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तपे पहाड़, गर्मी से छूटे पसीने , 10 से 13 मई तक बारिश के आसार

हाइलाइट्स

  • मई माह में तापमान में वृद्धि से चढ़ा पारा

  • बाजार सूने, राहगीरों का छाता बना सहारा

पोस्‍ट हिमाचल न्‍यूज एजेंसी


जोगेंद्रनगर(मंडी)। मई माह में सूरज आग उगलने लगा है। मैदानी इलाकों के साथ साथ अब हिमाचल के पहाड़ भी गर्मी से तपने लगे हैं। प्रदेश के 26 शहरों में से 14 का पारा 30 डिग्री सेल्सियस पार हो गया है, जबकि ऊना और नेरी का तापमान 40 डिग्री से अधिक है। लोग बेहाल है। खासकर दिन के वक्त लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। कल मैदानी इलाकों में गर्मी में और इजाफा होगा। मगर मध्यम ऊंचाई वाले कुछेक क्षेत्रों में बारिश के आसार है। 10 से 13 मई तक येलो अलर्ट जारी किया है। इस दौरान कुछेक क्षेत्रों में तेज बारिश, आंधी व तूफान चल सकता है।

चटक धूप से सूखने लगे पेयजल स्त्रोत


प्रदेश में बीते एक सप्ताह से चटक धूप तप रही है। इससे पेयजल व सिंचाई की योजनाओं में निरंतर पानी का लेवल गिर रहा है। इसकी सबसे ज्यादा मार नगदी फसलें उगा रहे किसानों पर पड़ रही है। फूलगोभी, टमाटर, लहसुन, मटर की फसल को इस वक्त बारिश की सख्त जरूरत है। जोगेंद्रनगर में दोपहर 12 बजे से तीन बजे के अंतराल में तेज धूप के चलते लोगों को घर से निकलना भी अब आसान नहीं रहा। मुख्य बाजारों और सड़कों सन्नाटा पसरना शुरू हो चुका है। वहीं बढ़ती गर्मी से परेशान होकर लोगों को अब घरों से बाहर निकलने के लिए छाता ही सहारा बन चुका है। बुधवार को मंडी जिला के जोगेंद्रनगर में तापमान करीब 35 डिग्री पहुंच जाने से लोगों के पसीने छूट गए।

अस्पताल में बेहोशी और उल्टी दस्त के मरीज


मई माह में तापमान में बढ़ोतरी होते ही बेहोशी और उल्टी दस्त के मरीजों के दाखिले भी उपमंडल के विभिन्न सरकार अस्पतालों में देर शाम तक जारी रहे। नागरिक अस्पताल जोगेंद्रनगर में उपचार के लिए पहुंचे करीब दो सौ से अधिक मरीजों में 15 प्रतिशत मरीज उल्टी दस्त और चक्कर आने के भी शामिल थे। इसके अलावा सामुदायिक अस्पताल चौंतड़ा और नागरिक अस्पताल लडभड़ोल में भी शरीर में पानी की कमी के चलते डी हाईड्रेशन के मरीजों का आना जाना देर शाम तक जारी रहा।

गर्मी के मौसम में खानपान में लापरवाही से अधिक बिमार पड़ रहे हैं लोग:डॉ अनु


इधर नागरिक अस्पताल जोगेंद्रनगर में तैनात विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ अनु ने बताया कि गर्मी के मौसम में खानपान में लापरवाही के चलते भी मरीज अधिक बिमार पड़ रहे हैं। उन्होंने तेज धूप से बचने के लिए गर्भवती महिलाओं को छाते का अधिक इस्तेमाल करने का आहवान किया है। छोटे बच्चों को ओआरएस के घोल का अधिक सेवन करने की हिदायत बुधवार को उपचार के दौरान पहुंचे मरीजों को दी। वहीं बाहरी खाद्य सामग्री से परहेज करने का आहवान करते हुए अधिक से अधिक पेयजल के इस्तेमाल हर वर्ग के लोगों को करने को कहा। डॉ अनु ने बताया कि दोपहर को गर्मी का ऐहसास और देर रात ठंड का ऐहसास होने से भी लोग बिमार पड़ रहे हैं।

 

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