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शिमला शहर में बसों को वन मिनट ट्रैफि क प्लान से रखा जाए बाहर

हाइलाइट्स

  • शिमला सिटी बस ऑप्रेटर्ज यूनियन के समर्थन उतरी हिमाचल निजी बस ऑप्रेटर्ज संघ

  • 22 अप्रैल को बसें न चलाने के फैसले का मिल रहा समर्थन 

पोस्‍ट हिमाचल न्‍यूज एजेंसी


शिमला।  राजधानी शिमला में पुलिस के वन मिनट प्लान को लेकर निजी बस आप्रेटरों ने प्रशासन व सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बीते दिन शिमला सिटी प्राईवेट बस ऑप्रेटरर्ज यूनियन की 22 अप्रैल को बसें न चलाने के फैसले का हिमाचल प्रदेश निजी बस आप्रेटर्ज यूनियन ने समर्थन किया है। हिमाचल निजी बस आपरेटर संघ ने शिमला सिटी प्राइवेट बस ऑप्रेटर यूनियन सांकेतिक हड़ताल को सही ठहराया है और यूनियन को बाहर से पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया है। वहीं प्रशासन से मांग की है कि शिमला शहर में बसों को वन मिनट टैफिक प्लान से बाहर रखा जाए। हिमाचल निजी बस ऑप्रेटर के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर एवं महासचिव रमेश कमल ने कहा कि शिमला शहर में प्रशासन द्वारा निजी बस ऑपरेटर एवं एचआरटीसी के लिए दोहरे मापदंड अपनाए जा रहे हैं, क्योंकि एच.आर.टी.सी की बड़ी बसे पुराना बस स्टैंड आ रही है जबकि जाम का मुख्य कारण भी एचआरटीसी की यही लंबी बसे है।


हिमाचल प्रदेश निजी बस आप्ररेटर संघ के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि शिमला शहर में वन मिनट ट्रैफि क प्लान के तहत शिमला शहर की बसों के काउंटर फेल हो रहे हैं और ऑप्रेटरों को तो घाटा उठाना ही पड़ रहा है जबकि जनता को भी परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि निजी बस ऑप्रेटर की मांग जायज है कि शिमला शहर में बसों को 1 मिनट ट्रैफिक प्लान से बाहर रखा जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त जो लंबी बसे एचआरटीसी की पुराना बस स्टैंड आ रही है उनके ऊपर तुरंत रोक लगनी चाहिए क्योंकि एच आर टी सी के पास 150 के लगभग छोटी बसे है उन्ही बसों को शिमला मे चलाना चाहिए।


  • संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि शिमला प्रदेश की राजधानी है और शिमला शहर में जाम की समस्या से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह से नाकाम रहा है और इसका दोष निजी बस ऑप्रेटर के ऊपर थोपा जाता है जबकि वास्तविकता कुछ और है। उन्होंने कहा कि शिमला में ट्रैफि क प्लान को लागू करने के लिए मात्र अधिकारी ही अपना निर्णय ले लेते हैं जबकि वास्तव में ट्रैफि क प्लान जारी करते समय निजी बस ऑप्रेेटर को भी विश्वास पर लेना चाहिए।

  • संघ ने कहा कि शिमला सिटी प्राइवेट बस ऑप्रेटर यूनियन की मांगों को अगर नहीं माना गया तो हिमाचल प्रदेश निजी बस आपरेटर संघ भी पूरे समर्थन के साथ पूरे प्रदेश के निजी बस ऑपरेटर को साथ लेकर के शिमला पहुंचेंगे और शिमला में प्रदर्शन करेंगे। जिसकी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार व प्रशासन की होगी।

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