HTRC: रोज हर रूट और कंडक्टरों की मॉनीटरिंग
हाइलाइट्स
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एचआरटीसी ने राजस्व में बढ़ोतरी करने के लिए ढूंढा तरीका
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चार डिवीजनों के तहत आने वाले 29 डिपुओं में शुरू हुई व्यवस्था
पोस्ट हिमाचल न्यूज एजेंसी
शिमला, गीता भारद्वाज। हिमाचल में परिवहन सेवाओं के लिए निर्भर एचआरटीसी के राजस्व में बढ़ोतरी करने के लिए अब परिवहन निगम ने एक नया तरीका ढूंढ निकाला है। प्रतिदिन होने वाले राजस्व की निगम ने मॉनीटरिंग शुरू कर दी है, जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश के चार डिवीजनों के तहत आने वाले 29 डिपुओं के तहत कई डिपो अपने टारगेट को अचीव करने में सफल भी हो रहे हैं। जिन डिपुओं में राजस्व में कमी आ रही है और टारगेट पूरे नहीं हो रहे हैं, उन डिपुओं के यूनिट प्रबंधकों को राजस्व गिरने की भिन्नताओं और इसके कारणों के सूक्ष्म विशलेषण करने के निर्देश जारी किए गए हैं। यूनिट प्रबंधकों को प्रत्येक रूट और कंडक्टरों की मॉनीटरिंग करने को कहा गया है, ताकि इन रूटों पर होने वाले राजस्व में इजाफा हो सके।
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परिवहन निगम का दैनिक लक्ष्य 2.52 करोड़ है, जिससे निगम को प्रतिमाह 75 करोड़ से अधिक का राजस्व जुटाना है।
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इस माह मात्र 15 दिनों में इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए निगम सफल भी रहा है। 13 और 15 अप्रैल को 2.52 करोड़ के प्रतिदिन आय के लक्ष्य के अनुरूप इससे अधिक राजस्व एकत्रित किया गया है।
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धर्मशाला डिवीजन के तहत 9 अप्रैल से लगातार प्रतिदिन निर्धारित 62.20 लाख के लक्ष्य के विपरीत इससे अधिक का राजस्व जुटाया जा रहा है।
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हमीरपुर डिवीजन में 12 अप्रैल से लगातार वृद्धि हो रही है। शिमला डिवीजन के तहत कई डिपुओ में बेहतरीन प्रदर्शन हो रहा है और निर्धारित प्रतिदिन के राजस्व के अनुसार यहां इससे अधिक आय अर्जित की जा रही है।
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मंडी डिवीजन में अभी सुधार की आवश्यकता है, जिसके लिए परिवहन निगम लगातार प्रयासरत है।
आय बढ़ाने के लिए अब हो रही डेली मॉनीटरिंग : रोहन
एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने कहा कि निगम की प्रतिदिन आय की माॅनीटरिंग की जा रही है और जो डिपो पीछे चले हुए हैं, उसमें सुधार लाया जा रहा है। शिमला, हमीरपुर और धर्मशाला डिवीजन अब अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन मंडी डिवीजन पिछड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यूनिट प्रबंधकों को हर मार्ग के लिए आय की निगरानी करने के लिए कहा गया है, ताकि राजस्व गिरने पर भिन्नताओं और कारणों का सूक्ष्म विश्लेषण किया जा सके और निगम की प्रतिदिन होने वाली आय बरकरार रखी जा सके।