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किरकिरी: दूसरे दिन ही वापिस लेनी पड़ी एरियर भुगतान से संबंधित दोनों अधिसूचनाएं

 

हाइलाइट्स

  • कर्मचारियों और पेंशनरों में बढ़ते आक्रोश के चलते सरकार को उठाना पड़ा कदम

  • महासंघ ने जताई थी नाराजगी, वित्‍त विभाग ने इस मामले पर बुला ली थी बैठक

पोस्‍ट हिमाचल न्‍यूज एजेंसी


शिमला, गीता । आखिर सुक्‍खू सरकार को एरियर भुगतान से संबंधित दोनों अधिसूचनाएं दूसरे दिन ही वापस लेनी पड़ी। कर्मचारियों और पेंशनरों में बढ़ते आक्रोश के चलते सरकार को यह कदम उठाना पड़ा। ऐसे में अब सवाल उठने लगे हैं
क्‍या आंखें बंद करके सरकार इस तरह के अधिसूचनाएं लागू कर रही हैं? पहले ही सरकार पार्टी के भीतर उठे विरोध के भंवर में फंसी पड़ी है। अब इस तरह की अधिसूचनाएं जारी करना और बाद में उसे वापिस लेने से सरकार की और किरकिरी हो रही है।

मंगलवार को राज्य सचिवालय कर्मचारी महासंघ समेत कई संगठनों ने एरियर के तरीके पर एतराज जताया। वित्त विभाग ने इस मामले पर बैठक बुला ली। महासंघ के एतराज के बाद यह अधिसूचना वापिस लेने के निर्देश सुक्‍खू सरकार ने वापिस लिए। महासंघ के प्रधान संजीव शर्मा ने कहा कि इस अधिसूचना के अनुसार वेतन एरियर की अदायगी के लिए लगभग 33 वर्ष और महंगाई भत्ते की अदायगी के लिए लगभग 5 वर्ष का समय लगना था।


  • राज्य सरकार ने सोमवार को प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों को छठे वेतन आयोग का एरियर देने के आदेश जारी किए थे।

  • नए वित्त वर्ष में कुल एरियर का साढ़े चार फीसदी भुगतान किया जाना था। यह एक जनवरी 2016 से दिया जाना है। इसमें डेढ़ प्रतिशत की अदायगी मार्च में की जानी थी।

  • इसके बाद हर माह 0.25 प्रतिशत से अधिक एरियर की अदायगी नहीं की जानी थी। एरियर वेतन और पेंशन के साथ दिया जाना था। महंगाई भत्ते के एरियर का भुगतान भी डेढ़ प्रतिशत प्रति माह कर दर से किया जाना था। इस पर कर्मचारी संघों को एतराज था।

 

इस तरह बैठता था हिसाब किताब

मान लो किसी का दो लाख एरियर बकाया है। तो अधिसूचना के हिसाब से उसे पहले तीन चार हजार मिलना था। उसके बाद 0.25 के हिसाब से पच्‍चीस तीस सालों को पांच सौ और छह सौ के हिसाब से मिलना था। इन अधिसूचनाओं से सुक्‍खू सरकार की खूब खिल्‍ली उड़ रही थी।

क्या सरकार पेंशनर के मरने के बाद एक मुश्त देगी‌ बकाया राशि


कुनिहार,अक्षरेश शर्मा। पेंशनर वेलफेयर एसोसिएशन जिला सोलन के प्रधान धनीराम तंनवर एवं समस्त कार्यकारिणी सदस्य दिप राम ठाकुर, नागेंद्र ठाकुर, रती राम शर्मा, ओम प्रकाश,पतराम पवर, नेकीराम, वेद ठाकुर, पुष्पा सुद, बीना चौहान, धर्म सिंह ठाकुर, श्यामलाल ठाकुर, सतपाल शर्मा निर्मल ठाकुर देवराज ठाकुर, आशा राणा, संत राम चंदेल, जीत सिंह,जसवीर सिंह ने एरियर संबंधित अधिसूचनाओं को लेकर रोष प्रकट किया है। पेंशनरों ने हा है कि पेंशनर के साथ उनके वित्‍तीय भ काफी समय से सरकार के पास पेंडिग पड़े हैं। उसका जो फार्मूला बनाया गया था, वह पेंशनर के साथ मजाक था। क्या सरकार पेंशनर के मरने के बाद एक मुश्त देगी‌ बकाया राशि देगी। वित्‍तीय विभाग के अधिकारी,कर्मचारी ऐसे मामले को निपटाने में असमर्थ है। इस फार्मूले के अनुसार तो जो पुलिस पेंशनर 80 वर्ष की आयु में है क्या वह 35 साल तक जीवित रहेंगे। सरकार को शर्म आनी चाहिए की वह पेंशनर के साथ ऐसा मजाक कर रही है। पुलिस पेंशनरों ने सरकार से एकमुश्‍त एरियर की मांग की है।

 

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