हिमाचल के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटस की जांच शुरू, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने भरे सैंपल
हाइलाइट्स
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मंडी के जोगेंद्रनगर प्लांट में अनट्रीट पानी का सैंपल भी उठाया
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नदीयों से सटे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों पर कड़ी नजर
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उठाउ पेयजल योजनाओं में प्रदूषण रोकने के प्रयास
जोगेंद्रनगर (मंडी), राजेश शर्मा
सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांटों से पेयजल योजनाओं में प्रदूषण की आशंका को लेकर सीपीसीबी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांटों से रिसाईकिल होकर निकल रहे पानी के सैंपल अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू की है। मंडी, कुल्लू और शिमला के अलावा प्रदेश के विभिन्न जिलों में सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांटों में दबिश देकर अनट्रीट पानी के सैंपल भी अपने कब्जे में लिए हैं। मंडी के जोगेंद्रनगर के सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट में भी सीपीसीबी की टीम ने दबिश देकर प्लाटों से ट्रीट कर छोड़े गए पानी के सैंपल और अनट्रीट पानी के सैंपल भी जांच के उठाया है। सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांटों से सटी नदीयों में प्रदूषण को रोकने के लिए यह कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। इस दौरान अगर सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांटों से रिसाईकिल होकर छोड़े जा रहे पानी की गुणवता में अगर कोई खोट आया तो सबंधित विभाग के खिलाफ एनजीटी एक्ट के तहत आवश्यक कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। मंडी जिला के जोगेंद्रनगर की नेरी खड्ड, कुल्लू की ब्यास नदी और शिमला की अश्वनी खड्ड के अलावा जिला मुख्यालय के भी दो सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांटों के सैंपल जांच के लिए सीपीसीबी की टीम ने उठाए हैं। जबकि प्रदेश भर के अन्य सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांटों की गुणवता की जांच के लिए चार सदस्यीय तीन टीमों ने मौर्चा संभाला है। जोगेंद्रनगर के सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट में पहुंची सीपीसीबी की टीम में शामिल अंकित मिश्रा ने बताया कि नदियों में जल प्रदूषण को रोकने के लिए यह जांच प्रदेश भर के सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांटों में शुरू की गई है। बताया कि सैंपलों की रिर्पोट आने के बाद आगामी दिशा निर्देश जारी किए जाएगें।
जोगेंद्रनगर में 1.73 एमएलडी क्षमता के सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट में पहुंचती है शहर के शौचालयों की गंदगी
मंडी के जोगेंद्रनगर के नेर घरवासड़ा पंचायत के मझारनू में स्थित 1.73 एमएलडी क्षमता के सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट में शहर भर के शौचालयों की गंदगी पहुंचती है। करीब 1200 उपभोक्ता सीवरेज योजना से जुड़े हुए हैं। मझारनू स्थित सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट में दूषित पानी को रिसाईकिल कर नेरी खड्ड में छोड़ा जाता है। इसलिए सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट से ट्रीट हुई पानी के सैंपल को जांच के लिए लिया गया है।जलशक्ति विभाग की देखरेख में 2007 से चल रहे सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट में एनजीटी के सभी नियमों की पालना की जा रही है। विभाग के अधिशाषी अभियंता अराध्य ने बताया कि प्रतिदिन ट्रीट किए गए पानी के सैंपल की जांच के बाद ही इसे साथ लगती खड्ड में छोड़ा जाता है। बताया कि इससे पहले हिमाचल प्रदूषण बोर्ड ने भी सैंपल उठाए थे। जिसकी सही जांच के बाद अब सीपीसीबी की टीम ने सैंपल जांच के लिए उठाए हैं।