बदहाल शिक्षा: पाली शानन प्राथमिक पाठशाला में नौनिहालों के भविष्य पर संकट
हाइलाइट्स
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न संसाधन, शिक्षकों का भी टोटा
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1960 के दशक से चल रहा स्कूल
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कक्षाओं के लिए कमरों की दरकार
पोस्ट हिमाचल न्यूज एजेंसी
जोगेंद्रनगर(मंडी),राजेश शर्मा। हिमाचल प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन की नई सरकार के करीब डेढ साल पूरे होने के बाद भी प्राथमिक पाठशालाओं में सुविधाओं व संसाधनों का अभाव नन्हें विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य पर बुरा असर डाल रहा है। मंडी जिला के जोगेंद्रनगर के पाली शानन प्राथमिक पाठशाला में संसाधनों और शिक्षकों की कमी के चलते शिक्षा व्यवस्था बदहाल हो गई है। यहां पर शिक्षा ग्रहण कर रहे कुल 23 विद्यार्थियों के लिए कमरों की कमी भी बनी हुई है। दो कमरों में चल रहे प्राथमिक पाठशाला के एक कमरे को मिड डे मील के इस्तेमाल में लाना शिक्षक की मजबूरी बन चुकी है। शैक्षणिक भवन छोटा होने के कारण नर्सरी के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा विभाग के द्वारा उपलब्ध करवाए गए संसाधन भी बंद पड़े हुए हैं। हैरत की बात है कि नर्सरी की पढ़ाई के लिए कमरे तक की सुविधा नहीं है। शिक्षकों की बात करें तो यहां पर एक शिक्षक के हवाले ही स्कूल का दारोमदार है। इनके अवकाश पर चले जाने से विद्यार्थी भी शिक्षा से महरूम हो जाते हैं। कुछ विद्यार्थी खुले आसमान के नीचे भी शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। जबकि पढ़ाई के लिए आरक्षित किए गए दो कमरे भी सामान से भरे हुए पाए गए। इन कमरों में जदोजहद कर कुछ डेस्क भी विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए लगाए गए हैं।
अभिभावक भी खफा
बहरहाल प्राथमिक पाठशाला पाली शानन में शिक्षकों व संसाधनों के अभाव से अभिभावक भी खफा है और शिक्षा विभाग से व्यवस्था में सुधार लाने की मांग की गई है।
स्कूल में तैनात शिक्षक राजेश कुमार से प्राप्त जानकारी के अनुसार उन्होंने संसाधनों के अभाव की जानकारी शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को दे दी है।
खंड चिकित्साधिकारी अंजू कश्यप ने बताया कि वह प्राथमिक पाठशाला में पेश आ रही समस्याओं के समाधान को लेकर शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से पत्राचार करेगी। स्कूल प्रबंधन से भी विस्तृत रिर्पोट हासिल कर आवश्यक कार्रवाई अमल में लाएगें।