रोजेक्ट जून तक बनकर तैयार होंगे, ऐसे में नगर निगम को जैसे ही यह प्रोजेक्ट हैंडओवर होंगे, वैसे ही नगर निगम को इसकी कमाई से 25 फीसदी हिस्सा स्मार्ट सिटी मिशन को देना होगा।

 

अंतिम चरण में पहुंचे काम


शहर में स्मार्ट पाथ, एस्कलेटर, लिफ्ट, फुटओवर ब्रिज, फ्लाइओवर समेत अन्य विकास कार्य अंतिम चरण में पहुंच गए हैं। जाखू में एस्कलेटर को जनता को समर्पित किया गया है। इसका संचालन अगले 5 साल के लिए रोप-वे ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन ही करेगा। इस बारे में नगर निगम शिमला को स्मार्ट सिटी मिशन की तरफ से दावा पेश किया गया हैं। हालांकि अभी नगर निगम की ओर से स्मार्ट सिटी मिशन को इसका जवाब नहीं भेजा गया है। नगर निगम स्मार्ट सिटी मिशन को 25 प्रतिशत हिस्सेदारी देगा या नहीं, इस पर भी जल्द फैसला किया जाएगा। निगम सदन में इस मामले को चर्चा व मंजूरी के लिए रखा जाना है। इसके बाद ही इस पर फैसला होगा। शहर में स्मार्ट सिटी के तहत तैयार होने के बाद ही प्रोजैक्ट निगम को हैंडओवर किए जाएंगे, अभी इसका निर्माण कार्य नोडल एजेंसी कर रही है।

एमसी को होनी है करोड़ों की कमाई


शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट का काम चला हुआ है। निगम को इन प्रोजैक्ट से करोड़ों रुपए की इनकम होनी है। प्रोजैक्ट के तहत शहर में करोड़ों रुपए से कई बड़ी पार्किंग का निर्माण किया गया है। इससे निगम को कमाई होनी है। निगम अपनी आय बढ़ाने के लिए भी कई प्रोजैक्ट को शुरू कर रहा है। प्रशासन ने स्मार्ट सिटी के तहत कार्य से होने वाली कमाई को अपने बजट में शामिल किया है, ताकि निगम को मुनाफा हो सके, लेकिन अब 25 प्रतिशत हिस्सेदारी देने से निगम को घाटा उठाना पड़ सकता है।

मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि यह मामला चर्चा का विषय है, सदन में पार्षदों के साथ इस मामले पर चर्चा कर फैसला लिया जाएगा नगर निगम को भी शहर में अपनी संपत्तियों की हिस्सेदारी विभिन्न विभागों से लेनी है। इस पर भी सदन में फैसला होगा।

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