Jogindernagar Hospital:बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के आगे बेबस जनता
हाइलाइट्स
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व्हील चेयर में उपचार के लिए भटकते रहे गंभीर मरीज
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बजुर्गओपीडी के बाहर खा रहे धक्के, तीमारदार परेशान
पोस्ट हिमाचल न्यूज एजेंसी
जोगेंद्रनगर(मंडी), राजेश शर्मा। सरकारी अस्पतालों में चार दिन के सामूहिक अवकाश के बाद सोमवार को ओपीडी में चिकित्सकों के तय समय पर न मिलने से फिर मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी। नागरिक अस्पताल जोगेंद्रनगर में गंभीर मरीज व्हील चेयरों में कई घंटे तक परेशानी झेलते रहे। उनके साथ आए तीमारदारों को हड़ताल की जानकारी नहीं थी और वह अपने मरीजों को व्हील चेयर में बिठाकर अस्पताल परिसर में भटकते रहे। इस दौरान जब बजुर्ग मरीजों को धक्के खाने की नौबत आन पड़ी तो कुछ तीमारदारों में रोष दिखा।
सोमवार को नागरिक अस्पताल जोगेंद्रनगर में ही करीब पांच सौ मरीज उपचार के लिए पहुंच चुके थे। जबकि सामुदायिक अस्पताल चौंतड़ा, सिविल अस्पताल लडभड़ोल में भी उपचार के लिए करीब तीन सौ मरीज पहुंच चुके थे। इनमें 40 प्रतिशत मरीजों ने सुबह साढ़े नौ बजे पर्ची हासिल कर ओपीडी के बाहर चिकित्सकों की राह देखते रहे लेकिन अपनी मांगों को लेकर अड़े चिकित्सक जब ओपीडी में नहीं पहुंचे तो मरीजों और उनके तीमारदारों का गुस्सा भी फूट पड़ा। गुस्साए मरीजों ने चिकित्सकों की लंबी खींचती जा रही हड़ताल पर स्वास्थ्य विभाग को भी खरी खोटी सुना दी।
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मकरीड़ी से सुबह करीब नौ बजे नागरिक अस्पताल जोगेंद्रनगर पहुंची विद्या देवी ने भी अव्यवस्था पर रोष प्रकट किया। शुगर की गंभीर बिमारी से पीड़ित इस मरीज ने बताया कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग के आपसी तालमले सही न होने से चिकित्सकों की हड़ताल लगातार खींचती जा रही है।
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बसाही धार से जोगेंद्रनगर अस्पताल में उपचार के लिए सुबह नौ बजे पहुंची पार्वती देवी, नेरी लांगणा ने अंजना और टांग की चोट से घायल लक्ष्मी देवी भी अस्पताल में पहुंच गई थी। लेकिन 12 बजे के बाद जब चिकित्सक ओपीडी में पहुंचे तो मरीजों की भीड़ ने फिर परेशानियां बढ़ा दी।
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बता दें कि करीब दो सप्ताह से प्रदेश भर के चिकित्सक अपनी मांगों को लेकर सुबह साढ़े नौ बजे दोपहर 12 बजे तक हड़ताल पर डटे हुए हैं। जिस कारण हर रोज मरीजों को उपचार हासिल करने के लिए परेशानी झेलनी पड़ रही है। नागरिक अस्पताल जोेगेंद्रनगर के एसएमओ डॉ रोशन लाल कोंडल ने बताया कि अवकाश के बाद अस्पताल में मरीजों की भीड़ अधिक रही। जिन्हें ओपीडी में तैनात चिकित्सकों ने स्वास्थ्य लाभ दिलाया। वहीं आपातकालीन सेवाओं में भी 24 घंटे मरीजों को उपचार मिलता रहा।