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आर्थिक संंकट: सरकारी कर्मचारियों को पांच दिन बाद मिली सेलरी

Shimla: हिमाचल प्रदेश के 2 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को वीरवार को पांच दिन देरी से सेलरी मिल गई है। आर्थिक संकट के बीच सेलरी मिलने के बाद कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है। वहीं 1.50 लाख पेंशनर को पेंशन के लिए 10 तारीख का इंतजार करना होगा। प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब कर्मचारियों और पेंशनर को पहली तारीख को सेलरी-पेंशन नहीं मिल पाई।

राज्य में इस तरह के हालात आर्थिक हालात के कारण पनपे है। राज्य पर लगभग 94 हजार करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ चुका है। 10 हजार करोड़ रुपए की कर्मचारियों व पेंशनर की सरकार पर देनदारी है। राज्य सरकार ने आर्थिक संकट के कारण 5 दिन देरी से सेलरी व 10 दिन विलंब से पेंशन देने का निर्णय लिया है। इससे सरकार की किरकिरी हुई है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा, यह निर्णय अनावश्यक ऋण पर खर्च होने वाले ब्याज से बचने के लिए लिया गया है। इससे सालाना 36 करोड़ रुपए की बचत होगी। मुख्यमंत्री ने कहा, भारत सरकार से हमें 6 तारीख को रेवेन्यू डेफिसिएट ग्रांट (RDG) में 520 करोड़ रुपए और 10 तारीख को केंद्र से सेंट्रल शेयर टैक्स में 740 करोड़ रुपए मिलते हैं। इससे हमें 5 दिन के लिए ऋण लेना पड़ता है। इसका ब्याज चुकाने पर हर महीने 3 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं।

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