विपक्ष के विरोध के बीच बिजली संशोधन बिल ध्वनिमत से पारित, बिजली महंगी
हाइलाइट्स
बिजली शुल्क संशोधन विधेयक पर सदन में चर्चा लाई गई
विपक्ष के विरोध और सत्तापक्ष के तर्क के बीच बिल हुआ पास
Shimla: हिमाचल में बिजली महंगी होगी। सदन में आज बिजली पर मिल्क सेस लगाने का संशोधन विधेयक पारित हो गया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सदन में विधेयक को पारित करने का प्रस्ताव रखा। विपक्ष के विरोध के बीच बिजली संशोधन बिल विधानसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया है। जानें सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता क्या बोले………
जयराम बोले- आर्थिक संकट है तो इसका अर्थ यह नहीं कि गरीब आदमी की कमरतोड़ दो
बिजली शुल्क संशोधन बिल नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन में कहा प्रदेश में आर्थिक संकट है। जब से व्यवस्था परिवर्तन की सरकार बनी है। तब से जनता पर ताबड़तोड़ टैक्स लगाए जा रहे हैं। 300 यूनिट बिजली फ्री देने की बात कही थी, तब यह सत्ता में बैठे हैं। आर्थिक संकट है तो इसका अर्थ यह नहीं कि गरीब आदमी की कमरतोड़ दो पानी कनेक्शन पर भी शुल्क लगा दिया । 20 महीने में किसी वर्ग पर रहम नहीं किया ।सीएम के दिल में दया का भाव नहीं है। इंडस्ट्रीज नमस्ते करके चली गई है। हिमाचल बिजली सरप्लस स्टेट है, फिर भी पंजाब-हरियाणा में बिजली हमारे से सस्ती है। कांग्रेस में गारन्टी का कागज ही फाड़ दिया है। अब सरकार की गारन्टी बचाने में जुटे हैं। बिजली शुल्क संशोधन बिल को वापस लेकर, जनता पर से बोझ हटाएं।
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू बोले- हिमाचल में लोग अमीर हैं और सरकार गरीब
नेता प्रतिपक्ष ने अपने समय में इनकम बढ़ाने की कोशिश नहीं की है। पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड से 1 रुपये सस्ती बिजली हिमाचल इंडस्ट्रीज को दे रहा है। आमदनी बढ़ाने के लिए हम अपना काम कर रहे हैं। जो भी कदम हम उठाते हैं उस पर नेता प्रतिपक्ष सवाल उठाते हैं। हिमाचल व्यवस्था परिवर्तन से आत्मनिर्भर हिमाचल बन रहा है। हिमाचल में लोग अमीर हैं और सरकार गरीब है। शराब पर मिल्क सेस लगाकर 130 करोड़ इकठ्ठा हुआ है। हमने दूध का रेट 32 रुपए से बढ़ाकर 45 रुपये किया है। बिजली शुल्क बिल में इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन में 6 रुपये प्रति यूनिट बिजली रेट बढ़ाए हैं जो 20 रुपये प्रति यूनिट बिजली बिल ले रहा है। हमने सेस का प्रावधान सोच समझकर किया है। छोटे छोटे सेस हैं उससे जनता को ही फायदा होगा
बीजेपी विधायक बिक्रम सिंह ने इसका विरोध जताते हुए कहा कि लगातार इंडस्ट्रीज शुल्क लगाया जा रहा है। अब बिजली भी महंगी हो रही है। इससे उद्योग यहां से भाग जाएंगे।
बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश की आर्थिकी स्थिति सुधारने और अपनी गारंटियों को पूरा करने के लिए सेस लगाया जा रहा। किसानों का दूध अभी भी 80 रुपये लीटर नहीं लिया जा रहा। मिल्क सेस लगाकर जनता पर बोझ डाला जा रहा है। इस बिल को वापस लिया जाए
बीजेपी विधायक राकेश जम्वाल ने भी बिल का विरोध किया। उन्होंने कहा कि गरीब पर बोझ डाला जा रहा है। 18 लाख उपभोक्ताओं पर इसका सीधे असर पड़ेगा। स्टोन क्रशर पर बिजली उपकर लगाया गया है, इसका भी बोझ आम जनता पड़ पड़ेगा। सेस लगाकर आम उपभोक्ता को परेशान किया जा रहा। सत्तापक्ष के विधायक भी सीएम से आग्रह करें कि जनता को तंग न करें।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र के अंतिम दिन मंगलवार को प्रश्नकाल में केवल दो ही सवाल मौखिक जवाब के लिए लगे थे। विस्तारित बैठक होने के चलते सभी के जवाब सरकार के पास नहीं होने पर पांच मिनट में ही प्रश्नकाल खत्म हो गया। विधायक सतपाल सिंह सत्ती के सदन में नहीं होने के चलते दो में से भी एक प्रश्न नहीं लग पाया। आज सदन में मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश की वर्तमान वित्तीय स्थिति पर चर्चा का जवाब देंगे। सत्र के दसवें दिन सोमवार को नियम 130 के तहत चर्चा शुरू की गई थी।