मैगल गौसदन में अव्यवस्था का आलम, तड़प तड़प मर रहे मवेशी
हाइलाइट्स
-
एक दर्जन के करीब मृत मवेशी मैगल नाले में खुले में फैंके पाए
-
फोरलेन समन्वय समिति ने औचक निरीक्षण कर सामने लाया मामला
-
डीसी मंडी से गौसदन का निरीक्षण कर कड़ी कार्रवाई की उठाई मांग
पोस्ट हिमाचल न्यूज एजेंसी
पधर(मंडी)। मंडी शहर से लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित मैगल गौसदन में पूरी तरह अव्यवस्था का आलम है। गौमाता तड़प तड़प कर मर रही है। गौसदन में क्षमता से अधिक मवेशी होने से यहां लगभग पांच मवेशी मृत हालत में पाए गए। जबकि कुछ मवेशी जमीन में अधमरे पड़े हुए हैं।
यह मामला तब उजागर हुआ जब फोरलेन समन्वय समिति मंडी-पठानकोट के पदाधिकारी गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्लांट का औचक निरीक्षण करने यहां पहुंचे। इस दौरान उन्होंने एक दर्जन के करीब मरे हुए मवेशी मैगल नाले में खुले फेंके पाए। जिसके बाद सभी सदस्य मैगल गौसदन पहुंचे। जहां गौसदन के भीतर जाने पर चहुं ओर अव्यवस्था पाई। यहां भी चार पांच मवेशी मृत पड़े हुए मिले। जबकि कुछ मवेशी कमरे के भीतर जमीन में अधमरे पाए गए। जिस देख ग्रामीणों के रौंगटे खड़े हो गए।
उसके बाद ग्रामीणों ने पंचायत प्रधान मनोहर लाल की अगुवाई में गौसदन संचालक के कार्यलय का घेराव कर जबाबतलबी की। समिति ने मामले की शिकायत डीसी मंडी को भेजकर गौसदन संचालक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। समिति सदस्यों ने यह पूरा मामला फेसबुक में लाइव किया। जो अब सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है।
गौदान के नाम पर कमाई का हो रहा कारोबार
स्थानीय पंचायत प्रधान मनोहर लाल, जोगेंद्र गुलरिया, विनोद शर्मा, वीरेंद्र सिंह ठाकुर, कमलेश कुमार, दलीप कुमार, प्रेम सिंह, हरिओम सकलानी, वीर सिंह ठाकुर और नवेंद्र गुलेरिया ने बताया कि सदन संचालक द्वारा गौदान के नाम पर कमाई का कारोबार यहां शुरू किया गया है। कार्यलय में पंजीकरण के लिए रखे रजिस्टर में संख्या कम दर्शाई गई है, जबकि गौसदन में अधिक संख्या में मवेशी ठूंस ठूंस कर रखे गए हैं। जिस वजह से कुछ मवेशियों की मौत भीड़ के कारण हुई है। उन्होंने कहा कि गौदान संचालक मदन पटेल से इस बारे पूछताछ की तो वह तर्कसंगत जवाब नहीं दे पाए। स्वास्थ्य खराब होने का बहाना बना कर तीन चार दिनों से निरीक्षण न किए जाने की बात उन्होंने स्वीकार की। ग्रामीणों ने जिला उपायुक्त से मांग उठाई कि स्वयं गौसदन का निरीक्षण कर यहां वस्तुस्थिति का जायजा लेने उपरांत कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए।