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एमडब्ल्यूबी चंडीगढ़ के संजीव महाजन, हिमाचल के विशाल सूद, दिल्ली के संजीव शर्मा और जम्मू-कश्मीर के मीर आफताब अध्यक्ष नियुक्त : सुरेंद्र मेहता

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ज्ञानचंद गुप्ता, बनवारी लाल और बिशंभर बाल्मीकि सौंपेंगे नियुक्ति पत्र

31 जुलाई को पंचकूला के रेड बिशप में होगा कार्यक्रम का आयोजन

आदेश मेडिकल कॉलेज द्वारा लगाया जाएगा निशुल्क नेत्र जांच शिविर

Post Himachal, Shimla


मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन (रजिस्टर्ड) के महासचिव सुरेंद्र मेहता ने बताया कि एमडब्ल्यूबी के द्वारा उत्तर भारत में पंजाब, हिमाचल, चंडीगढ़, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर की राज्य इकाइयों का पुर्नगठन किया जा रहा है। पंजाब के अध्यक्ष सुमित खन्ना (अमृतसर), संजीव शर्मा को दिल्ली, मीर आफताब को जम्मू-कश्मीर, संजीव महाजन को चंडीगढ़ और विशाल सूद को हिमाचल का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। इसके अलावा ज्योति संग को एसोसिएशन के सलाहकार बोर्ड का उत्तर भारत का अध्यक्ष बनाया गया है।
डॉ. मेहता ने बताया कि इन सभी राज्यों के अध्यक्षों को 31 जुलाई को एमडब्ल्यूबी के रेड बिशप पंचकूला में होने वाले कार्यक्रम में नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे। हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता, पीडब्ल्यूडी मंत्री डॉ. बनवारी और समाज कल्याण मंत्री बिशंभर बाल्मीकि एसोसिएशन के उत्तर भारत के प्रदेश प्रमुखों को उनके नियुक्ति पत्र सौंपेंगे। इन सभी पदाधिकारियों को उनके राज्य में एसोसिएसन की इकाई का गठन करने का अधिकार दिया गया है। अपने-अपने प्रदेश में राज्य स्तरीय इकाई का गठन करने के बाद यह सभी एसोसिएशन के मुख्यालय में उनकी जानकारी देंगे, जिससे उन सभी पत्रकारों का भी इंश्योरेंस मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन की ओर से करवाया जा इसके साथ ही उनके नियुक्ति पत्र और पहचान पत्र भी जारी किए जा सके।
सुरेंद्र मेहता ने बताया कि 31 जुलाई को रेड बिशप पंचकूला में सभी पत्रकारों की मुफ्त नेत्र जांच के लिए आदेश मेडिकल कॉलेज की ओर से एक चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया जाएगा। आदेश मेडिकल कॉलेज के चांसलर डॉ. एचएस गिल से इस बारे में बातचीत हो चुकी है। मेहता ने बताया कि शिविर में पत्रकारों के निशुल्क नेत्र जांच की जाएगी और उन्हें इलाज के लिए उचित सलाह प्रदान की जाएगी।

टीम के साथ हमेशा रहेंगे तैयार


सुरेंद्र मेहता ने बताया कि मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन का मुख्य मकसद पत्रकार और उनके परिजनों के हितों की रक्षा करने के साथ ही उनका भविष्य सुरक्षित करने की भी कोशिश है। इसी के चलते वह लगातार सरकार के समक्ष एसोसिएशन की ओर पत्रकारों के हित की आवाज उठाते रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि हरियाणा की तर्ज पर ही हिमाचल, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में नए नियुक्त किए गए प्रदेश अध्यक्ष भी अपनी टीम के साथ लगातार पत्रकारों के हित में कार्य करते हुए उनकी आवाज को बुलंद करने का काम करेंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस काम के लिए जब भी किसी भी प्रदेश की इकाई को उनकी या फिर एसोसिएशन के शिष्टमंडल की जरूरत पड़ेगी तो वह हमेशा अपनी टीम के साथ उन लोगों की मदद के लिए तैयार रहेंगे।

