News

KSLF 2024: कसौली क्‍लब में गूंजेगी जादुई आवाज के साथ आज भी लोगों के दिलों में धड़क रहे किशोर दा की अल्‍टीमेट बायोग्राफी

Highlights

  • कसौली क्‍लब में खुशवंत सिंह लिटफेस्ट 2024 का आयोजन  18 से 20 अक्तूबर तक होगा 

  • “Resilience and Renewal” सहनशीलता और पुनर्निर्माण रहेगा इस बार का  थीम

  • 13वें खुशवंत सिंह लिटफेस्ट देश विदेश की नामचीन हस्तियां शिरकत करेंगी

Post Himachal, Kasauli/Solan


देश भर में टॉप टेन लिटफेस्ट में शामिल खुशवंत सिंह लिटफेस्ट का आयोजन इस बार 18 से 20 अक्तूबर तक होगा।”Resilience and Renewal” सहनशीलता और पुनर्निर्माण इसका थीम रहेगा।कसौली क्लब में आयोजित होने वाले 13वें खुशवंत सिंह लिटफेस्ट देश विदेश की नामचीन हस्तियां शिरकत करेंगी। यह एकमात्र लिटफेस्ट है, जो भारत के महान लेखक खुशवंत सिंह के नाम पर अधारित है। दुनिया में लंदन ही एक ऐसा देश है, जहां खुशवंत सिंह के नाम से लिटफेस्‍ट होता है।

पोस्‍ट हिमाचल के साथ विशेष वार्ता में खुशवंत सिंह के बेटे राहुल सिंह ने इसकी जानकारी दी है। उन्‍होंने बताया कि खुशवंत सिंह लिटफेस्ट 2024 का थीम इस बार सहनशीलता और पुनर्निर्माण “Resilience and Renewal” है। आसान शब्‍दों में कहें तो इस बार देश भर की हस्तियों में चर्चा चुनौतियों का सामना करने और नई शुरुआत करने के विचारों पर केंद्रित रहेगी। सहनशीलता का मतलब है कठिनाइयों से उबरने की क्षमता, जो कठिनाइयों के सामने मजबूती और दृढ़ संकल्प दिखाती है। यह तब हार न मानने के बारे में है, जब चीजें बहुत मुश्किल हो जाती हैं।पुननिर्माण नई शुरुआत या कुछ को फिर से जीवंत करने के बारे में है। चुनौतियों का सामना करने के बाद, यह पुनः निर्माण, सुधार और नई ऊर्जा और उम्मीद के साथ आगे बढ़ने का अवसर होता है। उन्‍होंने बताया कि अनिरुद्ध भट्टाचार्य की किशोर कुमार: द अल्टीमेट बायोग्राफी के साथ भारतीय सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ पुस्तक के लिए 70वें राष्ट्रीय पुरस्कार की जीत साहित्यिक उत्कृष्टता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है। इस बार भी अनिरुद्ध भट्टाचार्य की उपलब्धियों पर चर्चा होगी।

कसौली को दूसरा घर मानते थे खुशवंत


खुशवंत सिंह का कसौली के अप्पर मॉल रोड़ पर राज विला नाम से आज भी बंगला है, जिसमें वह अकसर आकर रहा करते थे। इसलिए वह कसौली को दूसरा घर मानते थे। ट्रेन टू पाकिस्तान जैसी कालजयी पुस्तक के हिस्से भी राज विला में लिखे थे।

2012 में हुई थी लिटफेस्‍ट की शुरूआत


खुशवंत सिंह द्वारा साहित्य के क्षेत्र में दिए गए योगदान व कसौली के प्रति लगाव को देखते हुए उनके बेटे व लेखक राहुल सिंह ने 2012 में ही अपने पिता के जिंदा रहते लिटफेस्ट शुरू कर दिया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *