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Jupiter Transit 2024: आज 01 मई को गुरु ने बदली राश‍ि, जानिए किन राशियों पर मेहरबान होंगे देवगुरु बृहस्पति

 

ज्‍योतिषाचार्य पंडित मनोज शर्मा


आज करीब एक बजे  देवगुरु बृहस्पति  वृषभ राशि में गोचर कर गए हैं। सभी 12 राशियों पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा। क्‍योंकि वैदिक ज्योतिष के अनुसार देवगुरु बृहस्पति एक बहुत महत्वपूर्ण ग्रह माने गए हैं। बृहस्पति के कारण ही वनस्पतियों में औषधीय गुण आते हैं। देवगुरु बृहस्पति लगभग 1 साल बाद अपना राशि परिवर्तन करते हैं जिसके कारण इस पृथ्वी पर रहने वाले मनुष्यों पर उसका समुचित प्रभाव पड़ता है। फलित ज्योतिष में देवगुरु बृहस्पति को संतान, विद्या, ब्रह्म तत्व के कार्य, राजनीति, कूटनीति, सिंहासन, सोना, शेयर मार्केट जैसी चीजों का कारक माना गया है।

 

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  • मेष राशि


    मेष राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति भाग्य स्थान और द्वादश स्थान के स्वामी हैं। अब देवगुरु बृहस्पति का गोचर आपकी द्वितीय भाव में होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति की वाणी, संचित धन और कुटुंब सुख का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान बृहस्पति की दृष्टि आपके छठे, अष्टम और दशम भाव पर होगी। बृहस्पति के इस गोचर से मेष राशि के जातकों को धन संबंधी मामलों में सफलताएं प्राप्त होने के योग दिखाई पड़ रहे हैं। आपके भाग्य का सहयोग आपको प्राप्त होगा। आप जहां नौकरी करते हैं वहां आपके मान सम्मान में वृद्धि होगी। मेष राशि के ऐसे जातक जो शिक्षक हैं अथवा राजनीति और कूटनीति के काम से जुड़े हैं उन्हें प्रसिद्धि और सम्मान प्राप्त होने के योग दिखाई पड़ रहे हैं।

  • वृषभ राशि


    वृषभ राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति अष्टम और लाभ स्थान के स्वामी हैं। अब देवगुरु बृहस्पति का गोचर आपके प्रथम भाव में ही होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति के व्यक्तित्व और उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि आपके पंचम, सप्तम और भाग्य स्थान पर होगी। देवगुरु बृहस्पति का यह गोचर वृषभ राशि के जातकों के लिए उनके मन की इच्छाओं को पूरा करने वाला होगा। आपके कार्यस्थल पर आपको प्रमोशन मिल सकती है। उच्च अध्ययन के लिए आप विदेश जा सकते हैं। आपके पिता और गुरुओं से आपको समुचित सहयोग प्राप्त होगा।

  • मिथुन राशि


    मिथुन राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति सप्तम और दशम भाव के स्वामी हैं। अब देवगुरु बृहस्पति का गोचर उनके द्वादश भाव में होगा। इस भाव से व्यक्ति की विदेश यात्राएं, एकांत और व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति को देखा जाता है। इस भाव में विराजमान देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि आपके चतुर्थ भाव, छठे भाव और अष्टम भाव पर होगी। देवगुरु बृहस्पति के इस गोचर से मिथुन राशि के जातकों को अपने कार्य स्थल पर कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। आपको काम के सिलसिले में कुछ ऐसी यात्राएं करनी पड़ सकती हैं जो आपके लिए थकान देने वाली होगी। इस अवधि में आपके खर्चों में वृद्धि होने की सम्भावना दिख रही है। वहीं मिथुन राशि के जातकों को स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से भी बेहद सावधान रहने की आवश्यक्ता है। इस समय लीवर और पेट से जुड़ी कोई बीमारी आपको परेशान कर सकती है।

  • कर्क राशि


    कर्क राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति छठे और नवम भाव के स्वामी हैं। अब देवगुरु बृहस्पति का गोचर आपके लाभ स्थान में होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति की इच्छा पूर्ति का ज्ञान किया जाता है। इस भाव में विराजमान देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि आपके तृतीय भाव पंचम भाव और सप्तम भाव पर रहने वाली है। कर्क राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति का गोचर उनकी सभी इच्छाओं की पूर्ति करने वाला रहने वाला है। इस समय आपको अपने व्यवसाय में इच्छित लाभ की प्राप्ति होगी। आपने पिछले समय में जो मेहनत की है अब आपको उसे मेहनत का लाभ अवश्य प्राप्त होगा। देवगुरु बृहस्पति की कृपा से कर्क राशि के जातकों के लिए उनके साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी। भाई बहनों का सहयोग प्राप्त होगा। यात्राओं से लाभ होगा। इसके अलावा अगर काफी समय से आप संतान प्राप्ति की कोशिश कर रहे हैं तो बृहस्पति के इस गोचर के दौरान आपके घर में किसी नन्हे मेहमान का आगमन भी हो सकता है।

