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आयुर्वेदिक औषधियों आर्थिकी मजबूत करें प्रगतिशील उद्यमी किसान: अरूण चंदन

हाइलाइट्स

  • आरसीएफसी जोगेंद्रनगर में महिला उद्यमिता कौशल विकास की दो दिवसीय कार्यशाला में प्रगतिशील किसानों को दिए टिप्स
  • सीमैप-2024 के तहत आयोजित इस कार्यशाला में उत्तर भारत के प्रगतिशील महिला उद्यमी किसान होगें सम्मानित

पोस्‍ट हिमाचल न्‍यूज एजेंसी


जोगेंद्रनगर, राजेश शर्मा । राष्‍ट्रीय औषध पादप बोर्ड के उत्तर भारत क्षेत्रीय कार्यालय स्थित जोगेंद्रनगर में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं के उद्यमिता कौशल विकास पर दो दिवसीय कार्यशाला प्रारंभ हुई। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य पर सीमैप-2024 के तहत आयोजित की जा रही इस दो दिवसीय कार्यशाला में औषधीय एवं सुगंधित पौधों के क्षेत्र में काम करने वाले स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। राष्ट्रीय औषध पादप बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अरूण चंदन ने बताया कि इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन कार्यशाला की संयोजिका डॉ. अविका शुभ के नेतृत्व में संस्थान की महिला कर्मियों द्वारा किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यशाला के माध्यम से जहां औषधीय एवं सुगंधित पौधों के क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को उद्यमिता कौशल विकास पर प्रशिक्षित किया जा रहा है तो वहीं इनके द्वारा तैयार उत्पादों को बेहतर विपणन सुविधा की दृष्टि से भी इनका ज्ञानवर्धन किया जाएगा ताकि उद्यमी किसान आर्थिक तौर पर मजबूत हो सके।

 

महिलाएं व स्वयं सहायता समूह होंगी सम्मानित


औषधीय पौधों एवं जड़ी बूटियों के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने वाली महिलाओं व स्वयं सहायता समूहों को सम्मानित भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कार्यशाला के पहले दिन ऐशनेट कंसल्टिंग प्राईवेट लिमिटेड के महाप्रबंधक आशीष भगोरिया ने उपस्थित महिलाओं का मार्गदर्शन किया। उन्होंने विभिन्न स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किये जा रहे विभिन्न उत्पादों की बेहतरीन मार्केटिंग के विभिन्न तरीकों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज महिलाएं आर्थिक गतिविधियों से जुडक़र परिवार की आर्थिकी को सुदृढ़ बनाने में निरन्तर प्रयासरत हैं। लेकिन बेहतरीन मार्केटिंग तकनीक के अभाव में उन्हें तैयार उत्पादों के बेहतर दाम नहीं मिल पाते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं महिला उद्यमिता विकास में सहायक सिद्ध होंगीं। इस बीच उपस्थित महिलाओं ने तैयार उत्पादों की मार्केटिंग को लेकर अपने अनुभव भी साझा किये।

  • कार्यशाला में ऑनलाइन माध्यम से लवली प्रोफेशनल युनिवर्सिटीज की रजिस्ट्रार डॉ. मोनिका गुलाटी भी जुड़ी। उन्होंने महिलाओं को अचार-चटनी इत्यादि प्रोडक्टस तैयार करने से ऊपर उठाकर उनमें उद्यमिता कौशल विकसित करने पर जोर दिया। कार्यशाला में करियर प्वाइंट विश्वविद्यालय हमीरपुर के वाइस चांसलर प्रो. संजीव कुमार ने भी उपस्थित महिलाओं का मार्गदर्शन किया। 
  • कृषि वित्त निगम के एजीएम डॉ. हरजीत सिंह ने भी अपने बहुमूल्य विचार साझा किये। इसके अलावा ऑनलाइन माध्यम से उतर भारत के विभिन्न राज्यों में औषधीय एवं सुगंधित पौधों तथा जड़ी बूटियों के उत्पादन व प्रसंस्करण में बेहतरीन काम करने वाली महिलाओं ने भी अपने अनुभव साझा किये हैं। इस अवसर पर भारतीय चिकित्सा पद्धति अनुसंधान संस्थान हर्बल गार्डन के प्रभारी उज्ज्वदीप सिंह, प्रो. डीआर नाग, डॉ. पंकज पालसरा, डॉ. सौरभ, शीतल चंदेल सहित संस्थान से जुड़े अन्य अधिकारी व कर्मचारी तथा प्रदेश के विभिन्न स्थानों से पहुंचे स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं मौजूद रहीं।

 

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