Himachal : अस्पताल की आपात सेवाएं बदहाल, ओपीडी में ताला देख बिना उपचार लौटे मरीज
हाइलाइट्स
- 12 बजे के बाद ही यह डॉक्टर ओपीडी में बैठकर मरीजों का उपचार कर रहे
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प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अस्पतालों में उपचार के लिए दिन भर भटकते रहे मरीज
पोस्ट हिमाचल न्यूज एजेंसी
जोगेंद्रनगर (मंडी),राजेश शर्मा। हिमाचल प्रदेश चिकित्सा अधिकारी आज सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। डाक्टर एनपीए जारी न किए जाने और अन्य मांग मांगे पूरी न होने के विरोध कर रहे हैं। इनके छुट्टी पर जाने से प्रदेश के अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं। अभी डॉक्टर हर दिन ढाई घंटे की हड़ताल पर हैं। मेडिकल अधिकारी एसोसिएशन ने यह भी चेतावनी दी है कि मांगें पूरी न होने पर आंदोलन तेज होगा। 12 बजे के बाद ही यह डॉक्टर ओपीडी में बैठकर मरीजों का उपचार कर रहे हैं।
डॉक्टर नहीं पहुंचने से डीडीयू शिमला में सुबह से मरीज इंतजार करते रहे। ओपीडी बंद रही। इसके चलते मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी है। मुख्यमंत्री सुक्खू की ओर से आश्वासन मिलने के बाद भी उनकी मांगें पूरी नहीं हुई हैं। इसके चलते उनमें रोष है। उधर, हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ के अध्यक्ष राजेश राणा ने कहा कि सरकार ने आपदा के दौरान एनपीए बंद किया है। डॉक्टरों की पदोन्नति रुकी पड़ी है। सीएम के साथ भी बैठक हो चुकी है। लेकिन अभी तक मांगों पर गौर नहीं किया गया है।
उधर, चिकित्सकों की सामूहिक हड़ताल से नागरिक अस्पताल जोगेंद्रनगर की आपात सेवाएं भी चरमर्रा गई। मुख्य ओपीडी पर ताला देखकर बिना उपचार मरीज लौट आए। वीरवार को जोगेंद्रनगर उपमंडल के पांच प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और तीन बड़े अस्पतालों में चिकित्सकों की हड़ताल का असर देखने को मिला। सौ बिस्तरों वाले नागरिक अस्पताल जोगेंद्रनगर की आपात सेवाओं में तैनात विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ विजेंद्र ने गंभीर मरीजों को उपचार दिलाया लेकिन सामान्य बिमारी से ग्रस्त मरीज भी ओपीडी में सुबह से शाम तक आते रहे। नागरिक अस्पताल लडभड़ोल में उपपचार के लिए मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी।
सामुदायिक अस्पताल चौंतड़ा की आपात सेवाओं में तैनात डॉ अंशुल ने गंभीर मरीजों को उपचार दिलाया। वीरवार को चिकित्सकों की हड़ताल से हर वर्ग के मरीजों को परेशान होना पड़ा। कई किलोमीटर का सफर करने के बाद जब अस्पताल पहुंचे तो ओपीडी पर ताला लटका हुआ देखकर कुछ मरीजों ने रोष भी व्यक्त किया। इधर रोगी वार्ड में दाखिल मरीजों को भी चिकित्सा परामर्श हासिल करने के लिए दिक्कतें झेलनी पड़ी। बाल रोगी वार्ड में दाखिल मरीज भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की राह देखते रहे। अस्पताल के एसएमओ डॉ रोशन लाल कोंडल ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर प्रदेश भर के चिकित्सकों ने सामूहिक हड़ताल का निर्णय लिया है। स्थानीय अस्पताल की आपात सेवाओं में फिर भी चिकित्सकों ने हर वर्ग के मरीजों को प्राथमिक उपचार दिलाकर राहत प्रदान की है।