26 तक राहत नहीं: पहाड़ों में सूरज उगल रहा आग, लू से हाल बेहाल
हाइलाइट्स
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ऊना में हीट स्ट्रोक की एडवाइजरी, कांगड़ा में स्कूलों का समय बदला
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अब सुबह 7:30 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक ही खुलेंगे स्कूल
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हिमाचल में हीट वेव से फिलहाल नहीं मिलेगी राहत, पूरे सप्ताह मौसम बना रहेगा साफ
पोस्ट हिमाचल न्यूज एजेंसी
शिमला, गीता भारद्वाज। पहाड़ों में सूरज आग उगलने लगा है। उत्तर भारत में गर्मियां चरम पर हैं और हिमाचल भी इससे अछूता नहीं। गर्म हवाओं का कहर पहाड़ों में दिख रहा है। ऊना, नेरी समेत छह शहरों में पारा 44 डिग्री को पार कर गया है। तापमान रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है। हीट वेव को देखते हुए मौसम विज्ञान केंद्र ने प्रदेश में येलो अलर्ट जारी कर दिया है। ऊना में हीट स्ट्रोक की एडवाइजरी जारी हुई है। कांगड़ा में स्कूलों का समय बदला दिया गया है। अब सुबह 7:30 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक ही स्कूल खुलेंगे। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार फिलहाल प्रदेश में बारिश के हालात बनते नज़र नहीं आ रहे हैं।लिहाज़ा पहाड़ों का ताप अभी और बढ़ने की संभावना है।
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देश के साथ-साथ प्रदेश में भी मौसम साफ बना हुआ है। तापमान में भी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। बीते कल इस सीजन का सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया। पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ लेकिन बेअसर रहा। ने वाले दिनों में भी प्रदेश में मौसम साफ बना रहेगा। मध्य ऊंचाई और निचले इलाकों में हीट वेव के बने रहने की संभावना है। 26 मई तक प्रदेश में मौसम के यूं ही साफ बने रहने की संभावना है लिहाजा तापमान में भी लगातार दो से तीन डिग्री की बढ़त दर्ज की जाएगी.
संदीप कुमार शर्मा, मौसम वैज्ञानिक IMD शिमला
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई एडवाइजरी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ऊना डॉ संजीव कुमार वर्मा ने जिला ऊना की समस्त जनता के लिए गर्मी की मार (हीट स्ट्रोक) से बचाब के लिये एडवाइजरी जारी करते हुए बताया कि जिस प्रकार जिला ऊना का तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच रहा है व जिस प्रकार जंगलों में आग लग रही है उससे तापमान बढ़ रहा है इससे हीट स्ट्रोक जानलेवा हो सकता है इसलिए हीट स्ट्रोक लू लगने / गर्मी कि मार से बचाव के लिए –
इन लक्षणों के प्रति सचेत रहें :-
तेज सिर दर्द, शारीर का तापमान 104 डिग्री फार्नहाईट, जी मचलाना और उलटी होना, घवराहट होना, सिर चकराना, बेहोशी और चक्कर आना साँस का फूलना, दिल की धड़कन तेज होना, गर्म लाल और सूखी त्वचा।
हीट स्ट्रोक / लू लगने से बचाव के लिए सावधानी बरतें –
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भरपूर पानी पीयें, चाहे आपको प्यास न भी हो।
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जब भी यात्रा करें पानी साथ लेकर जाएँ।
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ओ आर एस का प्रयोग करें। निम्बू पानी, लस्सी आदि लेते रहें ताकि शारीर में पानी की कमी न हो।
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हल्के सूती व ढीले कपडे पहनें।
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धूप में निकलने पर छाता, तौलिया, व टोपी का सिर ढकने के लिए प्रयोग करें।
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धूप में जाते समय जूते चप्पल पहनकर किक्लें।
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दिन के समय धूप आने वाली जगह। की खिड़कियों बंद रखें व पर्दा लगा कर र रखें, रत के समय खिड़कियाँ
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खुली रखें।
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सुरक्षित वातावरण बनाएं।
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ठन्डे पानी से छींटे मारें।
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पंखे का प्रयोग करें, रेडियो, टीवी व अख़बार के माध्यम से मौसम की भविष्यवाणी लेते रहें।
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न करें:- क्या
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जरूरत न हो तो बाहर न निकलें, विशेषकर दिन में 12 बजे से 4 बजे के बीच में।
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भारी कार्य जैसे कसरत इत्यादि न करें।
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शराब, चाय, कॉफ़ी, अत्यधिक मीठे पेय पदार्थ, कोल्ड ड्रिंक गैस वाले पदार्थों का सेवन न करें।
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धूप में बच्चों को न खेलने दें।
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बासी खाना न खाएं। गर्मी की चरम सीमा में खाना ना बनाएं।
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धूप में बच्चों और पालतू जानवरों को गाड़ी में अकेला न छोड़ें।
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गर्मी लगने पर प्राथमिक चिकित्सा के उपाय
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मरीज को तुरंत अंदर या छाया में रखें। पैरों को थोडा ऊंचा करके लिटायें।
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पंखे का इस्तेमाल करके हवा के प्रवाह को तेज करें।
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गीले कपडे से शरीर पौंछें या पानी से छिडकाव करें।
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बेहोशी की हालत में खाने पीने को कुछ न दें। होश आने पर ठंडा पानी या तरल पदार्थ पीने को दें।
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बेहोशी की हालत में अगर उल्टियों हो तो करवट के बल लिटायें। गंभीर लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं या एम्बुलेंस को कॉल करें।
अति संवेदनशील लोग
छोटे बच्चें, गर्भवती महिलाएं, बाहर काम करने वाले लोग, मानसिक रूप से अस्वस्थ व दिव्यांग व्यक्ति।