29 प्रत्याशियों की जमानत जब्त
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37 प्रत्याशियों में से आठ ही जमानत बचाने में कामयाब
पोस्ट हिमाचल न्यूज एजेंसी
शिमला। हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनावों में मैदान में उतरे 37 प्रत्याशियों में से 29 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई है। आठ प्रत्याशी ही जमानत बचाने में कामयाब हुए हैं। कई प्रत्याशियों को तो 1 फीसदी वोट तक नहीं पड़े। इसकेअलावा राज्य में मतदाताओं ने तीसरे दल पर भी विश्वास नहीं जताया। लोकसभा चुनावों में कांग्रेस व भाजपा को छोड़ कोई भी दल या निर्दलीय फाइट नहीं दे पाया। लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मुख्य मुकाबला रहा है। लोकसभा चुनाव में कुल 37 उम्मीदवारों में से केवल 8 कांग्रेस व भाजपा प्रत्याशी ही अपनी जमानत बचा पाए। अन्य 29 प्रत्याशियों की जमानतें जब्त हुई हैं। इनमें से कई प्रत्याशी ऐसे हैं जिन्हें एक प्रतिशत वोट भी नहीं पड़ा है। चुनाव विभाग के अनुसार प्रदेश में अन्यों को 0.80 प्रतिशत वोट पड़े हैं। इसमें आजाद उम्मीदवारों के अलावा अन्य दल शामिल हैं। चुनाव में खड़े दूसरे दलों और आजाद कई उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्हें 1000 वोट भी नहीं पड़ेे हैं। इसमें हमीरपुर संसदीय सीट में सबसे ज्यादा 10 प्रत्याशियों की जमानतें जब्त हुई हैं। कांगड़ा और मंडी संसदीय सीट में 8-8 और शिमला संसदीय सीट से 3 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई है।
चुनाव में नोटा को पड़े 23125 वोट
लोकसभा चुनाव में नोटा को भी लोगों ने जम कर वोट डाले हैं। नोटा को कुल वोटों के 0.57 प्रतिशत वोट पड़े हैं। विभाग की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में चारों संसदीय क्षेत्र में नोटा को 23,125 वोट पड़े हैं। जो यह दर्शा रहे हैं कि प्रदेश में 23 हजार से ज्यादा लोगों ने चुनाव में खड़े प्रत्याशियों को नापंसद किया है। हालांकि नोटा के कोई मायने नहीं हैं लेकिन इसने लोगों के वोटों को काटा है। संसदीय क्षेत्र के आधार पर देखा जाए तो कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में नोटा को सबसे ज्यादा 6372 वोट पड़े हैं। इसके बाद शिमला में नोटा को 5930, मंडी में 5645 और हमीरपुर में 5178 वोट पड़े हैं।