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Jogindernagar News: सरकारी अस्‍पताल में भर्ती रोगियों को इंजेक्‍शन, ग्लूकोज और ऑक्सीजन मास्क के लिए भी चुकाने पड़ रहे हैं दाम

 

हाइलाइट्स

  • सरकारी अस्पतालों में उपचार के साथ निःशुल्क दवाओं के दावों की खुली पोल
  • निजी दुकानों में फिर दवा खरीदने को मजबूर हुए मरीज

पोस्‍ट हिमाचल न्‍यूज एजेंसी


जोगेंद्रनगर(मंडी),राजेश शर्मा। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को उपचार के साथ निःशुल्क दवाओं के लाभ के दावे फिर से खोखले साबित होने लग पड़े हैं। जोगेंद्रनगर के सौ बिस्तरों वाले अस्पताल में आईसूलेट मरीजों को इंजैक्शन, ग्लूकोज यहां तक कि ऑक्सीजन मास्क के लिए भी दाम चुकाने पड़ रहे हैं। डायरिया की गंभीर बिमारी से ग्रस्त मरीजों को सिपरो इंजैक्शन भी अपने स्तर पर उपलब्ध करवाना पड़ रहा है। इसके अलावा अस्पताल के विभिन्न रोगी वार्डों में दाखिल मरीजों को एन एस और डीएनएस ग्लूकोज की भी आपूर्ति मांगानुसार नहीं हो पा रही है। सीरिंज और इंजैक्शन में इस्तेमाल होने वाली सीरिंज यहां तक कि टैबलेट्स की भी किल्लत पड़ गई है। बीते कई दिनों से अस्पताल में उपचार के लिए विभिन्न रोगी वार्डों में दाखिल मरीजों से प्राप्त जानकारी के अनुसार चिकित्सक परामर्श के बाद जब दवाओं का जिक्र किया जाता है तो 30 प्रतिशत दवाएं अस्पताल की डिस्पैंसरी में नहीं मिल पा रही है। दो सौ से चार सौ रूपये तक के इंजैक्शन निजी दवा की दुकानों से खरीदने पड़ रहे हैं। छोटे बच्चों के आईसूलेट के दौरान पी ग्लूकोज भी मांगानुसार नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में एक मरीज को ही उपचार के दौरान हजार से 15 सौ रूपये तक की दवा खरीदनी पड़ रही है।

आपातकालीन वार्ड में भी जीवन रक्षक दवाओं का अभाव


नागरिक अस्पताल जोगेंद्रनगर में गंभीर मरीजों के लिए आपातकालीन वार्ड में उपचार के दौरान भी जीवन रक्षक दवाओं का अभाव बना हुआ है। यहां पर हर रोज बीस से 25 मरीज उपचार के लिए दाखिल हो रहे हैं जिन्हें सरकारी दवाओं व इंजैक्शन का शत प्रतिशत लाभ नहीं मिल पा रहा है। बाहर से दवा खरीद कर अस्पताल में उपचार करवाने के लिए मध्यम वर्गीय परिवार के मरीजों की दिक्कतें बढ़ गई है। प्रतिदिन तीन सौ ओपीडी वाले इस अस्पताल में चिकित्सीय संसाधनों की दरकार भी बनी हुई है और आनन फानन में कई बार गंभीर मरीजों को मंडी व कांगड़ा में रैफर करना पड़ रहा है। समय पर उपचार न मिलने पर मरीजों की जान पर जोखिम भी कई बार पैदा होने के बाद भी स्वास्थ्य संसाधनों में विस्तार नहीं हो पा रहा है जबकि दवाओं व इंजैक्शन की किल्लत भी मरीजों का मर्ज बढ़ा रहा है।

सिविल अस्पताल जोगेंद्रनगर में मरीजों को स्वास्थ्य लाभ के साथ दवाओं की उपलब्धता भी अस्पताल प्रशासन की और से उपलब्ध करवाई जा रही है। चिकित्सा संसाधनों में विस्तार के प्रयास जारी है।

डॉ रोशन लाल कोंडल, एसएमओ, नागरिक अस्पताल जोगेंद्रनगर

 

 

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