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Politics: बीजेपी के विधायकों को निष्कासित कर अपनी सरकार बनाने की कर रही है साज़िश : जयराम ठाकुर

 

हाइलाइट्स

  • हिमाचल की कांग्रेस सरकार अल्पमत में , बचाव के  हथकंडे अपना रहे सुक्‍खू 

  • विधायकों के लोकतांत्रिक अधिकारों की हत्या कर रही है सरकार

पोस्‍ट हिमाचल न्‍यूज एजेंसी


शिमला, गीता : नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हाल ही में हिमाचल प्रदेश में संपन्न राज्यसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश की सरकार अल्पमत में आ गई है। इसी कारण बजट पारित करने के पहले भारतीय जनता पार्टी के 15 विधायकों को को निलंबित करके बजट पारित कराया गया। बीजेपी के विधायकों को निष्कासित करना इस बात का सबूत है कि सरकार अल्पमत में आ गई है।

जयराम ठाकुर ने कहा कि अपनी सरकार को बचाए रखने के लिए कांग्रेस सरकार अब नया यह षड्यंत्र रच रही है। कांग्रेस सरकार विशेषाधिकार कमेटी द्वारा बीजेपी के सात विधायकों को नोटिस देकर निष्कासित करने का प्रस्ताव लाकर प्रदेश की कांग्रेस सरकार को बचाने का प्रयास कर रही है।

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार को यह समझ आ गया है कि वह बहुमत खो चुके हैं और सत्ता में बने रहने के लिए उनके पास संख्या बल नहीं है। इसलिए नियमों की धज्जियां उड़ाकर विधायकों को निष्कासित करने का जो प्रयास हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार कर रही है वह आज तक भारत के इतिहास में किसी भी विधानसभा में नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि यह विधायकों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। लोकतंत्र में इस तरह की तानाशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस सरकार के इस षड्यंत्र की कड़ी निंदा करती है।

एक तरफ आर्थिक बदहाली, दूसरी तरफ विधायकों को कैबिनेट दर्जे


बजट पारित होने के बाद बजट पारित होने के 5 दिनों के पश्चात प्रदेश की महिलाओं को सम्मान निधि के रूप में 1500 रुपए देने की घोषणा करने से स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री स्वयं ही इस बात को महसूस कर रहे हैं कि उनके पास सरकार चलाने का बहुमत नहीं रह गया है। एक तरफ मुख्यमंत्री आर्थिक बदहाली का जिक्र कर रहे हैं दूसरी तरफ विधायकों को कैबिनेट दर्जे से नवाज रहे हैं। इस प्रकार के कामों से उनकी स्थिति और हास्यास्पद हो गई है। जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के विधायक, कार्यकर्ता, पदाधिकारी और मंत्री सरकार से खुश नहीं हैं। मंत्री लोग मंत्री परिषद की बैठकर छोड़कर रोते हुए बाहर निकल रहे हैं। वर्तमान सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है क्योंकि उसके पास विधानसभा में बहुमत नहीं है।

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