  • सिंह राशि


    सिंह राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति पंचम और अष्टम भाव के स्वामी हैं। अब बृहस्पति का गोचर आपके दशम भाव में होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति के कार्य क्षेत्र और उसकी सफलता का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान बृहस्पति की दृष्टि आपके द्वितीय भाव, चतुर्थ भाव और छठे भाव पर होगी। देवगुरु बृहस्पति के इस गोचर से सिंह राशि के जातकों को अपने कार्यक्षेत्र में अच्छी सफलताएं प्राप्त होने के योग दिखाई पड़ रहे हैं। अगर आप कानून की पढ़ाई पढ़ रहे हैं तो आपको अच्छी सफलताएं प्राप्त हो सकती है। इसके अलावा राजनीति से जुड़े जातकों को उनकी पार्टी की ओर से कोई बड़ी जिम्मेदारी भी दी जा सकती है। यदि आप काफी समय से जिस संपत्ति को खरीदना चाहते हैं अब वह शुभ घड़ी आपके जीवन में आ सकती है। हालांकि देवगुरु बृहस्पति के इस गोचर के प्रभाव से आपको पेट और लीवर से जुड़ी कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी परेशान कर सकती हैं। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि अपने स्वास्थ्य का विशेष तौर से ख्याल रखें।

    कन्या राशि

    कन्या राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति चतुर्थ और सप्तम यानी कि दो केंद्र भाव के स्वामी हैं। अब देवगुरु बृहस्पति का गोचर आपके भाग्य स्थान में होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति के धर्म, उसकी धार्मिक प्रवृत्ति और गुरुओं का विचार किया जाता है। देवगुरु बृहस्पति इस भाव में विराजमान होकर आपके प्रथम भाव, तृतीय भाव और पंचम भाव पर दृष्टिपात कर रहे हैं। देवगुरु बृहस्पति का यह गोचर कन्या राशि के जातकों के जीवन में खुशियां और प्रसन्नता लेकर के आने वाला है। इस राशि परिवर्तन के कारण आपके परिवार और समाज में आपको अच्छा मान सम्मान प्राप्त होगा। आपको देवताओं और अपने गुरुओं का सहयोग पूर्णतया प्राप्त होगा। इसके अलावा भाई बहनों के साथ संबंधों में जो मनमुटाव चल आ रहे थे वह अब नष्ट हो जाएंगे। आपकी यात्राओं से आपको अत्यधिक लाभ प्राप्त होगा। आपका कम्युनिकेशन बहुत अच्छा रहेगा। अगर आप शिक्षक हैं या सरकारी नौकरी कर रहे हैं या किसी के राजनीतिक सलाहकार हैं तो आपको सम्मान भी प्राप्त हो सकता है। कन्या राशि के जातकों को बृहस्पति के गोचर के प्रभाव से शेयर मार्केट से भी अच्छी सफलताएं प्राप्त होने के योग दिखाई पड़ रहे हैं। छात्र वर्ग के लिए समय अच्छा रहेगा।

    तुला राशि

    तुला राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति तृतीय और छठे भाव के स्वामी हैं। अब देवगुरु बृहस्पति का गोचर आपके अष्टम भाव में होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति के जीवन में अचानक से जो घटनाएं होती हैं उनका विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि आपके द्वादश, द्वितीय और चतुर्थ भाव पर होगी। तुला राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति का यह गोचर भाई बहनों के साथ संबंधों में मनमुटाव पैदा कर सकता है। इसके अलावा आपको अपनी नौकरी में भी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अगर आपने किसी को धन उधार दिया है तो उसे वापस लेने में आपको बहुत परेशानी आने वाली है। इसके अलावा व्यापार कर रहे जातकों को विदेशी संबंधों से कुछ नुकसान होने की संभावनाएं दिखाई पड़ रही है। आपके गुप्त शत्रु आपकी छवि को नकारात्मक करने की पूरी कोशिश में लगे हुए हैं। देवगुरु बृहस्पति के इस गोचर के कारण आपकी वाणी कुछ कठोर हो सकती है इसलिए अगर आप मधुर वाणी का प्रयोग करेंगे तो अच्छा रहेगा। पारिवारिक संपत्ति को लेकर किसी प्रकार का वाद विवाद भी उत्पन्न हो सकता है।

