नए पर्यटन स्थल विकसित करने की दरकार, फिर कैसे बढ़ेगा कारोबार
हाइलाइट्स
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कुल्लू आने वाले लाखों पर्यटक लगा रहे हैं मनाली और लाहौल की दौड़
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कुल्लू, सैंज व बंजार के कई पर्यटन स्थल पर्यटकों से कोसों दूर, नहीं है जानकारी
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जिला प्रशासन के प्रयास भी नाकाफी, खामियाजा भुगत रहे लोग
फरेंद्र ठाकुर
बंजार (कुल्लू)। हर साल लाखों की संख्या में आने वाले सैलानी पर्यटक नगरी मनाली की दौड़ लगा रहे हैं। अटल टनल रोहतांग बनने के बाद तो पर्यटक बर्फ की ठंडी फिजाओं का आनंद उठाने के लिए लाहौल जा रहा है। हालांकि दिनभर लाहौल में मस्ती करने के बाद पर्यटक शाम को मनाली लौटकर आता है। कुल्लू में चल रही साहसिक गतिविधि पैराग्लाइडिंग व रिवर राफ्टिंग को छोड़ दें तो पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कोई नई पहल नहीं हुई है। हालांकि बिजली महादेव मंदिर के लिए रोपवे बनना प्रस्तावित है। जिसका शिलान्यास भी हो चुका है। लेकिन लगघाटी, खराहल, मणिकर्ण घाटी, सैंज, बंजार और आनी में कई रमणीय पर्यटन स्थल अभी भी पर्यटकों से कोसों दूर हैं। कुल्लू में नए पर्यटन स्थल विकसित नहीं हो पाए हैं। नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने की दिशा में अब तक किए गए प्रयास नाकाफी ही साबित हुए हैं। जिसका खामियाजा स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
कसोल व मणिकर्ण तक ही सीमित रह गया पर्यटन कारोबार
पार्वती घाटी की बात करें तो यहां पर पर्यटन कारोबार कसोल, मणिकर्ण तक सीमित होकर रह गया है। जबकि यहां पर खीरगंगा, मलाणा सहित अन्य रमणीय स्थलों के बारे में पर्यटक अनजान है। लगघाटी के गोरूडुघ में स्कीइंग करवाने की बात कही थी, लेकिन अभी तक यह सिरे नहीं चढ़ पाई है। हालांकि काइस धार के लिए इको ट्रेल्स शुरू की गई है। सैंज के खूबसरत स्थल शांघड़ तक जाने वाली सड़क बेहद खराब है। जलोड़ी दर्रा को छोड़ दें तो बंजार में भी कई रमणीय स्थल है, जहां पर पर्यटक सुविधाओं के अभाव में नहीं पहुंच पा रहे हैं। जिन्हें पर्यटन के लिहाज से विकसित किए जाने की आवश्यकता है, तभी पर्यटन कारोबार बढ़ेगा।
अनछुए पर्यटन स्थलों को विकसित करने की ओर जोर : डीसी
उपायुक्त कुल्लू तोरूल एस रवीश का कहना है कि जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, इसी मकसद से पिछले दिनों जिभी में शोभला सराज उत्सव आयोजित किया गया। अनछुए पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों को अंजाम दिया जा रहा है। लारजी बांध में जल्द ही वाटर स्पोटर्स गतिविधियां शुरू होंगी।