Mandi Holi: राजदेवता माधोराय के संग खूब उड़ा गुलाल, सेरी पर डीजे का धमाल
हाइलाइट्स
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होली के रंगों में सरोबार पूरा शहर जश्न मनाने के लिए उमड पड़ा
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सुबह से ही युवाओं की टोलियां सड़कों पर निकल पड़ी, झूमते गाते पहुंचे सेरी चाणनी
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राजदेवता माधोराय भी पालकी में सवार होकर होली के मतवालों के साथ होली खेलने सड़कों पर उतर
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भूतनाथ मंदिर होकर वापिस राजदेवता पहुंचे माधोराय मंदिर, इसी के साथ संपन्न हुई छोटी काशी की होली
पोस्ट हिमाचल न्यूज एजेंसी
मंडी। यूं तो ब्रज की होली की मस्ती देश भर में प्रसिद्ध है। लेकिन हिमाचल प्रदेश की छोटी काशी मंडी की होली भी कुछ कम नहीं। होली का त्योहार मंडी जनपद में देश भर में मनाई जाने वाली होली से एक दिन पूर्व ही मनाया जाता है। खास बात यह हैं कि यहां एक तरफ प्राचीन परंपरा का निर्वाह करते हुए राजदेवता माधोराय की पालकी के साथ गुलाल उड़ाते हुए होली के मतवालों की टोली निकलती है। तो दूसरी और सेरी मंच पर डिजे की धुनों पर युवा थिरककर मस्त होकर मार्डन होली खेलते हैं। प्रशंसनीय है कि अनुशासन और मर्यादा होली के दौरान कायम रहती है। हर वर्ग के लोग, युवक युवतियां होली के जश्न में शामिल होकर पर्व की शोभा बढ़ाते हैं।
इसी परंपरा का निर्वाह करते हुए रविवार को छोटी काशी मंडी में होली उत्सव पर लोगों ने राजदेवता माधोराय के साथ खूब गुलाल उड़ाया। इस दौरान सेरी मंच पर डीजे की धुनों पर युवाओं ने जमकर मस्ती की। होली के रंगों में सरोबार पूरा शहर जश्न मनाने के लिए उमड पड़ा। पहाड़ी पंजाबी और होली के गीतों पर युवाओं ने जमकर डांस किया।
होली के मौके पर रविवार सुबह से ही युवाओं की टोलियां सड़कों पर निकल कर एक दूसरे पर रंग गुलाल फेंकते हुए सेरी चानणी की ओर बढ़ने लगी। जहां डीजे पर जमकर धमाल हुआ। राजदेवता माधोराय भी पालकी में सवार होकर होली के मतवालों के साथ होली खेलने सड़कों पर उतर आए।
दोपहर तीन बजे राजदेवता माधोराय की पालकी दरबार से निकली। लोगों ने माधोराय के संग होली खेली। राज दरबार से चौहाटा, समखेतर, भूतनाथ होते हुए देव माधोराय की पालकी वापस मंदिर पहुंची। इसके साथ ही मंडी में होली की मस्ती समाप्त हो गई। ता दें कि में रियासत काल से ही राजदेवता माधोराय की भागीदारी रही है। रियासत के समय से होली के दिन राजा का दरबार माधो राय मंदिर के सामने सजता था। इसमें राज दरबारी तथा प्रतिष्ठित जन प्रतिनिधि भाग लेते थे।