    वृश्चिक राशि

    वृश्चिक राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति द्वितीय और पंचम भाव के स्वामी हैं। अब देवगुरु बृहस्पति का गोचर आपके सप्तम भाव में होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति के वैवाहिक जीवन और साझेदारी का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि आपके लाभ स्थान प्रथम स्थान और तृतीय स्थान पर होगी। वृश्चिक राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति का यह गोचर बहुत अच्छा रहने वाला है। जिन जातकों का काफी समय से विवाह नहीं हो रहा है ऐसे लोगों को राहत प्राप्त हो सकती है। आपका विवाह तय हो सकता है। आप अगर काफी समय से अपना कोई नया काम शुरू करना चाहते थे तो उसमें भी अब आपको सफलताएं प्राप्त होने के योग दिखाई पड़ रहे हैं। देवगुरु बृहस्पति के प्रभाव से आपके मित्र और आपके परिवार के लोग आपको सहायता प्रदान करने वाले होंगे। आपके व्यवसाय में विस्तार होगा। आपकी जो कामनाएं हैं उनकी पूर्ति होने का समय अब आ गया है। देवगुरु बृहस्पति की लग्न पर दृष्टि होने से आपके व्यक्तित्व में एक अलग ही प्रकार का निखार आ सकता है और आपको समाज में भी मान सम्मान प्राप्त होगा। कुछ यात्राओं के योग भी बनेंगे और उन यात्राओं से आपको अच्छा लाभ भी आने वाले समय में प्राप्त होगा।

    धनु राशि

    धनु राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति प्रथम और चतुर्थ भाव के स्वामी हैं। अब बृहस्पति का गोचर आपके छठे भाव में होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति के रोग, ऋण और शत्रु का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान बृहस्पति की दृष्टि आपके दशम द्वादश और द्वितीय भाव पर होगी। धनु राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति के गोचर के प्रभाव से कुछ कठिनाइयों के साथ सफलता प्राप्त होने के योग दिखाई पड़ रहे हैं। इस समय आपको स्वास्थ्य संबंधी कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा आपके परिवार में किसी व्यक्ति को लेकर आप परेशान हो सकते है। देवगुरु बृहस्पति का यह गोचर आपको कुछ मानसिक कष्ट की अनुभूति भी प्रदान कर सकता है। इसके अलावा कार्य स्थल पर अपने सीनियर्स को खुश करने के लिए आपको अत्यधिक मेहनत करनी पड़ सकती है। राजनीति से जुड़े जातकों के ऊपर कुछ आरोप लगाए जा सकते हैं। शेयर मार्केट से भी काफी नुकसान हो सकता है। देवगुरु बृहस्पति के गोचर से धनु राशि के जातकों को ससुराल पक्ष के साथ कुछ तकलीफ हो सकती है। आपको सलाह दी जाती है कि अपने जीवनसाथी के साथ किसी भी प्रकार का कोई वाद विवाद ना करें और अपने मित्रों पर अत्यधिक भरोसा ना करें।

    मकर राशि

    मकर राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति तृतीय और द्वादश भाव के स्वामी हैं। अब देवगुरु बृहस्पति का गोचर आपके पंचम स्थान में होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति की शिक्षा, बुद्धि, प्रेम और संतान के सुख का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान बृहस्पति की दृष्टि आपके भाग्य भाव, लाभ स्थान और प्रथम स्थान पर होगी। देवगुरु बृहस्पति के इस इस गोचर से आपके घर में किसी नन्हे मेहमान का आगमन हो सकता है। इसके अलावा जिन जातकों का विवाह नहीं हो रहा है उनके विवाह का प्रस्ताव आ सकता है। अगर आप अपनी संतान को पढ़ाई और अध्ययन के लिए विदेश भेजना चाहते हैं तो देवगुरु बृहस्पति के इस गोचर से आपका यह सपना पूरा हो सकता है। देवगुरु बृहस्पति के राशि परिवर्तन से आपके पिता के व्यवसाय में बहुत अच्छी वृद्धि देखने को मिल सकती है। इस समय आपके मित्र आपके सहायक होंगे और आपके कार्यस्थल पर आपको कोई बड़ी जिम्मेदारी भी दी जा सकती है। आपका पारिवारिक माहौल बहुत अच्छा रहने वाला है। आपके घर में मांगलिक आयोजन होंगे और परिवार के सदस्यों की सेहत भी बहुत अच्छी रहेगी। आप परिवार के लोगों पर धन खर्च करने में सक्षम होंगे।

