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National: पश्मीना मार्च निकलने से दो दिन पहले लेह में धारा 144

हाइलाइट्स

  • लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य और संविधान की छठी सूची में इसे शामल करने को लेकर चल रहा आंदोलन
  • लेह जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) संतोष सुखदेव ने धारा 144 को लेकर जारी किए आदेश
  • जिला मजिस्ट्रेट की पूर्व लिखित मंजूरी के बिना जुलूस, रैलियां या मार्च के आयोजन पर रोक

पोस्‍ट हिमाचल न्‍यूज एजेंसी


लेह। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के जिला लेह में शुक्रवार को धारा 114 लागू कर दी गई है। लद्दाख के लिए पूर्ण राज्य और संविधान की छठी सूची में इसे शामिल करने को लेकर आंदोलनरत पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक के सात अप्रैल को लद्दाख के चांगथांग क्षेत्र में पश्मीना मार्च निकालने से दो दिन पहले लेह में धारा 144 लगाई गई है।
लेह जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) संतोष सुखदेव ने इसे लेकर आदेश जारी किया है। लेह पुलिस ने बताया कि डीएम के आदेश का उल्लंघन करने पर कानून के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। डीएम द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि उन्हें विश्वसनीय जानकारी मिली है कि जिले में शांति और व्यवस्था के संभावित उल्लंघन की संभावना है। इस प्रकार, किसी भी गड़बड़ी को रोकने और मानव जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीआरपीसी 1973 की धारा 144 लागू की गई है।

यह है आदेशों में


  • आदेश में जिला मजिस्ट्रेट की पूर्व लिखित मंजूरी के बिना जुलूस, रैलियां या मार्च के आयोजन पर रोक लगाया गया है।

  • लाउडस्पीकरों के उपयोग के लिए सक्षम प्राधिकारी से पूर्व अनुमति की आवश्यकता होगी। पूर्वानुमति के बिना सार्वजनिक समारोहों पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया गया है।

  • लोगों को ऐसे बयान देने के प्रति आगाह किया गया है, जो सांप्रदायिक सद्भाव या सार्वजनिक शांति को बाधित कर सकते हैं, जिससे संभावित रूप से कानून और व्यवस्था की समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

  • सभी गतिविधियों में आदर्श आचार संहिता का अनुपालन एवं कानून का पालन अनिवार्य है।


 

सोनम वांगचुक की 21 दिनों की भूख हड़ताल 27 मार्च को समाप्त हुई थी। इसके बाद महिलाओं के एक समूह के साथ 10 दिनों की भूख हड़ताल शुरू की है। महिलाओं के बाद युवा अनशन पर बैठेंगे। इसी बीच पश्मीना मार्च का आह्वान किया गया है। वांगचुक एक बार शुक्रवार को लेह में अनशन स्थल पर पहुंचे हैं। यहां से सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कहा कि प्रशासन की तरफ से आंदोलनकारियों को डराने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि लद्दाख के लोगों का आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है। ऐसे में लोगों को डराने के बजाय सरकार को चाहिए कि वे उनकी मांगों को पूरा करे। उन्होंने कहा कि इन मांगों को भाजपा ने घोषणा पत्र में भी शामिल किया था।

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