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उषा शर्मा बनी रहेंगी सोलन की मेयर, सर्वोच्‍च अदालत ने कहा-कभी नहीं सोचा था कि हिमाचल में लैंगिक भेदभाव होगा

 

Highlights

  • शीर्ष अदालत ने मेयर और नगर परिषद के सदस्यों के लिए सरकार द्वारा घोषित की गई नई चुनाव प्रक्रिया पर लगाई रोक .

  • कोर्ट ने कहा- महापौर पद के लिए एक पुरुष उम्मीदवार हार गया, इसलिए सभी पुरुष एकजुट हो गए

Post Himachal, New Delhi


उषा शर्मा सोलन की मेयर बनी रहेंगी। देश की सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को याचिका की सुनवाई करते हुए इस फैसले के साथ- साथ हिमाचल प्रदेश के सोलन के महापौर पद के लिए होने वाली नई चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।  याचिका में उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें उषा शर्मा और पूनम ग्रोवर की अयोग्यता को जारी रखा गया था।न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति उज्जवल भुईयां की पीठ ने उषा शर्मा और पूर्व मेयर पूनम ग्रोवर की याचिका पर नोटिस जारी किया है।  शीर्ष अदालत ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि यह भेदभाव का मामला है। एक महिला को नगर निगम के सदस्यों द्वारा महापौर पद के लिए चुना गया और एक पुरुष उम्मीदवार हार गया। इसलिए सभी पुरुष एकजुट हो गए।’ अदालत ने कहा कि ऐसा कभी नहीं सोचा था कि हिमाचल प्रदेश में भेदभाव होगा। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने मेयर और नगर परिषद के सदस्यों के लिए सरकार द्वारा घोषित की गई नई चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी।

 न्यायालय के तर्क की भी आलोचना


शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए उस तर्क की भी आलोचना की, जिसमें उषा शर्मा और पूनम ग्रोवर की अयोग्यता को बरकरार रखा गया था। आपको बता दें कि उषा शर्मा सोलन नगर निगम के वार्ड नंबर 12 से पार्षद थीं। इसके अलावा पूनम ग्रोवर वार्ड नंबर आठ की पार्षद थीं। शर्मा और ग्रोवर को सरकार ने हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1994 के प्रावधनों के तहत अयोग्य ठहराया था। आरोप लगाया गया कि दोनों ने सात दिसंबर, वर्ष 2023 को महापौर और उप महापौर के चुनाव के दौरान पार्टी के निर्देशों का उल्लंघन किया था।

यह है पूरा मामला


बता दें कि सोलन नगर निगम में कुल मिलाकर 17 वार्ड हैं। इन वार्डों के लिए पहला चुनाव वर्ष 2021 के अप्रैल महीने में आयोजित करवाया गया था। अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार महापौर और उप महापौर को ढाई वर्षों के लिए चुना गया था। 15 अक्तूबर 2023 को महापौर और उप महापौर का कार्यकाल समाप्त होने के बाद बीते वर्ष सात दिसंबर को फिर से चुनाव करवाए गए। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवार उषा शर्मा को जीत हासिल हुई थी। इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी मीरा आनंद ने उप महापौर पद पर जीत हासिल की थी। हालांकि, कांग्रेस के में आंतरिक मतभेद के बीच, जिला कांग्रेस अध्यक्ष और एक पार्षद द्वारा शिकायत की गई कि उषा शर्मा ने महापौर चुनाव के दौरान पार्टी के निर्देशों का उल्लंघन किया। इसके बाद उषा शर्मा हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम की धारा ‘आठ सी’ के तहत अयोग्य ठहराने की मांग की थी।

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