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लंबाडग प्रोजेक्ट हादसा: नाकाम रहा प्रबंधन, रेजर वायर के गेट नहीं खुले, आ गई बाढ़

हाइलाइट्स

  • 42 हजार क्यूबिक लीटर पानी की क्षमता वाली 4.6 किलोमीटर लंबी टनल

  • 6 घंटे तक पानी के रिसाव ने खूब मचाई तबाही

पोस्‍ट हिमाचल न्‍यूज एजेंसी


जोगेंद्रनगर(मंडी)। मंडी- कांगड़ा सीमा पर मुल्थान गांव के जिस पन विद्युत प्रोजेक्ट में हादसा हुआ इससे निपटने के लिए परियोजना प्रबंधन भी नाकाम साबित हुआ। 4.6 किलोमीटर टनल में मौजूद 42 हजार क्यूबिक लीटर पानी भरा हुआ था। जिसने खूब तबाही मचाई। इसके कुछ ही दूर छेरना में प्रोजेक्ट की रेजर वायर के अगर गेट समय पर बंद हो जो तो हादसे से होने वाले नुकसान को भी कम किया जा सकता था। हालांकि बाद में रेजर वायर को खाली कर दिया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार रेजर वायर में भी 55 हजार क्यूबिक लीटर पानी मौजूद था। अगर यहां पर भी परियोजना प्रबंधन कोताही बरतता तो और भी क्षति हो सकती थी। वहीं परियोजना प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार टनल के वटर फलाई बल्ब भी फेल हो जाने से टनल का पानी तबाही मचाता रहा। वहीं लंबाडग पन विद्युत प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट मैनेजर देवी सिंह चौहान ने बताया कि टनल में हुए पानी के रिसाव के कारणों की जांच जारी है। बहरहाल पानी के तेज बहाव से हुए नुकसान और राहत व बचाव कार्य को लेकर परियोजना प्रबंधन अपने स्तर पर संवेदनशीलता दिखा रहा है। बताया कि टनल में हुए पानी के रिसाव से प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता भी कंपनी के द्वारा प्रदान की जाएगी।

शानन और बस्सी प्रोजेक्ट में अचानक रोकना पड़ा विद्युत उत्पादन


मुल्थान गांव में पन विद्युत प्रोजेक्ट की टनल में पानी के रिसाव से हुई त्रासदी का असर पंजाब राज्य की 110 मैगावाट शानन विद्युत परियोजना और हिमाचल राज्य की 66 मैगावाट बस्सी विद्युत परियोजना में भी विद्युत उत्पादन प्रभावित हुआ। मुल्थान बाजार में बाढ़ की तरह पानी व मलबा उहल नदी में घुस जाने से बरोट स्थित शानन प्रोजेक्ट की रेजर वायर का पानी भी गंदला हो गया। मलबा और लकड़ी के टुकड़े रेजर वायर में घुस जाने से शुक्रवार दोपहर एक बजे पहले शानन विद्युत परियोजना में विद्युत उत्पादन रोकना पड़ा। इसके बाद बस्सी परियोजना में भी विद्युत उत्पादन ठप्प हो गया। शानन परियोजना के अधिशाषी अभियंता राजेश कुमार ने बताया कि मुल्थान गांव में पन विद्युत प्रोजेक्ट में हुए हादसे की जानकारी समय पर मिलते ही बरोट स्थित रेजर वायर के गेट बंद करने से शानन परियोजना को भी नुकसान से बचा लिया गया। बताया कि देर शाम रेजर वायर का पानी साफ हो जाने के बाद दोबारा विद्युत उत्पादन शुरू किया। करीब चार घंटे दोनों ही विद्युत परियोजना में उत्पादन ठप हो जाने से लाखों का नुकसान परियोजना प्रबंधन को पहुंचा है।

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