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एचआरटीसी बसों में कॉलेज छात्रों के ऑनलाइन पास बनाने के बाद प्रिंट करवाना भी अनिवार्य

पोस्‍ट हिमाचल न्‍यूज एजेंसी


शिमला। एचआरटीसी ने कॉलेज छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन पास सुविधा शुरू की है, लेकिन इसके बाद कुछ छात्र-छात्राएं इन्हें प्रिंट नहीं करवा रहे हैं, लेकिन ऑनलाइन पास बनने के बाद पास को प्रिंट करवाना भी अनिवार्य है। प्रिंट करवाने के बाद जहां छात्र अपने पास आसानी से परिचालक को दिखा सकेंगे, वहीं कंडक्टर भी आसानी से पास देख सकेगा और पास पर सफर की अनुमति दे सकेगा। शिमला शहर में कॉलेज के छात्रों ने ऑनलाइन पास बना लिए हैं, लेकिन कुछ ने इन्हें प्रिंट नहीं करवाया जिससे छात्र मोबाइल से ही परिचालक को पास दिखा रहे हैं, लेकिन बसों में कई बार सवारी अधिक होने के कारण और छात्रों के बस में दूर बैठने के कारण पास सही तरीके से चैक नहीं हो पाता है। ऐसे में निगम प्रबंधन ने पास बनाने वाले छात्रों को पास प्रिंट करवाने को भी कहा है। इसके पीछे कारण यह भी है कि कई बार मोबाइल में बैटरी भी खत्म हो जाती है, ऐसे में यदि मोबाइल बंद हो जाए तो छात्र अपना पास कैसे परिचालक को दिखाएगा। इसके लिए भी प्रबंधन ने छात्रों को पास प्रिंट करवाने को कहा है। आर. एम. विनोद शर्मा ने कहा कि प्रबंधन ने कॉलेज छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन पास की सुविधा शुरू की है और छात्र-छात्राएं ऑनलाइन पास बनाभी रहे हैं, लेकिन पास को प्रिंट करवाना भी अनिवार्य है।

क्यूआर कोड से भी पास हो जाता है स्कैन, लेकिन सभी परिचालकों के पास नहीं एंड्रायड फोन


निगम प्रबंधन ने ऑनलाइन पास सुविधा में क्यू. आर. कोड स्कैन की सुविधा भी दी है जिससे क्यू. आर. कोड स्कैन कर पता चल जाएगा कि छात्र का पास असली है या नकली। ऐसे में ये पास मोबाइल फोन की सॉफ्ट कॉपी से भी स्कैन हो जाएंगे, लेकिन इस सुविधा में विडम्बना यह है कि न तो परिचालक को बस में इतना समय होता है कि वह क्यू. आर. कोड स्कैन करें, न ही निगम के सभी परिचालकों के पास एंड्रायड फोन हैं जिससे वह क्यू.आर. कोड स्कैन कर सकें। इसलिए प्रबंधन ने पास प्रिंट करवाने के लिए छात्रों को कहा है।

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