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हिमाचल में घटिया दवा उत्‍पादन पर होगा सजा का प्रावधान, हाईकोर्ट ने दिए निर्देश

 

हाइलाइट्स

  • प्रदेश में घटिया और नकली दवाओं के उत्‍पादन पर हाइकोर्ट ने जताई चिंता 
  • जिम्‍मेवार दवा‍ निर्माताओं और प्रयोगशालाओं के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान करने पर विचार करने के आदेश

  • र्ट ने कहा कि अब समय आ गया है कि घटिया और नकली दवा निर्माताओं पर हो कड़ी कार्रवाई

पोस्‍ट हिमाचल न्‍यूज एजेंसी


शिमला। फार्मा हब के रूप में विकसित हिमाचल के बीबीएन समेत प्रदेश भर में बनी दवाओं की गुणवत्‍ता पर सवाल उठना शुरू हो चुके हैं। अब हाईकोर्ट ने प्रदेश में घटिया दवाओं के उत्पादन की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए संबंधित दवा निर्माताओं और प्रयोगशालाओं के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान करने पर विचार करने के आदेश जारी किए। सरकार से इस मामले में स्‍टेटस रिपोर्ट तलब की है। कोर्ट के अनुसार कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं कि अफ्रीकन देशों में हिमाचल प्रदेश में बनाई दवाओं का इस्तेमाल करने से अनेक मौतें हुईं। कोर्ट ने कहा कि अब समय आ गया है जब नकली दवा निर्माताओं के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान किया जाए। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने कहा कि यह व्यथित कर देने वाली बात है कि बद्दी में दो राज्य दवा प्रयोगशालाओं को चलाने के लिए पर्याप्त धन की व्यवस्था होने के बावजूद उन्हें संचालित नहीं किया जा रहा।

  • यहां तक कि एक प्रयोगशाला के लिए भवन का निर्माण केंद्र और राज्य सरकार ने जनता का धन खर्च कर बनाया। इन प्रयोगशालाओं की आवश्यकता होते हुए भी इन्हें न चलाया जाना खेद का विषय है। कोर्ट ने सरकार को इन
  • प्रयोगशालाओं के संचालन में आ रही बाधाओं को दूर करने के प्रयास करने के आदेश दिए। मामले की सुनवाई के दौरान पीपल फॉर रिस्पांसिबल गवर्नैंस संस्था की ओर से अदालत को बताया गया कि वर्ष 2014 में उद्योग विभाग की ओर से 3.50 करोड़ रुपए प्रयोगशाला के निर्माण के लिए खर्च किए गए हैं, लेकिन अभी तक इसे चालू नहीं किया गया है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने बारहवीं पंचवर्षीय योजना के तहत 30 करोड़ रुपए की राशि जारी की थी।

सुनवाई 28 अगस्त को निर्धारित की गई


दैनिक समाचार पत्रों में छपी खबरों पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। खबरों में उजागर किया गया है कि राष्ट्रीय औषधि नियामक और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने हिमाचल में निर्मित 11 दवाइयों के नमूनों को घटिया घोषित किया है, जबकि एक नमूने को नकली पाया गया। नकली पाई जाने दवाइयों में एक पशु चिकित्सा दवा भी शामिल है। मामले पर सुनवाई 28 अगस्त को निर्धारित की गई है।

 

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