Mahashivratri 2024: पोरबंदर गुजरत के बिलेश्वर महादेव के रूप में दिखे बाबा भूतनाथ
हाइलाइट्स
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बिलेश्वर महादेव मंदिर की स्थापना भगवान श्री कृष्ण की थी
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शिवलिंग रोज सुबह पूजित मिलता है, मान्यता है पहली पूजा अश्वत्थामा करते हैं
पोस्ट हिमाचल न्यूज एजेंसी
मंडी। आज बाबा भूतनाथ 16 वें स्वरूप में गुजरात के बिलेश्वर महादेव के रूप में दिखे। शिवलिंग पर चढ़े मक्खन पर बिलेश्वर महादेव का रूप उकेरा गया। भूतनाथ मठ मंदिर मंडी के महंत दयानंद सरस्वती ने बताया कि बिलेश्वर महादेव मंदिर भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना के लिए जाना जाता है। पोरबंदर के धार्मिक स्थलों में से एक बिलेश्वर शिव मंदिर रब्रिस और चरण के पडोसी समुदाओ के लिए पूजनीय स्थल है। शिवरात्रि के अवसर पर बिलेश्वर शिव मंदिर में भक्तो की भीड़ उमड़ जाती हैं। बिलेश्वर शिव मंदिर भगवान शिव और श्री कृष्ण कि भक्ति के लिए जाना जाता हैं।
वहीं उन्नाव यूपी में भी इस तरह का मंदिर है। जहां, शिवालय में स्थापित शिवलिंग रोज सुबह पूजित मिलता है। मान्यता है कि पहली पूजा अश्वत्थामा करते हैं। मंदिर प्रांगण सामने स्थित जलाशय अर्जुन की बाण से बना है। बाबा भूतनाथ मठ मंदिर मंड के महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि महाभारत युद्ध शुरू होने से पहले भगवान श्री कृष्ण पांडव पुत्रों के साथ मौरध्वज नगरी आ रहे थे। जो अब मौरावां के नाम से जाना जाता है। भगवान श्री कृष्ण को जल की आवश्यकता हुई।
पांडव पुत्र अर्जुन ने अपने बाण से जलाशय बनाया
इस पर पांडव पुत्र अर्जुन ने अपने बाण से जल स्रोत बना दिया। मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण ने यहीं पर शिवलिंग की स्थापना की। समय के साथ शिवलिंग के चारों तरफ बेल के पेड़ उगा आये। जिससे की शिवलिंग दिखाई नहीं पड़ रहा था। जंगल में जानवर चराने गए चरवाहों को शिवलिंग दिखाई पड़ा। जिसके बाद भव्य शिवालय का निर्माण कराया गया।अर्जुन की बाणों से बना जलाशय की भी खासियत है कि यह कभी सूखता नहीं है। शिवालय के कपाट सुबह 4 बजे भक्तों के लिए खुलते हैं।