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आंतकी हमले के बाद एचआरटीसी की चंबा-डोडा बस सेवा बंद

हाइलाइट्स
  • बस चंबा से 80 किलोमीटर दूर सलूणी उपमंडल के सीमावर्ती गांव लंगेरा तक ही जाएगी
  • डोडा जिले के भद्रवाह क्षेत्र से मणिमहेश यात्रा के दौरान चंबा आने वाले तीर्थयात्रियों पर भी संशय
  • जम्‍मू से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों में चौकसी बढ़ी, ड्रोन से निगरानी 
पोस्‍ट हिमाचल न्‍यूज एजेंसी 

चंबा। डोडा में आंतकी हमले के बाद हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने चंबा-डोडा बस सेवा स्थगित कर दी है। अब यह बस चंबा से 80 किलोमीटर दूर सलूणी उपमंडल के सीमावर्ती गांव लंगेरा तक ही जाएगी। इस बस को 2 जुलाई को शुरू किया गया था। ताकि स्थानीय लोगों के साथ-साथ डोडा जिले के भद्रवाह क्षेत्र से मणिमहेश यात्रा के दौरान चंबा आने वाले तीर्थयात्रियों को लाभ मिल सके। मणिमहेश में भारी संख्‍या में जत्‍थे डोडा से आते हैं। बढ़ रही आतंकी घटनाओं के बाद इनपर भी संशय बना हुआ है।
एचआरटीसी चंबा के क्षेत्रीय प्रबंधक शुगल सिंह ने बस सेवा स्‍थगित होने की पुष्टि की है। बताया कि स्थिति सामान्य होने तक बस अब केवल लंगेरा तक ही जाएगी। एचआरटीसी मुख्यालय द्वारा जारी एडवाइजरी के बाद यह निर्णय लिया गया। इस बीच, जम्मू क्षेत्र में आतंकी घटनाओं में वृद्धि के बाद चंबा पुलिस ने अपनी सतर्कता बढ़ा दी है। पुलिस अधीक्षक ने सभी पुलिस थानों और चौकियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। पुलिस द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त बढ़ाई जा रही है और ड्रोन से निगरानी की जा रही है। इसके अलावा खुफिया विभाग विशेष निगरानी कर रहा है। पड़ोसी राज्यों से राज्य और जिला सीमा में प्रवेश करने वाले वाहनों सहित विभिन्न स्थानों पर वाहनों की जांच की जा रही है। जांच के बाद वाहनों को आगे जाने दिया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के  200किलोमीटर की सीमा लगती है।

चंबा में अब तक के आतंकी हमले


  1. 1993 में जिले के किहार क्षेत्र के जलाड़ी गांव में आतंकियों ने दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसी वर्ष पदरी जोत में आतंकी हमले में दो चरवाहे मारे गए थे। पुलिस अभियान में आतंकी मारे गए थे।

  2. 1995 में आतंकियों ने मनसा धार क्षेत्र में दो पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जबकि 1996 में किहार सेक्टर में दो चरवाहों से लूटपाट की थी।

  3. सबसे घातक हमला 1998 में हुआ था, जब आतंकियों ने चुराह उपमंडल के कलाबन और सतरुंडी में 35 मजदूरों की हत्या कर दी थी।

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