15 विधायकों को गलत निष्कासित नहीं किया जाता तो कांग्रेस की सरकार बजट सेशन में गिर गई थी: जयराम
हाइलाइट्स
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धूमल और जयराम मिले, सियासी संतुलन साधने की कोशिश
- सरकार अल्पमत में हैं और इस तरह से सरकार को कब तक बचाया जा सकता
पोस्ट हिमाचल न्यूज एजेंसी
हमीरपुर। हमीरपुर में पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष जयराम संतुलन साधने की कोशिश में हैं। पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रोफ़ेसर प्रेम कुमार धूमल के साथ जयराम की मुलाकात इसी ओर इशारा कर रही है। इस दौरान हाल ही में अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफ़ा देकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए निर्दलीय विधायक होशियार सिंह और आशीष शर्मा और पूर्व विधायक इन्द्र दत्त लखनपाल भी उनके साथ थे। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रेम कुमार धूमल पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और हर मौक़े पर उनका मार्गदर्शन मिलता रहा है।
जयराम ने इस दौरान सुक्खू सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने विधायकों से सवाल करने की बजाय ख़ुद से सवाल करना चाहिए कि यह हाल आख़िर कैसे हुआ? सरकार की इस हालत का ज़िम्मेदार कौन है। उन्होंने कहा कि सरकार अपना बहुमत खो चुकी है और उसे सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। बजट सत्र के दौरान पूरे देश ने देखा कि किस प्रकार कांग्रेस ने लोकतांत्रिक मूल्यों का गला घोटकर अपनी सरकार जैसे-तैसे बचायी है। अगर भाजपा के 15 विधायकों को ग़लत तरीक़े से निष्कासित नहीं किया जाता तो कांग्रेस की सरकार बजट सेशन में गिर गई थी।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि यह सरकार प्रदेश की जनता और अपने कार्यकर्ताओं, नेताओं, मंत्रियों और विधायकों की नज़र में गिर गई है। अगर हमारे विधायकों को सदन से आलोकतांत्रिक तरीक़े से निष्कासित नहीं किया जाता तो यह सरकार बजट सेशन में भी गिर गई थी। कट-मोशन पर यदि हमारे मत विभाजन की मांग को भी स्वीकार किया जाता तो यह सरकार ही गिर गई थी। पत्रकारों के सवाल के जवाब में जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार अल्पमत में हैं और इस तरह से सरकार को कब तक बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस के विधायक जो शिमला में है उन्हें देखकर लगता है कि वे जेड प्लस से ये भी बड़ी सुरक्षा में हैं। विधायकों के आगे पायलट और पीछे एस्कॉर्ट चल रही है। रात में भी पुलिस विधायकों के घर में झांककर देखती है कि वे घर में है कि नहीं। आज कांग्रेस के विधायकों का यह हाल है।