    कुंभ राशि

    कुंभ राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति द्वितीय भाव और लाभ स्थान के स्वामी हैं। अब देवगुरु बृहस्पति का गोचर आपके चतुर्थ भाव में होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति की मानसिक शक्ति, भौतिक सुख सुविधा और मां का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि आपके अष्टम भाव, दशम भाव और द्वादश भाव पर होगी। देवगुरु बृहस्पति का गोचर चतुर्थ भाव में कुछ मानसिक चिंताएं लेकर के आने वाला हो सकता है। इस दौरान परिवार के सदस्यों के ऊपर आपका कुछ धन खर्च हो सकता है। देवगुरु बृहस्पति के इस गोचर के दौरान आपको अपनी आर्थिक स्थिति को अच्छा बनाए रखना होगा। अनावश्यक खर्चों से खुद को बचाना होगा। ऐसे जातक जो शिक्षक हैं या ज्योतिषी हैं, पुस्तक का प्रकाशन करते हैं ऐसे लोगों के लिए देवगुरु बृहस्पति का गोचर अच्छा फायदा देने वाला हो सकता है। आपके कार्य स्थल पर काफी समय से जो परेशानियां चली आ रही थी उनका अब अंत हो जाएगा। देवगुरु बृहस्पति कुंभ राशि के जातकों के कार्य विस्तार में सहायक होंगे। दशम भाव पर दृष्टिपात करने के कारण आप अपने कार्य का विस्तार करने में सफल होंगे और आपको निवेश भी प्राप्त हो सकता है। ऐसे लोग जो विदेशी संबंधों से फायदा उठाना चाह रहे हैं उनके लिए देवगुरु बृहस्पति का गोचर अमृत तुल्य होने वाला है। इस दौरान आपको अपने विदेशी मित्रों की सहायता से कोई बड़े काम की प्राप्ति हो सकती है। देवगुरु बृहस्पति का यह गोचर राजनीति से जुड़े जातकों के लिए भी शुभ फलदायक साबित होगा।

    मीन राशि

    मीन राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति लग्न और दशम भाव के स्वामी हैं। अब देवगुरु बृहस्पति का गोचर आपके तृतीय भाव में होने जा रहा है। इस भाव से व्यक्ति के साहस, पराक्रम उसके भाई-बहन और यात्राओं का विचार किया जाता है। इस भाव में विराजमान देवगुरु बृहस्पति की दृष्टि आपके सप्तम, नवम और लाभ स्थान पर होगी। मीन राशि के जातकों के लिए देवगुरु बृहस्पति का यह गोचर कुछ कठिनाइयों के साथ सफलताएं लेकर के आ सकता है। इस समय ऐसे जातक जो कम्युनिकेशन, मीडिया, लेखन जैसे कार्यों से जुड़े हुए हैं उनके लिए देवगुरु बृहस्पति अच्छा फायदा करने वाले होंगे। आपके वैवाहिक जीवन में पिछले कुछ समय से जो परेशानियां चली आ रही थी अब उनका अंत भी हो सकता है। आपके व्यापार में जो दिक्कतें आ रही थी अब वह दिक्कतें दूर होगी और अपने व्यापार से आपको अब लाभ भी प्राप्त होने की संभावनाएं दिखाई पड़ रही है। देवगुरु बृहस्पति के इस गोचर के कारण मीन राशि के जातकों की प्रवृत्ति काफी आध्यात्मिक होने वाली है। देवगुरु बृहस्पति का यह गोचर आपको अनेक धार्मिक यात्राएं करवाने वाला होगा। आप किसी नदी के किनारे यज्ञ अथवा हवन भी करवा सकते हैं। साधु-संतों का आशीर्वाद देवगुरु बृहस्पति के कारण आपको प्राप्त होगा। इसके अलावा आर्थिक दृष्टिकोण से भी देवगुरु बृहस्पति आप पर कृपा बरसाने वाले हैं। हालांकि आपको यह सलाह दी जाती है कि आप अपने खर्चों पर नियंत्रण रखे। भाई बहनों के साथ संबंध मधुर होंगे और यात्राओं से भी लाभ होगा।

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