येलो अर्ल्ट: हिमाचल में हीटवेव, लू से जीना मुहाल
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आने वाले दिनों में हिमाचल में लू से जीना मुहाल करेगी गर्मी
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हिमाचल में तापमान 44 के करीब पहुंचा, 21 से 24 मई तक होगी गर्मी प्रचंड
पोस्ट हिमाचल न्यूज एजेंसी
शिमला/ सोलन। मैदानी इलाकों की झुलसा देने वाली तपिश में ठंडक का एहसास दिलाने वाले पहाड़ आग उगलने लगे हैं। लू से हाल बेहाल हो रहे हैं। हीट वेव चलने लगी है। मौसम विभाग हिमाचल में हीटवेव का येलो अर्ल्ट जारी हुआ है। अगले 24 घंटे हिमाचल में लू से जीना मुहाल होगा। ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन व सिरमाैर में हीटवेव चलने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं अगले 24 घंटों के दौरान सिरमौर, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, सोलन, ऊना, शिमला में एक–दो स्थानों पर लू चलने की संभावना जताई गई है। प्रदेश में चार जगह 40 और 10 जगह अधिकतम तापमान 35 डिग्री से अधिक हुआ था। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य के मध्य व उच्च पर्वतीय कुछ स्थानों पर 20 मई तक मौसम खराब रह सकता है। 19 मई को कुछ मैदानी क्षेत्रों में भी बारिश हो सकती है। 21 से 24 मई तक राज्य के अधिकतर भागों में माैसम साफ रहने के आसार हैं। ऐसे में पारा और चढ़ने की संभावना है।
क्या है हीट वेव?
हीट वेव एक मौसमी घटना है, जिसमें बहुत ज्यादा हाई तापमान होता है, जिसके संपर्क में आने पर मानव शरीर के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा हो सकता है। हीट वेव की परिभाषा विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग होती है और इसके लिए एक खास तापमान सीमा तय की जाती है। कुछ देश हीट इंडेक्स को हीट वेव मापने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें तापमान और ह्यूमिडिटी दोनों के स्तरों को ध्यान में रखा जाता है।
भारत में कैसे तय होती है हीटवेव?
भारत में, लू की घोषणा तब की जाती है, जब किसी स्थान का अधिकतम तापमान मैदानी इलाकों में 40 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी क्षेत्रों में कम से कम 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है या उससे ज्यादा हो जाता है। ये तापमान सीमाएं उन स्थितियों की पहचान करने के लिए तय की गई हैं, जो संभावित रूप से गर्मी से संबंधित बीमारियों और मौत का कारण बन सकती हैं, खासकर बुजुर्गों, बच्चों और पहले से किसी बीमारी का शिकार कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में।
हीट वेव से ऐसे करें बचाव
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जितना संभव हो तेज धूप में बाहर जाने से बचें। खासकर दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच, जब सूर्य की किरणें सबसे ज्यादा तेज होती हैं।
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गर्मियों में हाइड्रेटेड रहने के लिए पर्याप्त पानी पीते रहें। भले ही आपको प्यास न लगी हो, लेकिन जितनी बार संभव हो, पानी जरूर पिएं।
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धूप में बाहर जाते समय, खासकर गर्मी के दिनों में हल्के रंग के, ढीले और हवादार सूती कपड़े पहनें।
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सुरक्षात्मक चश्मे, छाता/टोपी, जूते या चप्पल का इस्तेमाल करें।
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उच्च तापमान के दौरान, बाहर हेवी एक्सरसाइज में शामिल होने से बचें, तो बेहतर होगा, खासकर दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच
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अगर आप यात्रा कर रहे हैं, तो डिहाईड्रेशन से बचने के लिए हमेशा अपने साथ पानी रखें।
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शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन करने से बचें, क्योंकि ये शरीर को डिहाइड्रेट कर सकते हैं।
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हाई प्रोटीन फूड्स से बचें और बासी भोजन खाने से परहेज करें। अगर बाहर काम करना जरूरी है, तो ठंडक पाने के लिए टोपी या छाते का उपयोग करने और अपने सिर, गर्दन, चेहरे और अन्य हिस्सों को धूप से बचाने के लिए नम कपड़े का उपयोग करें।
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पार्क किए गए वाहनों में बच्चों या पालतू जानवरों को कभी भी अकेला न छोड़ें। अगर आपको बीमारी या बेहोशी का कोई लक्षण महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर की मदद लें।