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हिमाचल में आर्थिक संकट: आज भी पगार और पेंशन की उम्‍मीद कम

Highlights

  • CM सुखविंद्र सिंह सुक्‍खू से आज मिलेंगे कर्मचारी नेता
  • सूबे में 2 लाख से ज्यादा कर्मचारी और 1.50 लाख पेंशनर
  • 2 दिन से अपनी सैलरी और पेंशन के मैसेज का इंतजार

Post Himachal, Shimla


2 लाख से ज्यादा कर्मचारी और 1.50 लाख पेंशनर को आज भी सैलरी और पेंशन मिलने की उम्‍मीद कम ही है। मीडिया रिपोर्टस के सूत्रों की मानें तो पुराने कर्ज का ब्याज लौटाने के चक्कर में ऐसा हो रहा है। सरकार ने 5 तारीख को सैलरी और पेंशन देने का फैसला लिया है।

चर्चा है कि प्रदेश में आर्थिक संकट के कारण पहली बार लाखों कर्मचारियों और पेंशनरों को यह दिन देखने को मिला है। जब पहली तारीख को पैसा नहीं दिया गया है।बता दें कि कर्मचारी-पेंशनर 2 दिन से अपनी सैलरी और पेंशन के मैसेज का इंतजार कर रहे है। यही नहीं कर्मचारी और पेंशनर दिनभर एक दूसरे को फोन करके सैलरी-पेंशन के मैसेज के बारे में पूछते रहे। आज तीन तारीख होने के बावजूद सैलरी मिलने की कम ही उम्मीद है। लिहाजा इस मसले पर बीते कल विधानसभा में विपक्ष ने भी ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लेकर चर्चा की मांग की थी।

बैंक लोन की किश्तें 2 से 5 तारीख के बीच काटता है


उधर कर्मचारी नेताओं का कहना है कि सीएम से मिलकर सैलरी जल्द देने का अनुरोध किया जाएगा। क्योंकि कर्मचारियों ने बैंकों से लोन ले रखा है। बैंक लोन की किश्तें 2 से 5 तारीख के बीच काटता है। दूसरे कर्मचारी गुट के अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर ने कहा कि सैलरी में देरी का मामला सीएम से उठाया जाएगा और जल्द सैलरी देने का आग्रह करेंगे।

94 हजार करोड़ कर्ज हो चुका


हिमाचल सरकार पर लगभग 94 हजार करोड़ रुपए का कर्ज और 10 हजार करोड़ की कर्मचारियों की देनदारियां बकाया है। सरकार की आमदन्नी का ज्यादातर हिस्सा सैलरी-पेंशन, पुराने कर्ज का बयान व पुराना कर्ज लौटाने में खर्च हो रहा है। केंद्र से भी निरंतर बजट में कटौती हो रही है। इससे सरकार आर्थिक संकट से जूझ रही है।

 

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