News

भाद्रपद माह का पहला प्रदोष व्रत कब है ? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

 

Post Himachal, Shimla


Bhadrapad Pradosh Vrat 2024: 20 अगस्त से भाद्रपद माह की शुरुआत हो चुकी है। इसे भादो और भादवा के नाम से भी जाना जाता है। इस माह में भगवान गणेश और कृष्ण जी की पूजा का विधान है। भाद्रपद माह में कई व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें तीज, जन्माष्टमी और गणेश चतुर्थी का नाम मुख्य रूप से शामिल है। इस दौरान आने वाले प्रदोष व्रत को भी बहुत शुभ माना जाता है। ये तिथि भगवान शिव की पूजा के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है। हर माह में दो बार प्रदोष व्रत रखा जाता है। पहला कृष्ण पक्ष, तो दूसरा शुक्ल पक्ष में रखा जाता है। इस दिन महादेव और माता पार्वती की विधि अनुसार पूजा की जाती है। इस दौरान व्रत रखने से भक्तों के समस्त संकट दूर होते हैं। साथ ही सभी समस्याओं का निवारण होता है। वहीं इस बार भादो माह में पहला प्रदोष व्रत किस तिथि को रखा जाएगा, आइए जान लेते हैं।

भादो माह प्रदोष व्रत तिथि 2024


भादो माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 31 अगस्त को देर रात 2 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगी। इसका समापन 1 सितंबर को देर रात 3 बजकर 40 मिनट पर होगा। ऐसे में 31 अगस्त 2024 को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन शनिवार होने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा। इस दौरान महादेव के साथ-साथ शनि देव की पूजा भी की जाएगी। ऐसा करने पर शुभ परिणामों की प्राप्ति होती हैं।

  • पूजा का शुभ मुहूर्त


    प्रदोष व्रत के दिन पूजा का समय शाम 06 बजकर 43 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 59 मिनट तक है। ऐसे में आप इस अवधि के बीच में पूजा कर सकते हैं।

  • शुभ योग


    ज्योतिष गणना के अनुसार प्रदोष व्रत पर वरीयान योग बनेगा, जो शाम 5 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। इस दौरान गर और वणिज करण के साथ पुष्य नक्षत्र का महासंयोग बनेगा। इस योग में महादेव की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती हैं।

प्रदोष व्रत पूजा विधि


  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण कर लें।
  • इसके बाद भगवान शिव और देवी पार्वती की विधि अनुसार पूजा करें।
  • फिर शाम के समय पूजा स्थान पर चौकी लगाकर उसपर शिव और मां पार्वती की मूर्ति को रखें।
  • इसके बाद शिवलिंग पर शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक करें।
  • अब शिव जी को फूल, बेलपत्र और भांग अर्पित करें।
  • बाद में फिर दिया जलाकर मंत्र का जाप और आरती करें।
  • इस दौरान शिव चालीसा का पाठ करना बेहद शुभ होता है, इसलिए पाठ करें।
  • अंत में महादेव को फल और मिठाई का भोग लगाएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!

Deprecated: stripos(): Passing null to parameter #1 ($haystack) of type string is deprecated in /home/u277146551/domains/posthimachal.com/public_html/wp-includes/functions.wp-scripts.php on line 133