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देश में तूल पकड़ रहा शिमला का मस्जिद विवाद

अवैध निर्माण तोड़ने पर अड़े लोग सड़कों पर उतरे

ओवैसी बोले-बीजेपी की भाषा बोल रहे हिमाचल के मंत्री

Shimla: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में मस्जिद निर्माण का आंच देश भर में पहुंचने लगी है। मस्जिद निर्माण को अवैध बताते हुए इसे तोड़ने की मांग पर उप नगर संजौली व चौड़ा मैदान में विभिन्न संगठनों के लोगों के साथ स्थानीय लोग भी सड़कों पर उतर प्रदर्शन कर रहे हैं।

वहीं, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हिमाचल में कांग्रेस के मंत्रियों पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। इस मामले में मंत्री अनिरुद्ध सिंह पर हमला बोलते हुए X पर एक पोस्ट शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि “हिमाचल में कांग्रेस सरकार में मंत्री अनिरुद्ध सिंह भाजपा की भाषा बोल रहे हैं”।


पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह भी प्रदर्शन स्थल पर पहुंच गए हैं। मामले को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि “जो भी कानून को हाथ में लेगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी”। स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले यहां छोटी सी मस्जिद थी और केवल दो ही परिवार रहते थे, लेकिन कुछ सालों में काफी संख्या में बाहर से लोग आने लगे हैं। वहीं मस्जिद के इमाम का कहना है कि यह मस्जिद 1947 से पहले की है।

ट्वीट के जरिए ओवैसी का निशाना

ओवैसी का हिमाचल के मंत्री पर जुबानी हमला

वहीं आज सुबह AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हिमाचल के मंत्री अनिरुद्ध सिंह पर ट्वीट के जरिए निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करके लिखा कि “हिमाचल में कांग्रेस सरकार में मंत्री अनिरुद्ध सिंह भाजपा की भाषा बोल रहे हैं। क्या हिमाचल की सरकार भाजपा की है या कांग्रेस की? हिमाचल की “मोहब्बत की दुकान” में नफ़रत ही नफ़रत!ओवैसी ने कहा, “हिमाचल के संजौली में मस्जिद बनाई जा रही है, उसके निर्माण को लेकर कोर्ट में केस चल रहा है। संघियों के एक झुंड ने मस्जिद को तोड़ने की मांग की है। संघियों के सम्मान में, कांग्रेसी मैदान में। भारत के नागरिक मुल्क के किसी भी हिस्से में रह सकते हैं, उन्हें “रोहिंग्या” और “बाहरी” बुलाना देश विरोधी है।

यह है मामला

बीते शनिवार की शाम को समुदाय विशेष के लोगों ने एक स्थानीय व्यक्ति के साथ मारपीट की थी। इस मामले में पुलिस ने 6 आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है। मारपीट के बाद यह मामला तूल पकड़ने लगा और अब हिंदू संगठन व कई स्थानीय लोग इस मस्जिद को गिराने की मांग पर अड़ गए हैं।

2010 में शुरू हुआ था अवैध निर्माण

राज्य सरकार के अनुसार, मस्जिद पुरानी है। मगर अ‌वैध निर्माण 2010 में शुरू हुआ। इसके बाद 30 से 35 बार अवैध निर्माण रोकने के लिए नोटिस दिए गए। मगर निर्माण नहीं रोका गया और कमिशनर कोर्ट में 44 पेशी लग चुकी हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 7 सितंबर को होनी है।

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