अभी भी कईं मांगे बरकरार


एसोसिएशन के महासचिव डॉ. सुरेंद्र मेहता ने बताया की हालांकि सरकार ने उनकी एसोसिएशन की ओर से रखी गई कईं मांगों को पूरा किया गया है, लेकिन अभी भी कईं मांगे ऐसी है, जो लगातार बरकरार है। उन्होंने सरकार के समक्ष रखी गई मांगों के बारे में बताते हुए कहा कि प्रदेश में पत्रकारों के लिए कैश लेस हेल्थ सुविधा शीघ्र लागू की जाए। इसके अलावा एसोसिएशन को पंचकूला में मुख्यालय बनाने और प्रेस क्लब चंडीगढ़ की तर्ज पर भवन बनाने के लिए सस्ते दाम पर 500 गज (एक कैनाल) जगह उपलब्ध करवाए जाने और पत्रकारों को सस्ते दामों पर आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाए जाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि प्रजातन्त्र के तीन स्तम्भों की तरह को चौथे स्तंभ मीडिया को भी टोल फ्री सुविधा उपलब्ध कराई जाए। मीडिया प्रतिनिधियों के लिए मुफ्त मेडिकल सुविधा पूरे हरियाणा में लागू की जाए। हरियाणा सरकार द्वारा डिजिटल मीडिया के लिए बनाए गए नियमों में मान्यता प्रदान करने की व्यवस्था को सरल करने के साथ ही पड़ोसी राज्य पंजाब व अन्य राज्यों की तर्ज पर संशोधन किया जाए। किसी भी वेबमीडिया का मुख्यालय चाहे हरियाणा से बाहर हो, उन्हें भी मान्यता प्रदान की जाए। हरियाणा प्रेस मान्यता कमेटी तथा प्रेस रिलेशन कमेटी का पुर्न गठन किया जाए तथा मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन के दो दो सदस्यों को उसमें शामिल किया जाए। मासिक मैगजीन व अखबारों की बन्द की गई मान्यता व्यवस्था सुदृढ़ कर पुनः शुरू की जाए। धरणी ने इस मांग पत्र के माध्यम से मीडिया जगत की आर्थिक स्थिति को कमजोर बताते हुए सभी जिलों में 15 साल से अधिक सक्रिय पत्रकारों व उनके परिवारों के सहयोग के लिए 10 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय देने पर विचार करने, वेब/डिजिटल की एकराडिशन पॉलिसी को सरल करने तथा मुख्यालय हरियाणा से बाहर जालन्धर, नोएडा, दिल्ली या अन्य कहीं पर है को प्रिंट मीडिया की तरह मान्यता प्रदान करने का प्रावधान करने की मांग की।

इसलिए हुआ गठन


मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन के महासचिव डॉ. सुरेंद्र मेहता ने बताया कि मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन (रजि.) का गठन क्यों- कैसे और किन हालातों में हुआ, इस बारे जानकारी होना ना केवल पत्रकार समाज के लिए बल्कि आम जनमानस को भी बेहद जरूरी है। कोरोना काल के बुरे दौर से जब प्रदेश-देश ही नहीं, पूरा विश्व गुजर रहा था, तब आम समाज के लिए लड़ने और समाज को एक उत्तम दिशा देने वाला पत्रकार भी इससे अछूता नहीं था। समाज की सेवा करने के दौरान मीडिया बंधु व उनके परिवार भी बड़ी संख्या में संक्रमित हुए। गंभीर रूप से संक्रमित कुछ पत्रकारों का जीवन भी इस दौरान समाप्त हुआ। अस्पतालों में पर्याप्त इलाज की उपलब्धता ना होने के कारण आर्थिक रूप से असंपन्न पत्रकारों ने इस बुरे दंश को ज्यादा झेला। उन परिस्थितियों को देखने व अध्ययन करने के बाद कुछ वरिष्ठ पत्रकारों ने मोबाइल पर विस्तृत चर्चा के बाद एक ऐसे पत्रकार संगठन के निर्माण पर फैसला लिया जो वास्तव में पत्रकारों के लिए वेलाबींग भलाई के लिए कार्य करे। पूरी रूपरेखा तैयार करने के बाद उसी दौरान संस्था की रजिस्ट्रेशन करवाई और उसके बाद से लेकर अब तक एसोसिएशन की ओर से लगातार पत्रकार और उनके परिजनों के हितों के अलावा उनके भविष्य को लेकर भी कई अहम फैसले लिए जा रहे हैं।

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