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सोलन में गंबरपुल में आफत लेकर आई बारिश, तीन वाहनों, ढ़ाबे और मकान को नुकसान, मडग्रां नाले में भी बाढ़, नदी-नालों के समीप बने स्कूलों का स्टेटस मांगा

 

हाइलाइट्स

  • कुनिहार -नालागढ़ मार्ग पर गंबर पुल पर बारिश ने कहर बरपाया

  • पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचा, मार्ग बहाली का कार्य शुरू

  • सोलन और शिमला समेत हिमाचल के कई जिलों में झमाझम बारिश

अक्षरेश शर्मा


 

शिमला/ सोलन। प्रचंड गर्मी के कहर से बचने के लिए कई स्‍थानों में जहां मानसून का बेसब्री से लोग इंतजार कर रहे हैं। वहीं, कुछ स्‍थानों पर प्रीमानसून की बारिश कहर बरपाने लगी है। सोलन के कुनिहार -नालागढ़ मार्ग पर गंबर पुल पर बारिश ने कहर बरपाया है। यहां नदी नाले ऊफान पर आने से अफरातफरी मच गई। तीन गाड़ियों में मामूली नुकसान हुआ है। एक ढाबे को नुकसान हुआ है। दीवार भी टूट गई है। मौके पर पुलिस प्रशासन व एसडीएम अर्की पहुंचे हुए है।
इस दौरान मार्ग भी यातयात के लिए बंद रहा। कई वाहन रास्‍ते में फंस गए।

उधर, सोलन और शिमला में झमाझम बारिश हुई है। जनजातीय जिले लाहौल-स्पीति के मडग्रां नाले में सोमवार सुबह बारिश के बाद एकाएक बाढ़ आ गई। इससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। बाढ़ से तिंदी को जोड़ने वाला मार्ग अवरूद्ध हो गया। सूचना मिलने के बाद सड़क को खोलने के लिए बीआरओ ने अपनी मशीनें भेजीं और आठ घंटे के बाद मार्ग बहाल हो सका है। बाढ़ से कई वाहन भी सड़क के दोनों तरफ फंस गए। बाढ़ से किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है। इन दिनों बारिश व ग्लेशियरों के पिघलने से क्षेत्र में अचानक बाढ़ का खतरा बना रहता था। लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी गई है।

उधर, बरसात शुरू होने से पहले शिक्षा विभाग ने स्कूलों को एडवाइजरी जारी की है, साथ ही नदी-नालों के समीप बने स्कूलों का स्टेटस भी मांगा गया है। जो स्कूल पिछले वर्ष बरसात की वजह से तबाह हुए हैं, उन स्कूलों की भी रिपोर्ट देने को कहा गया है। पिछले वर्ष भारी बारिश से 1,000 से अधिक स्कूलों को नुक्सान पहुंचा था। इनमें से 400 से अधिक ऐसे स्कूल थे, जिनके भवन पानी में बह गए थे या बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए थे। पिछले वर्ष हुई भारी बारिश से सबक लेते हुए इस बार शिक्षा विभाग ने पहले ही स्कूलों को अलर्ट कर दिया है। इस दौरान जो स्कूल या कालेज संवेदनशील जगहों पर हैं, उनका पूरा ब्यौरा भेजने के निर्देश भी दिए गए हैं। जिला उपनिदेशक अपने अधीन आने वाले स्कूलों की पूरी जानकारी विभाग को भेजेंगे।

ऐसे में जो स्कूल असुरक्षित जगह पर हैं, वहां के छात्रों को पहले ही किसी सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया जाएगा। गौर हो कि बीते वर्ष बरसात में कई स्कूलों के भवन बाढ़ में ढह गए। कई स्कूल भवनों में दरारें पड़ गई थीं, तो कहीं स्कूल कैंपस में डंगे ढह गए थे। ऐसे में सरकार ने शिक्षा विभाग को असुरक्षित स्कूलों की जानकारी भेजने को कहा है, ताकि बरसात शुरू होने से पहले इस बारे पुख्ता इंतजाम किए जा सकें। जानकारी के अनुसार ऐसे भी सैंकड़ों स्कूल हैं, जो पिछली बरसात में आंशिक रूप से डैमेज हुए थे। विभाग ने उन सभी स्कूलों की रिपोर्ट भी मंगवा ली है।

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